IAS Rohit Vyas Biography in Hindi: आईएएस रोहित व्यास का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस रोहित व्यास?
IAS Rohit Vyas Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: रोहित व्यास छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस हैं। वे मूलतः महाकाल की नगरी अर्थात मध्यप्रदेश के उज्जैन के रहने वाले है। इंजीनियरिंग करने के बाद वे आईएएस बने है।

IAS Rohit Vyas
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एनपीजी। रोहित व्यास छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। वे मध्यप्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन के रहने वाले है। उनकी पूरी स्कूली शिक्षा वहीं से हुई है। आईएएस बनने से पहले प्राइवेट कंपनी में जॉब उन्होंने की है। वर्तमान में वे सूरजपुर जिले के कलेक्टर हैं। आइए जानते है उनके बारे में...
जन्म और परिवार:–
छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस रोहित व्यास मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन के रहने वाले है।। रोहित व्यास का जन्म 9 फरवरी 1990 को हुआ है। उनके पिता मदनलाल व्यास पुजारी है। उनकी माता उषा व्यास बीएसएनल में कार्यरत रहीं थीं। फिलहाल वे सेवानिवृत हो चुकी हैं। रोहित व्यास तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके दोनों छोटे भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
शिक्षा:–
रोहित व्यास ने केजी 1 से पांचवी तक की शिक्षा लोकमान्य तिलक स्कूल पान दरीबा से उत्तीर्ण की है। पांचवी में उनके 95% अंक आए थे। कक्षा छठवीं से दसवीं तक उन्होंने वर्जिन मेरी स्कूल से पढ़ाई की दसवीं बोर्ड में रोहित के 85.6% अंक आए थे। 11वीं 12वीं गणित विषय के साथ उज्जैन पब्लिक स्कूल से उत्तीर्ण की। 12वीं में उनका 82.4% अंक रहा। 12 वीं के बाद उन्होंने वैष्णव कॉलेज ऑफ इंदौर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच से बीई किया। 2011 में बीई पास आउट हुए। बीई में आल ओवर उनके 70% मार्क आए थे।
जॉब भी किया:–
इंजीनियरिंग करने के बाद रोहित व्यास ने नोएडा की टेलीकम्युनिकेशन कंपनी एरिक्सन में 3 साल 2014 तक जॉब भी किया। इसके बाद मई 2014 मे केंद्र की प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फैलोशिप योजना के लिए उनका चयन हो गया।
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में फेलोशिप कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक अफसर के संपर्क में रोहित आए। इस दौरान गांव के विकास हेतु उन्होंने ग्रामों को भ्रमण भी किया था। अफसरों के संगत में आकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी नौकरी के साथ ही शुरू की। वैकल्पिक विषय में उन्होंने लोक प्रशासन विषय रखा था।
रोहित रात 3 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक पढ़ाई करते इसके बाद 10 बजे से नौकरी करते। अपने तीसरे प्रयास में 69 वीं रैंक के साथ रोहित ने आईएएस बनने में सफलता पाई। खास बात यह है कि रोहित के पिता का जिस दिन जन्मदिन था उसी दिन यूपीएससी का रिजल्ट आया। पिता के लिए किया उनके जीवन का सबसे बेहतर तोहफा था।
प्रोफेशनल कैरियर:–
रोहित ने 28 अगस्त 2017 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग के बाद रोहित की फील्ड पोस्टिंग के लिए राजनांदगांव में सहायक कलेक्टर के तौर पर नियुक्ति हुई। फिर 3 महीने तक भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय में अवर सचिव रहे। वहां से वापस लौट कर जशपुर जिले के बगीचा में एसडीएम रहे।
बगीचा में एसडीएम रहने के दौरान अपने अनुविभाग के शासकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार खत्म करने हेतु शासकीय विभागों में एंटी करप्शन ब्यूरो के साथ ही अपना भी नंबर लिखवाया था। शिक्षा को रोचक बनाने के लिए "मिशन कौतूहल" शुरू किया। जिसमें प्रयोगात्मक ढंग से अलग-अलग तरीकों से बच्चों को पढ़ाई करवाई जाती थी।
बगीचा के बाद मुंगेली जिला पंचायत में सीईओ रहे। यहां पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम करवाए। फिर बस्तर जिला पंचायत सीईओ रहे। बस्तर के बाद दुर्ग जिले के भिलाई नगर निगम आयुक्त रहे। यहां बीपीओ कॉल सेंटर का निर्माण करवाया जिसमें 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला। सौंदर्यीकरण व सफाई व्यवस्था पर जोर दिया। शहीद स्मारक भी बनवाया। दुर्ग जिले के अपर कलेक्टर भी रोहित रहे। वर्तमान में रोहित सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले के कलेक्टर हैं। यहां कुदरगढ़ में रोपवे लगवाने और पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए वह प्रयासरत हैं।