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IPS Zahur Haider Zaidi Biography: कौन हैं आईपीएस जहूर हैदर जैदी, जिन्हें हुई उम्रकैद की सजा, जानिये उनके बारे में

IPS Zahur Haider Zaidi Biography: जहूर हैदर जैदी 1994 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने हैं। आईजी रैंक के जैदी को हिरासत में एक आरोपी की मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

IPS Zahur Haider Zaidi Biography: कौन हैं आईपीएस जहूर हैदर जैदी, जिन्हें हुई उम्रकैद की सजा, जानिये उनके बारे में
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By Neha Yadav

IPS Zahur Haider Zaidi Biography: जहूर हैदर जैदी हिमाचल प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे मूलतः उत्तरप्रदेश के लखनऊ के रहने वाले है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने हैं। सराहनीय सेवाओं के लिए जहूर हैदर जैदी को राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है। आईजी रैंक के जैदी को स्कूली छात्रा के साथ रेप और मर्डर के मामले में आरोपी रहे सूरज की पुलिस अभिरक्षा में प्रताड़ना से मौत के मामले में जैदी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आईए जानते है उनके बारे में....

जन्म और शिक्षा

आईपीएस जहूर हैदर जैदी हिमाचल प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। जैदी का जन्म उत्तर प्रदेश के ही लखनऊ में 1968 को हुआ था। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद जैदी ने मैकेनिकल ब्रांच से बीटेक किया। बीटेक करने के बाद यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगे। 1993 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्रैक की और आईपीएस के लिए चयनित हुए। जहूर हैदर जैदी को आईपीएस का 1994 बैच और हिमाचल प्रदेश कैडर एलॉट हुआ।

प्रोफेशनल कैरियर

जहूर हैदर जैदी हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर पदस्थ रहे हैं। लगातार कई वर्षों की सेवा के बाद आईपीएस जहूर हैदर जैदी को वर्ष 2010 में उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। नौकरी के दौरान ही उन्होंने पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री भी ली है।

आईजी रैंक के अधिकारी के रूप में प्रमोशन पाने के बाद जहूर हैदर जैदी आईजी ट्रैफिक के पद पर रहें। वर्ष 2017 में आईजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर कार्यरत रहे। हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित गैंग रेप केस हुआ था। शिमला के कोटखाई इलाके में तांदीजंगल एक स्कूली छात्रा के साथ 4 जुलाई 2017 को गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। छात्रा के शव को निर्वस्त्र अवस्था में जंगल में ही छोड़कर फरार हो गए थे। इस मामले में काफी बवाल मचा था। इस रेप और हत्याकांड को गुड़िया हत्याकांड का नाम दिया गया था। उस समय यहां कांग्रेस की सरकार थी। तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। जिसकी कमान आईजी जहूर हैदर जैदी को सौंपी गई थी। एसआईटी ने 13 जुलाई 2017 को केस सुलझाने का दावा किया और सूरज नाम के शख्स समेत सात आरोपियों को हिरासत में लिया। सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले के खुलासे का दावा सूरज ने किया था। इन्हीं में से एक आरोपी नेपाली मूल के सूरज की 18 जुलाई 2017 कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस कस्टडी के दौरान लॉकअप में हत्या होने को लेकर जमकर बवाल मचा था।

शव का पोस्टमार्टम करवाने पर पुलिस टार्चर का पता चला। हाईकोर्ट ने यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया था। सीबीआई ने अपनी जांच में आईपीएस जहूर हैदर जैदी समेत अन्य आरोपियों को मौत के लिए जिम्मेदार मान अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया था। जैदी पर इस दौरान गवाहों को धमकाने के आरोप भी लगे थे। अगस्त 2017 में जैदी समेत अन्य पुलिस वालों को जेल दाखिल किया गया था 582 दिनों तक जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत में अप्रैल 2019 में जैदी छूटे थे। नवंबर 2019 में उन्हें बहाल कर दिया गया। 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने जैदी को दोबारा निलंबित कर दिया। जनवरी 2023 में कांग्रेस सरकार ने जैदी की सेवाएं बहाल कर दीं। सितंबर 2023 में उन्हें पुलिस विभाग में तैनाती भी दे दी गई थी। अब उन्हें और सात अन्य पुलिस वालों को सीबीआई कोर्ट की जज अलका मलिक ने आजीवन कारावास और एक– एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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