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IPS Ravi Sinha Biography in Hindi: नए रॉ चीफ थे धमधा TI : छत्तीसगढ़ कैडर बनने के बाद PHQ में एआईजी बने थे रवि सिन्हा, राजनांदगांव एसपी भी रहे

IPS Ravi Sinha Biography in Hindi: रवि सिन्हा मूलत: बिहार के भोजपुर जिले से हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है. 1988 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी.

IPS Ravi Sinha Biography in Hindi: नए रॉ चीफ थे धमधा TI : छत्तीसगढ़ कैडर बनने के बाद PHQ में एआईजी बने थे रवि सिन्हा, राजनांदगांव एसपी भी रहे
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By Manoj Vyas

Raw Chief IPS Ravi Sinha Biography in Hindi:

रायपुर / नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस रवि सिन्हा (1988 बैच) को जब अविभाजित मध्यप्रदेश कैडर मिला, तब अपने प्रोबेशन के दौरान धमधा के टीआई रहे. इसके बाद वे रायपुर में सीएसपी कोतवाली की जिम्मेदारी संभाली. राजनांदगांव में 3 जून 1995 से 4 अक्टूबर 1996 तक एसपी रहे. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे योजना एवं प्रबंध के एआईजी थे. इसके बाद केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर चले गए, फिर वहीं के रह गए. रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) में वे क्रमबद्ध तरीके से एक-एक पायदान ऊपर जाते रहे. अब वे खुफिया एजेंसी के सर्वोच्च पद को संभालेंगे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की अपॉइंटमेंट कमेटी ने रवि सिन्हा को रॉ का नया चीफ बनाने की मंजूरी दे दी है. रवि फिलहाल स्पेशल सेक्रेटरी रैंक पर काम कर रहे थे. 11 फरवरी 2021 को वे डायरेक्टर जनरल रैंक के लिए इम्पैनल हुए थे. सिन्हा मूलत: बिहार के भोजपुर जिले से हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है. 1988 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. इसके बाद उन्हें मध्यप्रदेश कैडर मिला. हालांकि सिन्हा ने 1989 बैच के साथ ट्रेनिंग की है. छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस संजय पिल्ले भी 1988 कैडर के आईपीएस हैं, जिन्होंने 1989 बैच के साथ ट्रेनिंग की है. डीजीपी अशोक जुनेजा छत्तीसगढ़ के 1989 बैच के इकलौते आईपीएस हैं.

छत्तीसगढ़ बनने के बाद कुछ दिन रहे

मध्यप्रदेश से अलग होकर एक नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना. सिन्हा ने यहां जॉइनिंग दी. पुलिस मुख्यालय में एआईजी योजना एवं प्रबंध रहे. इसके बाद वे रॉ के अधिकारी के रूप में दिल्ली चले गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रवि सिन्हा ऐसे अफसर हैं, जिन्हा खुफिया विभाग में काम के क्षेत्र में विश्व में नाम है. उन्हें ऑपरेशन मैन कहा जाता है. सिन्हा को जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों के अलावा पड़ोस के घटनाक्रमों पर अच्छी पकड़ के लिए जाना जाता है.

भारत में 1968 में हुआ था रॉ का गठन

बता दें कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का गठन 21 सितंबर 1968 को हुआ था. इससे पहले तक इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के पास देश के भीतर और बाहर दोनों ही तरह की खुफिया जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी थी. रॉ का मुख्य काम विदेशी खुफिया जानकारी, आतंकवाद का मुकाबला, प्रसार-विरोधी, भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह देना और भारत के विदेशी सामरिक हितों को आगे बढ़ाना है.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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