IPS Pankaj Chaudhary Demotion: IPS का डिमोशन, दो शादी करने वाले अफसर पर गिरी गाज...जानिए कौन हैं आईपीएस पंकज चौधरी
IPS Pankaj Chaudhary Demotion: राजस्थान से अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहाँ पहली बार किसी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी का डिमोशन हुआ है. राजस्थान में सिंघम के नाम से मशहूर आईपीएस पंकज चौधरी (IPS Pankaj Chaudhary) का 3 साल के लिए डिमोशन कर दिया गया है.

IPS Pankaj Chaudhary Demotion: राजस्थान से अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहाँ पहली बार किसी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी का डिमोशन हुआ है. राजस्थान में सिंघम के नाम से मशहूर आईपीएस पंकज चौधरी (IPS Pankaj Chaudhary) का 3 साल के लिए डिमोशन कर दिया गया है. यह कार्रवाई दो शादियां करने के मामले में हुई है.
अधिकारी का हुआ डिमोशन
जानकारी के मुताबिक़, राजस्थान पुलिस विभाग में सिंघम कहे जाने वाले आईपीएस पंकज चौधरी का 3 साल के लिए डिमोशन किया गया है. लेवल 11 की वेतन श्रृंखला से उन्हें लेवल 10 की कनिष्ठ वेतन श्रृंखला में डाल दिया गया है. पंकज चौधरी वर्तमान में पुलिस अधीक्षक (कम्युनिटी पुलिसिंग), पुलिस मुख्यालय जयपुर के पद पर कार्यरत हैं. डिमोशन के बाद उनका पदनाम बदलकर ‘पुलिस अधीक्षक (लेवल 10)’ कर दिया गया है. इसको लेकर कार्मिक विभाग ने आदेश जारी किए हैं.
आईपीएस ने की दो शादी
दरअसल, कारवाई दो शादियां करने के मामले में हुई है. आईपीएस पंकज चौधरी पर अपनी मौजूदा पत्नी से तलाक लिए बिना ही दूसरी महिला के साथ पत्नी के रूप में संबंध स्थापित करने और उससे संतान पैदा करने का आरोप है. इस मामले में उन्हें साल 2019 में बर्खास्त भी किया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार के समय केंद्र सरकार ने आईपीएस पंकज चौधरी को बर्खास्त किया गया था. केंद्र सरकार का तर्क था कि बिना तलाक दूसरी शादी करना अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3-1 का उल्लंघन है. हालाँकि साल 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी बहाली को लेकर आदेश जारी किया था. वहीँ अब उन पर डिमोशन की कार्रवाई हुई है.
पंकज चौधरी ने क्या कहा..
वहीँ, पंकज चौधरी ने उनपर हुई इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा, विषय ये नहीं है की प्रमोशन हुआ या डिमोशन हुआ. विषय है माननीय न्यायालयों के आदेशों की जानबूझकर की जाने वाली अवमानना जो दुर्भाग्यपूर्ण है. ये लक्षण व परिपाटी राज्य के लिए घातक है, दुःखद है. सिस्टम से विश्वास टूटता है. निष्पक्षता व न्याय शांति का आधार है. सत्यमेव जयते - जयहिन्द - जयभारत
हर जंग एक क़ीमत माँगती है. ये जंग विशेष है ,संगठित करप्ट और अवसरवादियों से है. चापलूसी और चाटुकारिता के कलियुग में ये जंग आने वाली पीढ़ियों की बेहतरी के लिए है।जो बर्ख़ास्तगी झेल गया उसे ये धूर्त ,अवसरवादी प्रजाति प्रमोशन/डिमोशन से क्या डरायेंगे ?ईश्वर इन्हें सदबुद्धि प्रदान करें.
कौन है आईपीएस पंकज चौधरी
पंकज चौधरी राजस्थान कैडर के 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे वर्तमान में पुलिस अधीक्षक कम्युनिटी पुलिसिंग, पुलिस मुख्यालय जयपुर के पद पर कार्यरत हैं. आईपीएस पंकज चौधरी राजस्थान के चर्चित अधिकारी है वो अपने निजी और सार्वजनिक दोनों मामलों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. पंकज चौधरी पूर्व में सरकारों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं पर किये गए टिप्पणियो को लेकर भी चर्चा में रह चुके हैं. वहीँ काम के चलते उन्हें राजस्थान पुलिस विभाग का सिंघम भी कहा जाता है. उनके द्वारा किए गए नवाचारों के लिए राजस्थान पुलिस को डूइंग गुड फ़ॉर भारत अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया जा चूका है. तो आईये जानते हैं उनके बारे में...
राजस्थान कैडर के 2009 बैच के आईपीएस पंकज चौधरी का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ. उन्होंने वाराणसी से हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. 2009 में यूपीएससी परीक्षा पास कर राजस्थान कैडर के IPS अधिकारी बनें. आईपीएस पंकज चौधरी को इंटरव्यू में 230 अंक मिले थे. आईपीएस बनने से पहले उन्होंने दो सरकारी और दो प्राइवेट नौकरियां कीं.
कई जिलो में रहे एसपी
आईपीएस पंकज चौधरी कई बड़े जिलो में सेवा दे चुके हैं. उन्होंने राजस्थान के कई जिलों में एसपी के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं. वो जैसलमेर, बूंदी, जयपुर, कोटा, बांसवाड़ा जिलों में एसपी रह चुके हैं. आईपीएस पंकज चौधरी वर्तमान में कम्युनिटी पुलिसिंग के एसपी हैं. जबसे वे कम्युनिटी पुलिसिंग के एसपी बने है राजस्थान पुलिस को नई पहचान मिली है. उनके द्वारा किये गए कार्य के चलते राजस्थान पुलिस को डिया सीएसआर एंड ईएसजी की ओर से डूइंग गुड फ़ॉर भारत अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया जा चूका है.
पारिवारिक विवाद के चलते 2019 में हुए थे बर्खास्त
आईपीएस पंकज चौधरी का सबसे ज्यादा अपने निजी मामलों के चलते चर्चा में आये हैं. जिसके चलते उन्हें बर्खास्ती की भी कार्रवाई झेलनी पड़ी. आईपीएस पंकज चौधरी ने पहली पत्नी से तलाक लिए बिना ही दूसरी महिला के साथ शादी कर ली .इस मामले में उन्हें साल 2019 में बर्खास्त भी किया गया था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह तर्क देते हुए कि बिना तलाक दूसरी शादी करना अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3-1 का उल्लंघन है. उन्हें बर्खास्त कर दिया था. पंकज चौधरी ने अपनी बर्खास्तगी के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी. साल 2020 के दिसंबर में सेंट्रल ऐडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल ने उनकी बर्खास्तगी को गलत बताया और फिर से बहाल करने का फैसला सुनाया. जिसके बाद साल 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी बहाली का आदेश जारी किया था.
कौन है पंकज चौधरी की पत्नी
मुकुल चौधरी पंकज चौधरी की दूसरी पत्नी है. मुकुल चौधरी एक बड़े राजनीतिक परिवार घराने से आती हैं. मुकुल चौधरी राजनीति में जाना-पहचाना चेहरा है. वर्तमान में मुकुल पंकज चौधरी भाजपा में एक सक्रिय नेता के रूप में कार्यरत हैं. वह राजस्थान की पूर्व मंत्री शशि दत्ता की बेटी हैं. जो राजस्थान में 1993 में भैरों सिंह शेखावत सरकार में कानून मंत्री थीं. मुकुल चौधरी ने पोद्दार स्कूल आफ मैनेजमेंट जयपुर से मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) किया है. मुकुल चौधरी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर से लोक प्रशासन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है.
मुकुल चौधरी ने 2018 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ झालरापाटन सीट से चुनाव लड़ने की ठान ली थी. जिसके लिए उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी उनके निवास पर मुलाकात की थी. हालाँकि बाद में वो पीछे हट गयी थी. वहीँ साल 2019 में मुकुल ने जोधपुर लोकसभा सीट से वैभव गहलोत के खिलाफ बसपा से चुनाव लड़ा था. साल 2023 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया. इसके अलावा वो सामाजिक कार्यों में भी काफी सक्रिय है. वो हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती है. उन्हें अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं.
राजनीती में भी अधिकारी का नाम
बता दें, बर्खास्ती के दौरान साल 2019 पंकज चौधरी ने पत्नी के साथ राजनीती में भी हाथ आजमाया था. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ने की कोशिश की थी. बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से टिकट दिया था. जिसके लिए उन्होंने नामांकन भी किया था. लेकिन बर्खास्तगी का सर्टिफिकेट नहीं लगाने के चलते उनका नामांकन खारिज हो गया था.
विवादों से पुराना नाता
पंकज चौधरी का विवादों से पुराना नाता रहा है. जैसलमेर एसपी के दौरान उन्हें इस वजह से पद से हटा दिया गया था. अशोल गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में जैसलमेर एसपी रहते हुए वो कांग्रेस के क़द्दावर नेता गाज़ी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट खोलकर चर्चा में आए थे. तब सरकार ने फक़ीर परिवार के दबाव में उन्हें एसपी पद से हटा दिया था.
आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी अपने एक पत्र को लेकर भी चर्चा में थे. उन्होंने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुला पत्र लिखा था. जिसमे उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कई आरोप लगाए थे. उन्होंने लिखा था मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पांच मिनट व्यक्तिगत मिलने का समय मांगा गया था लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. उन्होंने जान जोखिम में डालकर विधायक को रेस्क्यू" किया. मगर उन्हें इसके लिए गैलेंट्री पुरस्कार नहीं किया गया. वहीँ गाजी फकीर और पोकरण के विधायक सालेह मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने पर उनका तबादला कर दिया गया. उनका यह लेटर काफी वायरल हुआ था.