IAS Transfer: नए चीफ सिकरेट्री की नियुक्ति के साथ ही मंत्रालय में होगी अहम सर्जरी, हटाए जाएंगे कुछ एसीएस
IAS Transfer: छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के साथ ही मंत्रालय में भी बदलाव किए जाएंगे। हो सकता है कुछ एडिशनल चीफ सिकरेट्री को मंत्रालय से बाहर शिफ्थ किया जाए। जानिये किन परिस्थितियों में सीनियर अफसरों को मंत्रालय से बाहर भेजा जाएगा।

IAS Transfer: रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव का ऐलान 30 जून या हो सकता है, उससे एकाध रोज पहले हो जाए। 30 जून को शाम अमिताभ जैन के रिटायरमेंट के बाद नए मुख्य सचिव कार्यभार संभाल लेंगे। अगला चीफ सिकरेट्री कौन होगा, अभी इस बारे में कोई क्लियरिटी नहीं है। सबकी निगाहें दिल्ली की ओर टिकी हुई है। हालांकि, कुछ लोगों का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाल के दिल्ली दौरे में अगर इस संबंध में कोई चर्चा हो गई होगी तो सरकार 30 जून को सुबह या दोपहर नए सीएस का आदेश निकाल देगी। अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर दिल्ली से चर्चा कर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी।
मंत्रालय में सर्जरी
चीफ सिकरेट्री की नियुक्ति के बाद जरूरी नहीं कि मंत्रालय में तुरंत सर्जरी किया जाए। ये अवश्य है कि सीनियर अधिकारियों को सुपरसीड कर अगर चीफ सिकरेट्री बनाया जाता है तो फिर सीनियर अधिकारियों को मंत्रालय से बाहर प्रशासन अकादमी, रेवेन्यू बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मंडल चेयरमैन जैसी पोस्टिंगें दी जाती हैं। 2007 में तीन अधिकारियों को सुपरसीड कर शिवराज सिंह को चीफ सिकरेट्री बनाया गया था, उस समय बीकेएस रे को माध्यमिक शिक्षा मंडल का चेयरमैन बनाया गया था। इसी तरह पी. राघवन को रेवेन्यू बोर्ड सिकरेट्री बनाया गया था तो बीके कपूर को भी इसी तरह की कोई मंत्रालय से बाहर वाली पोस्टिंग दी गई थीं। इसके बाद फिर 2011 में नारायण सिंह को सुपरसीड कर सुनिल कुमार को मुख्य सचिव बनाया गया तो नारायण सिंह को मंत्रालय से हटाकर माध्यमिक शिक्ष़्ा मंडल का चेयरमैन की पोस्टिंग दी गई।
इस बार क्या हो सकता है?
अमिताभ जैन के बाद सीनियरिटी में रेणु पिल्ले हैं। वे अगर मुख्य सचिव बन गई तो फिर कोई चेंज की जरूरत नहीं पड़ेगी। मगर उनसे नीचे अगर सुब्रत साहू, अमित अग्रवाल, ऋचा शर्मा और मनोज पिंगुआ में से किसी को मुख्य सचिव बनाया गया तो फिर सरकार को तुरंत एक पोस्टिंग लिस्ट निकालनी होगी। मसलन, अगर सुब्रत साहू बनें तो फिर रेणु पिल्ले को मंत्रालय से बाहर कोई पोस्टिंग देनी होगी। इसी तरह अमित अग्रवाल सीएस बनते हैं तो रेणु और सुब्रत दोनों को मंत्रालय से शिफ्थ होना पड़ेगा। ऋचा शर्मा या मनोज पिंगुआ चूकि बैचमेट है, इसलिए इनमें से कोई मुख्य सचिव बनेगा तो फिर रेणु, सुब्रत को ही बाहर होना पड़ेगा। क्योंकि, अमित अग्रवाल पहले से डेपुटेशन पर हैं। और बैचमेट में सीनियर, जूनियर नहीं चलता। ऋचा और मनोज में से अगर कोई सीएस बना तो उनके उपर निर्भर करेगा। इनमें से अगर किसी को आपत्ति नहीं होगी तो वे मंत्रालय में कंटीन्यू कर सकते हैं। हालांकि, 2019 में जब आरपी मंडल को चीफ सिकरेट्री बनाया गया था तो उनके बैचमेट सीनियर सीके खेतान को मंत्रालय से शिफ्थ कर रेवेन्यू बोर्ड चेयरमैन बनाया गया। खेतान और मंडल 87 बैच के आईएएस थे। बैच की सीनियरिटी में खेतान उपर थे।
सचिवों में बदलाव नहीं
मुख्य सचिव अगर अमित अग्रवाल बने तो हो सकता है कि कुछ दिन बाद मंत्रालय के सचिवों के प्रभार में कुछ बदलाव किया जाए। वरना, उनके अलावा कोई मुख्य सचिव बनेगा तो मंत्रालय में खास चेंज की स्थिति नहीं दिखाई पड़ रही। वैसे भी सरकार ने हाल में मंत्रालय में कुछ परिवर्तन किया था। सचिव स्तर पर छिटपुट ट्रांसफर वैसे भी चलता रहता है।
