DG प्रमोशन पर सस्पेंस, 92 बैच के इन अफसरों की पदोन्नति में आचार संहिता का न फंस जाएं पेंच
IPS
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस में डॉयरेक्टर जनरल (डीजी) रैंक पर पदोन्नति को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है। राज्य पुलिस में डीजी यानी महानिदेशक के दो पद खाली हैं। इस पद पर 1992 बैच के अफसरों की पदोन्नति होनी है। इस बैच में दो अफसर हैं। पवन देव और अरुण देव गौतम। एडीजी रैंक के इन दोनों अफसरों को जनवरी 2022 में ही डीजी बन जाना था, लेकिन अभी तक उनका इंतजार खत्म नहीं हुआ है। इस बीच चुनाव आचार संहिता की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही दोनों अफसरों की पदोन्नति को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है।
आज बड़ी तेजी से खबर चली की डीजी रैंक पर पदोन्नति के लिए आज विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक होने वाली है। लेकिन कुछ ही देर बाद साफ हो गया कि आज बैठक नहीं हो सकती है, क्योंकि डीपीसी के एक मेम्बर इस वक्त छत्तीसगढ़ से बाहर हैं। अफसरों ने बताया कि डीजी रैंक पर पदोन्नति के लिए गठित डीपीसी में चार पदेन सदस्य होते हैं। इन मुख्य सचिव पदेन अध्यक्ष होते हैं। इनके अलावा डीजीपी, एक अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) और प्रमुख सचिव गृह सदस्य हैं। अफसरों के अनुसार डीपीसी की बैठक में इन चारों की उपस्थिति अनिवार्य है। सूत्रों के अनुसार प्रमुख सचिव गृह मनोज पिंगुआ इस वक्त राज्य से बाहर हैं, वे कल छत्तीसगढ़ लौटेंगे। इस बीच मुख्य सचिव अमिताभ जैन कल से दो दिन के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर जा रहे हैं। ऐसे में अगले दो दिनों तक डीपीसी की बैठक नहीं हो पाएगी। इस बीच कल-परसो में आचार संहिता लागू हो जाने की खबरें आ रही हैं।
इस बीच डीजी रैंक पदोन्नति के लिए डीपीसी की बैठक को लेकर एक खबर यह भी आ रही है कि समिति की बैठक बुधवार की शाम को ही हो चुकी है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। ऐसे में पदोन्न्ति चुनाव परिणाम आने तक अटकने का खतरा बढ़ गया है। बताते चले कि इसी तरह 2018 में आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले सरकार ने तीन एडीजी रैंक के अफसरों को डीजी प्रमोट किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पदोन्नति को अनुमति नहीं दी। इसकी वजह से मजबूरी में राज्य सरकार को तीनों अफसरों को डिमोट करना पड़ा।