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IPS Divyang patel Biography in Hindi: आईपीएस दिव्यांग पटेल का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस दिव्यांग पटेल?..

IPS Divyang patel Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– दिव्यांग पटेल छत्तीसगढ़ कैडर के 2014 बैच के आईपीएस हैं। वे मूलतः गुजरात राज्य के रहने वाले है। एमबीबीएस करने के बाद पहले ही प्रयास में यूपीएससी उन्होंने उत्तीर्ण की है। वर्तमान में वे रायगढ़ जिले के एसपी हैं।

IPS Divyang patel Biography in Hindi: आईपीएस दिव्यांग पटेल का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस दिव्यांग पटेल?..
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IPS Divyang patel

By Gopal Rao

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एनपीजी। दिव्यांग पटेल छत्तीसगढ़ कैडर के 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे मूलतः गुजरात राज्य के अहमदाबाद के रहने वाले हैं। एमबीबीएस करने के बाद पहले ही प्रयास में 205 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

आईपीएस दिव्यांग पटेल गुजरात राज्य के अहमदाबाद जिले के रहने वाले हैं। अहमदाबाद जिले में उनका गांव कठलाल पड़ता है। दिव्यांग के पिता बैंक में क्लर्क की नौकरी करते थे। जबकि दिव्यांग बड़े है। दिव्यांग से छोटा उनका एक भाई है। दसवीं तक स्कूलिंग उन्होंने गांव से ही गुजराती माध्यम से पूरी की। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए गांव में स्कूल न होने की वजह से उन्होंने अहमदाबाद जाकर ग्यारहवीं व बारहवीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से उत्तीर्ण की। दसवीं में दिव्यांग के 90% और बारहवीं में 92% अंक थे। पढ़ाई में अच्छे होने की वजह से उनके स्कूल के शिक्षक ने उन्हें मेडिकल प्रवेश परीक्षा क्रैक कर एमबीबीएस करने हेतु प्रेरित किया। फिर दिव्यांग ने बारहवीं के साथ ही बिना ड्रॉप लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रैक कर एमबीबीएस के लिए बड़ौदा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया। दिव्यांग के परिवार में कोई सिविल सेवक नहीं था। पर एमबीबीएस के दौरान उनको यूपीएससी की जानकारी मिली। 2012 में दिव्यांग ने एमबीबीएस कंप्लीट किया।

दिव्यांग के माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनकर आगे का अपना करियर सेटल करें और भविष्य में अपना अस्पताल खोले। पर दिव्यांग सिविल सर्विसेस में जाना चाहते थे। सिविल सर्विसेस दिव्यांग के घर वालों के लिए नया चीज था। दिव्यांग को घर वालों को समझाना पड़ा और यूपीएससी में करियर बनाने हेतु मनाना भी पड़ा। दिव्यांग ने घरवालों से सिर्फ एक वर्ष का समय मांगा। दिव्यांग ने कहा कि 1 वर्ष में यदि यूपीएससी में सलेक्शन नहीं होता तो वह अपने डॉक्टर के प्रोफेशन में लौट आएंगे। तब दिव्यांग के घर वालों ने उन पर भरोसा करते हुए उन्हें एक वर्ष का मौका दे दिया। दिव्यांग ने अहमदाबाद में रहते हुए सरकारी कोचिंगों से मार्गदर्शन ले यूपीएससी की तैयारी की। अपने पहले ही प्रयास में 205 वें रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक करने में उन्हें सफलता मिली। दिव्यांग ने ऑप्शनल विषय के तौर पर गुजराती साहित्य चुना था। उनका इंटरव्यू मंजीत सिंह सर की बोर्ड में था। दिव्यांग से अधिकतर करेंट अफेयर्स से संबंधित प्रश्न पूछे गए थे। दिव्यांग को आईपीएस की सर्विस एलॉट हुई।

प्रोफेशनल कैरियर:–

दिव्यांग पटेल ने 22 दिसंबर 2014 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग खत्म करने के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए उनको पहली पोस्टिंग प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर कोरबा जिले में मिली। कोरबा में वे दर्री थाना प्रभारी रहे थे। कोरबा के बाद में बिलासपुर जिले के कोटा पुलिस अनुविभाग में एसडीओपी रहें। बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान अपने बैचमेट शलभ सिन्हा के साथ मिलकर प्रदेश का सबसे बड़ा जुआ उन्होंने पकड़ा। बिलासपुर के बाद बीजापुर जिले के एडिशनल एसपी बन कर दिव्यांग पटेल गए। बीजापुर में डेढ़ वर्ष तक एडिशनल एसपी दिव्यांग कुमार पटेल रहे। इसके बाद एक वर्ष तक बीजापुर जिले के ही एसपी रहे। बतौर एसपी उनकी पहली पदस्थापना बीजापुर जिले में हुई। जिस समय दिव्यांग पटेल बीजापुर के एसपी थे उस समय बीजापुर नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। बीजापुर से जगदलपुर की सड़क मार्ग से दूरी तय करना भी काफी जोखिम भरा था। दिव्यांग पटेल ने नक्सल ऑपरेशन चला नक्सलियों को पीछे धकेला। नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले पामेड़ में सड़के बनवाई। अंदरुनी जंगलों में सड़के बनवाई। बीजापुर में मैराथन दौड़ का आयोजन भी दिव्यांग पटेल के कार्यकाल में किया जाने लगा। बीजापुर के अलावा दिव्यांग पटेल महासमुंद, कोंडागांव, बेमेतरा, कांकेर जिलों के एसपी रहें। वर्तमान में दिव्यांग पटेल रायगढ़ जिले के एसपी है।

कोंडागांव महासमुंद जिले में रहने के दौरान गांजा तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण करने और 10 हजार किलो गांजा पकड़ने पर फिक्की अवार्ड की दिव्यांग पटेल को मिला। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के हाथों उन्हें फिक्की अवार्ड से सम्मानित किया गया।

जीवन साथी:–

दिव्यांग पटेल ने डॉक्टर उर्चिता पटेल के साथ शादी की है। डॉ उर्चिता पटेल भी त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं। पटेल दंपत्ति का एक 3 वर्ष का पुत्र निवांश हैं।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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