IPS Manish Agrawal Biography in Hindi: शादी के बहाने कैडर चेंज कराने और फिर तलाक देने वाले चर्चित IPS मनीष अग्रवाल के खिलाफ चलेगा मुकदमा, जानिये कौन हैं मनीष
IPS Manish Agrawal Biography in Hindi: रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपी आईपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भारत सरकार ने अनुमति दे दी है। मनीष को रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने गिरफ्तार किया था।
एनपीजी ब्यूरो
IPS Manish Agrawal Biography in Hindi: जयपुर। भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामलों में देश के चर्चित आईपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ अब मुकदमा चलेगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के नाते राजस्थान सरकार ने भारत सरकार से उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए इजाजत मांगी थी। डीओपीटी से उन्हें हरी झंडी मिल गई है। मनीष अग्रवाल रिश्वत के मामले में गिरफ्तार होकर जेल गए थे। वे पिछले तीन साल से लगातार सस्पेंड चल रहे हैं।
2010 बैच के आईपीएस अधिकारी
यूपी के रहने वाले मनीष अग्रवाल 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस में उन्हें जम्मू कश्मीर कैडर मिला था। बाद में उन्होंने राजस्थान कैडर की आईपीएस से शादी की और इसी आधार पर उनका कैडर चेंज हो गया और इसके बाद वे राजस्थान आ गए। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में यह मानने वालों की कमी नहीं कि मनीष ने कैडर बदलवाने के लिए शादी की और उसके बाद पत्नी को तलाक दे डाला।
रिश्वत केस में गिरफ्तार
मनीष 2010 बैच के आईपीएस हैं और 2021 में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हो गए। वे मात्र दो जिलों में 10 महीने एसपी रहे और इस अल्पकाल में उन्होंने कई कारनामे कर डाले। मार्च 2014 में मनीष अग्रवाल जम्मू कश्मीर से राजस्थान कैडर में आए थे। अक्टूबर 2014 में उनकी पहली पोस्टिंग हेडक्वार्टर में मिली। वर्ष 2018 में वे करीब 4 महीने तक बाड़मेर जिले के एसपी रहे। इसके बाद जुलाई 2020 में दूसरी बार दौसा जिले के एसपी बने। फरवरी 2021 में दौसा एसपी रहते हुए एसीबी ने मनीष को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया। मनीष पर राष्ट्रीय राजमार्ग याने हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी से दलालों के मार्फत लाखों रुपए वसूलने का आरोप था। इसके लिए उन्होंने दलालों की मदद ली थी। इस मामले में दो एसडीएम भी 5 और 10 लाख रुपए की घूस लेते हुए गिरफ्तार हुए थे।
जम्मू में भी रिश्वत के आरोप
जम्मू-कश्मीर में एएसपी रहने के दौरान भी उन पर हत्या का केस दबाने का आरोप लगा था। तब वहां के एसीबी ने उनके खिलाफ केस रजिस्टर किया था। मगर अभियोजन की स्वीकृति तब नहीं मिल पाई। इस वजह से इस केस में मनीष अभी तक बचे हुए हैं। राजस्थान में भी आईपीएस मनीष पर आरोप है कि एसपी रहते हुए थाना प्रभारियों को 16 और 17 सीसी का नोटिस जारी करते थे। फिर कार्रवाई नहीं करने की एवज में रुपए वसूलते थे। कई थानेदारों से महीना वसूलने की शिकायतें भी सामने आई थी। दौसा जिले के पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान बलात्कार के मामले को दबाने के लिए भी 25 लाख रुपए लेने की शिकायत मिली थी जिसकी जांच विजिलेंस के पास है।