IPS DM Awasthi News: छत्तीसगढ़ के रिटायर आईपीएस डीएम अवस्थी इंदौर में ऐेसे बने थे डंडा मार आईपीएस...
IPS DM Awasthi News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के आईपीएस कैडर के सबसे सीनियर अफसर डीएम अवस्थी 31 मार्च को रिटायर हो गए। 37 साल की आईपीएस की सर्विस में डीएम 14 साल मध्यप्रदेश में रहे और उसके बाद राज्य के बंटवारे के बाद 23 साल छत्तीसगढ़ में। डीएम अवस्थी के बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि इंदौर में एडिशनल एसपी रहते उनका नाम डंडा मार अवस्थी पड़ गया था। दरअसल, 90 के दशक में मालवा इलाके में उपद्रव काफी होते थे। खासकर धार्मिक उन्माद। डीएम अवस्थी ने उपद्रवियों को डंडे के बल पर दबा दिया। वे जब इंदौर में पोस्ट हुए तब दाउइ इब्राहिम का गुर्गा बाला बेग का बड़ा आतंक था। इंदौर के लोग बताते हैं कि बंबे बाजार इलाके में में बेग की तूती बोलती थी। जब चाहे वहा बाजार बंद करवा देता था। एक बार वहां के एसपी अनिल धस्माना फोर्स के साथ बेग को पकड़ने गए। उनके साथ डीएम अवस्थी भी थे। बेग के गुंडों ने एसपी के उपर छत से गेहूं पिसने वाली चक्की फेंक दिया। धस्माना के गनमैन ने एसपी को धक्का देकर उन्हें बचा लिया मगर खुद की जान चली गई। एसपी की हत्या की कोशिश की घटना के बाद पुलिस पर बाला बेग का खौफ और बढ़ गया। बंबे बाजार इलाके में कोई पुलिस वाला जाने के लिए तैयार नहीं था। गनमैन की मौत से दुखी एसपी अनिल धस्माना भी डीएम को सिचएशन हैंडिल करने को बोल वापिस लौट गए। डीएम ने इसे चुनौती की तरह लिया। वे पास के थाना गए। वहां एक कंपनी तैनात थी। जवानों से उन्होने कहा कि जिसे जान का डर नहीं हो...याने स्वेच्छा से उनके साथ चले, जबर्दस्ती नहीं। डीएम के कहने पर 80 में से करीब 50 जवान बंबे बाजार जाने के लिए तैयार हुए। देर शाम पुलिस पार्टी ने बंबे बाजार में आपरेशन शुरू किया और अगले दिन दोपहर तक बाला बेग का न केवल साम्राज्य को तहस-नहस कर दिया बल्कि हथकड़ी लगाकर बेग का सड़क पर जुलूस निकाल दिया। उसके बाद और ऐसे कई आपरेशन डीएम ने चलाए। इसके बाद उनका नाम डंडा मार आईपीएस पड़ गया।
23 साल की उम्र में बन गए थे आईपीएस अफसर
उत्तरप्रदेश के कानपुर के रहने वाले डीएम अवस्थी तीन साल गुजरात में इंजीनिरियंग सर्विस में रहे। 23 साल की उम्र में 1986 में उनका आईपीएस में चयन हुआ। पुलिस एकेडमी हैदराबाद से ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद सतना से उनका प्रोबेशन प्रारंभ हुआ। एसपी में रूप में उनका पहला जिला छिंदवाड़ा रहा। फिर रायगढ़। रायगढ से वे एआईजी इंटेलिजेंस बनकर भोपाल गए। इस पद पर वे तीन साल रहे। इंटेलिजेंस के बाद उन्हें एसपी उज्जैन बनाया गया। छत्तीसगढ़ बनने से पहले सिर्फ एक पोस्टिंग उन्होंने रायगढ़ एसपी के तौर पर की थी। मगर राज्य के बंटवारे के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला तो फिर छत्तीसगढ़ के होकर रह गए। छत्तीसगढ़ में वे रायपुर के एसएसपी, रायपुर आईजी के पद पर रहे। वे चार साल तक इंटेलिजेंस चीफ रहे। रमन सरकार की तीसरी पारी में इंटेलिजेंस से हटने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का दायित्व संभाला। दिसंबर 2018 में जब कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने एएन उपध्याय को हटाकर डीएम अवस्थी को डीजीपी बनाया था। इस पद पर वे करीब तीन साल रहे। फिर उन्हें पुलिस प्रशिक्षण का डायरेक्टर बनाया गया। तीन महीने पहले उन्हें ईओडब्लू और एसीबी का डायरेक्टर बनाया गया था।
सात साल इंटेलिजेंस में रहे
डीएम अवस्थी देश के गिने-चुने आईपीएस अधिकारियों में शामिल होंगे, जो दो राज्यों में सात साल तक खुफिया विभाग में रहे। उनकी गिनती एक दमदार और दबंगई के साथ अपनी बात रखने वाले अधिकारी के रूप में होती है। रायपुर आईजी के साथ-साथ उनके पास इंटेलिजेंस चीफ का भी चार्ज रहा। तो उज्जैन जैसा बड़ा जिला भी उन्हें संभालने का मौका मिला। कमलनाथ के छिंदवाड़ा भी मध्यप्रदेश का बड़ा जिला माना जाता है। 1086 से लेकर 2023 तक याने 37 साल उन्होंने आईपीएस की सर्विस की। कल 31 मार्च की आईपीएस सेवा का आखिरी दिन होगा।