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IPS AJAY YADAV: अजय यादव ने सम्हाला प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस रेंज बिलासपुर के आईजी का प्रभार

IPS AJAY YADAV:

IPS AJAY YADAV: अजय यादव ने सम्हाला प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस रेंज बिलासपुर के आईजी का प्रभार
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By Sanjeet Kumar

IPS AJAY YADAV: बिलासपुर। आईपीएस अजय यादव ने आज प्रदेश के सबसे बड़े बिलासपुर पुलिस रेंज के आईजी का प्रभार सम्हाल लिया। अजय यादव 2004 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वे बिलासपुर जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के पद पर पदस्थ थे। अजय यादव 17 साल पहले बिलासपुर जिले के बिल्हा ग्रामीण थानें के बतौर थाना प्रभारी काम कर चुके हैं। फिर बिलासपुर के एसपी भी रहें थे। खास बात यह कि अजय यादव ने बिलासपुर में रहकर ही यूपीएससी की तैयारी की थी और आज की ही तिथि में आईपीएस सर्विस (6 सितंबर 2004) को ज्वाइन किया था।


आज अजय यादव को ज्वाइन करने से पहले एसपी संतोष सिंह व अन्य अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। फिर उन्हे गार्ड ऑफ आनर दिया गया। जिसके बाद आईजी ने पदभार सम्हाला। आईजी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बिलासपुर शहर में रहकर ही मैने यूपीएससी की तैयारी की है। लिहाजा बिलासपुर मेरे लिए महत्वपूर्ण है। रेंज में शांतिपूर्ण चुनाव करवाना उनकी प्राथमिकता होगी। साथ ही विवेचना का स्तर उन्होंने सुधरवाने की बात कहते हुए कहा कि वे अपराधों में विवेचना का स्तर सुधरवाएंगे ताकि अपराधियों को अदालत से सजा दिलवाने का प्रतिशत बढ़ सके। बिलासपुर जिले के एसपी संतोष सिंह द्वारा अवैध नशे के खिलाफ चलाए जा रहे निजात अभियान के बावजूद नशे के लगातार व्यापार होने के लेकर पूछे गए प्रश्न पर आईजी यादव ने कहा कि यदि नशा करने वाले बढ़ेंगे तो नशे के व्यापारी भी रिस्क लेंगे। पुलिस नशे के व्यापारियों के साथ अब नशा कहा से आ रहा है, कौन इसका स्प्लायर हैं, और सप्लाई कहा तक होनी थी, इन सबका पता कर वहा तक पहुचेगी और नशे के जड़ को ही समाप्त करने की कोशिश करेगी। साथ ही एसपी संतोष सिंह के द्वारा चलाए जा रहे निजात अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे लोग नशे से दूर जाने के लिए प्रेरित हो रहे है और समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा हैं। साथ ही बिलासपुर जिले में लगातार नशा व्यापारियों पर कार्यवाही हो रही है,इसलिए नशे का व्यापार सामने आ रहा है और लोगों को कार्यवाहियां दिख रहीं है।

मैनुअल पुलिसिंग पर भी जोर

आईजी अजय यादव से जब प्रश्न पूछा गया कि जिन अपराधों में मोबाइल का इस्तेमाल होता है या सीसीटीवी फुटेज मिलता है सिर्फ उसी में ही पुलिस को सफलता मिलती है बाकि में मामले पेंडिंग रह जाते हैं,इसका कारण क्या है। जिस पर आईजी ने कहा कि ऐसा नहीं है फुटेज व मोबाइल लोकेशन से अपराधियों को जल्दी पकड़ने में मदद तो जरूर मिलती है पर आरोपियों की तलाश के दौरान मैनुअल पुलिसिंग पर भी जोर दिया जाता है। जिस पर और काम किया जाएगा और मेनुअल पुलिसिंग में सुधार किया जायेगा। आईजी ने कहा कि जैसे जैसे सूचना प्रोद्योगिकी का विकास हुआ है वैसे वैसे सायबर अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है। सायबर अपराधों में विवेचना के लिए बिलासपुर में रेंज स्तरीय सायबर थाने की स्थापना हुई है, जिसमे संसाधनो को बढ़ाया जाएगा। आईजी अजय यादव ने पुलिस के रिस्पॉन्स टाइम को और भी अधिक बेहतर करने की बात कही। साथ ही उन्होंने अपराधियों पर सख्ती बरतने की बात भी कही।

जाने अजय यादव के बारे में

बिलासपुर पुलिस रेंज राज्य का सबसे बड़ा पुलिस रेंज हो गया है। जशपुर जिले को बिलासपुर पुलिस रेंज में शामिल करने के साथ ही बिलासपुर पुलिस रेंज में अब 9 जिले आते हैं। यहां आईजी का चार्ज संभालने वाले अजय यादव कभी बिलासपुर जिले में ही प्रोबेशनर हुआ करते थे। प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर उन्होंने 2006 में बिल्हा थाने के थाना प्रभारी का चार्ज तीन माह तक सम्हाला था। अजय यादव आईपीएस की सर्विस में 6 सितंबर 2004 को आए। और खास बात यह है कि आज 6 सितंबर को ही उन्होंने बतौर आईजी पदभार स्महाला है। एसपी के तौर पर उनका पहला जिला नारायणपुर रहा। उनके कार्यकाल में यहा 8 नक्सली मारे गए। फिर वे कांकेर एसपी बने। उनके कार्यकाल के दौरान यहां 15 नक्सली मारे गए। अजय यादव का तीसरा जिला बिलासपुर था। बिलासपुर के बाद वे जगदलपुर फिर जांजगीर व दुर्ग के एसएसपी रहे। दुर्ग के बाद वे राजधानी रायपुर के एसएसपी रहे। रायपुर के बाद अजय यादव सरगुजा आईजी बने। फिर रायपुर रेंज के रायपुर जिले के आईजी रहने के साथ ही आईजी इंटेलिजेंस बने। और आज उन्होंने बिलासपुर आईजी का पदभार सम्हाला है।


अजय यादव ( IPS Ajay Yadav) ने पुलिस कैरियर की शुरुआत बिलासपुर जिले में प्रोबेशनर आईपीएस के रूप में की है। उन्होंने बस्तर के नक्सल इलाकों में पांच साल से अधिक सेवाएं दी है। बस्तर के नारायणपुर से ही वे एसपी की पारी की शुरूआत की। नारायणपुर में उनके नेतृत्व में चलाए गए विभिन्न आपरेशनों में सुरक्षा बलों ने आठ नक्सलियों को मार गिराए। 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले हुई मुठभेड़ के लिए उन्हें वीरता पदक मिला था। इसमें तीन नक्सलियों के शव के साथ हथियार भी मिले थे। 2008 के विधानसभा चुनाव में नारायणपुर में पहली बार ऐसा हुआ कि बिना किसी भी इंज्युरी या नुकसान के विधानसभा चुनाव संपन्न करवाया गया।

नारायणपुर के बाद अजय यादव ( IPS Ajay Yadav) कांकेर एसपी बनें। इस दौरान उनके कार्यकाल में 15 नक्सलियों को एनकाउंटर में मारा गया। 2009 में अजय यादव ( IPS Ajay Yadav) ने कांकेर में लोकसभा चुनाव शान्तिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाया। पहली बार वहां रिपोलिंग नही करवानी पड़ी। यहां बीएसएफ़ के 27 कैम्प व 5 बटालियन हेडक्वार्टर भी बनाये थे। फिर जगदलपुर एसपी रहने के दौरान झीरम घाटी में दो कैंप खुलवाए। जगदलपुर में आमचो बस्तर, आमचो पुलिस...उन्हीं के कार्यकाल में प्रारंभ किया गया। अजय यादव ( IPS Ajay Yadav) नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, बिलासपुर, जांजगीर, दुर्ग और रायपुर को मिलाकर सात जिलों के एसपी रह चुके हैं।

बेसिक पुलिसिंग पर फोकस करने वाले अजय यादव ऐसे अफसर हैं, जिन्हें अपने मातहत अधिकारियों के पक्ष में स्टैंड लेने वाला अफसर कहा जाता है। इसके लिए उन्हें कई बार हटना भी पड़ा। बिलासपुर में तत्कालीन सांसद दिलीप सिंह जूदेव के धरने पर बैठने का मामला हो या रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में पादरी के साथ मारपीट का मामला हो। दोनों ही मामले में अपने थानेदार को सस्पेंड करने पर उनकी कुर्सी बच सकती थी, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हटना पड़ा था। नक्सल जिले में पदस्थ रहते हुए उन्होंने मुकेश गुप्ता जैसे तेजतर्रार अधिकारी को मूलभूत सुविधाओं के बिना फोर्स को जंगल में भेजने से इंकार कर दिया था।

पहला सलेक्शन आईडीएएस

अजय यादव (IPS Ajay Yadav) का जन्म एक अगस्त 1976 को हुआ। उन्होंने मैथ्स में बीएससी की परीक्षा पास की। फिर फिजिक्स से एमएससी किया। यूपीएससी से पहला सलेक्शन इंडियन डिफेंस एकाउंट्स सर्विस (IDAS) के लिए हुआ। उन्होंने ओडिशा में जॉइन भी कर लिया। हालांकि वे आईपीएस बनना चाहते थे, इसलिए अपनी तैयारी जारी रखी। यूपीएससी में भी उन्होंने अपनी प्राथमिकता में आईपीएस ही लिखा था। एक अजब संयोग यह भी है कि जिस साल उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की, उसी साल एमपी पीएससी के इंटरव्यू में भी शामिल हुए थे, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सके।

लो प्रोफाइल रहकर किया काम

पारिवारिक संस्कारों के मुताबिक अजय यादव (IPS Ajay Yadav) ने हमेशा लो प्रोफाइल रहकर काम किया। उनका विवाह एक राजनीतिक परिवार में हुआ, लेकिन कभी भी उनके व्यवहार में इसका असर नहीं दिखा। वे अपने करीबियों से भी सहज तरीके से ही मिलते-जुलते हैं। यही वजह है कि पुलिस या प्रशासन के साथ-साथ बाहर में भी उनके करीबियों की अच्छी खासी संख्या है। इनमें सभी फील्ड के लोग शामिल हैं। अपने सपोर्टिव छवि के कारण अधीनस्थ स्टाफ के वे सबसे करीबी माने जाते हैं। यही नहीं, अपने सीनियर अधिकारियों के भी वे काफी चहेते रहे हैं। डीजीपी अशोक जुनेजा जब इंटेलिजेंस चीफ थे, तब अजय यादव (IPS Ajay Yadav) डीआईजी (सुरक्षा) थे।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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