IAS Rena Jamil Biography in Hindi: आईएएस रेना जमील का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस रैना जमील?
IAS Rena Jamil Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– रेना जमील छत्तीसगढ़ कैडर की 2019 बैच की आईएएस हैं। वे मूलतः झारखंड की रहने वाली हैं। काफी सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाली रेना ने बड़ी ही मुश्किल हालातों में अपनी पढ़ाई पूरी की और यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनीं हैं।

( IAS Rena Jamil Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth )
एनपीजी। रेना जमील छत्तीसगढ़ कैडर की 2019 बैच की आईएएस है। वे मूलतः झारखंड के धनबाद की रहने वाली है। विपरित परिस्थितियों में उन्होंने अपनी स्कूलिंग गांव से ही पूरी की। फिर वे चौथे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनी। उनके पति भी आईएएस अफसर हैं। आइए जानते है उनके बारे में...
जन्म और शिक्षा:–
रेना का जन्म 25 दिसंबर 1988 को हुआ। वे मूलतः झारखंड की रहने वाली है। उनका गांव धनबाद जिले में पड़ता है,जिसका नाम छाताबाद है। चार भाई बहनों में रेना दूसरे नंबर की हैं। उनसे बड़े एक भाई है। रेना से छोटे एक भाई उसके बाद एक बहन है।
रेना जमील के पिता मोहम्मद जमील अंसारी टाटा स्टील कंपनी में एक छोटी सी नौकरी करते थे। वे टाटा स्टील में मैकनिकल फिटर थे। उनकी माता नसीम आरा गृहणी हैं। छोटी सी नौकरी की बदौलत सीमित संसाधनों में मोहम्मद जमील अंसारी वह नसीम आरा ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए सभी बच्चों को कठिनाइयों में भी उच्च शिक्षा हेतु प्रेरित किया। जिसके चलते आज उनके चारों बच्चे अच्छा मुकाम पा सके।
रेना ने अपनी स्कूलिंग गांव के सरकारी उर्दू मिडिल स्कूल में आठवीं तक की। खास बात यह है कि उनकी मां ने भी इसी स्कूल से आठवीं तक पढ़ाई की है। रेना की प्रारंभिक पढ़ाई उर्दू माध्यम से हुई है। रेना ने आठवीं की परीक्षा पास करने के बाद गांव के ही सरकारी डीएवी पब्लिक स्कूल में नौवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की। पहले स्कूल की पढ़ाई के दौरान रेना औसत छात्रा थी। फिर लगातार मेहनत कर के उन्होंने अपनी पढ़ाई का लेवल बढ़ाया। दसवीं में रेना के मात्र 55% अंक आए थे। जबकि 12वीं में उनके 67% अंक आए।
ग्रेजुएशन करने के लिए रेना ने धनबाद के श्री लक्ष्मी नारायण गवर्मेंट कॉलेज में बीएससी जुलाज़ी में एडमिशन लिया। कॉलेज से रेना के गांव की दूरी 50 किलोमीटर थी। महंगे हॉस्टल का खर्च वहन करना रेना के परिवार के बस की बात नही थी। उनके साथ उनके तीन अन्य भाई– बहनों की पढ़ाई का खर्च भी रेना को उठाना था। इसलिए रेना घर में ही रहकर कॉलेज की पढ़ाई करने कभी बस,कभी ऑटो में जाती थीं। इस दौरान रेना को कभी बस नही मिलने पर घंटों पैदल भी चलना पड़ता था। सुबह रेना कॉलेज के लिए निकलती तो उन्हें घर पहुंचने में रात हो जाती। फिर रेना देर रात तक पढ़ती। इस तरह से उन्होंने बीएससी 74% के साथ कंप्लीट की। बीएससी के बाद उसी कॉलेज से जुलाजी में एमएससी किया। जिसमे रेना ने पूरे कॉलेज में 75% अंको के साथ टॉप किया। पीजी में यूनिवर्सिटी टॉपर्स में रेना छठवें स्थान पर रहीं। मोदी जी के बाद उन्होंने बीएड किया जिसमें उनके 87% अंक आए।
2014 में बीएड कंप्लीट होने के बाद रेना ने दिल्ली जाकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। दरअसल उनके बड़े भाई रौनक जमील अंसारी का यूपीएससी में सलेक्शन हो चुका था और वे भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुन लिए गए थे। उनके साथ दिल्ली में रहकर रेना ने यूपीएससी की तैयारी उनके सानिध्य में 2014 से करना शुरू कर दिया।
यूपीएससी के पहले व दूसरे अटेम्प्ट में रेना का प्री नहीं निकल पाया। तीसरे प्रयास में उनका 882 वां रैंक आया और उनका चयन भारतीय सूचना सेवा ( इंडियन इन्फॉर्मेशन सर्विस) के लिए हुआ। रेना ने नौकरी ज्वाइन करने के बाद ट्रेनिंग करते हुए यूपीएससी की फिर से तैयारी की। अपने चौथे प्रयास में 380 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईएएस के लिए चुन ली गईं। उनका वैकल्पिक विषय जुलॉजी था।
इंटरव्यू में रेना से झारखंड में नक्सल प्रभाव, उनके जिले, कोल माइंस, महिलाओं के सशक्तिकरण के अलावा बीएड करने के चलते बीएड से जुड़े प्रश्न जुड़े प्रश्न पूछे गए थे।
प्रोफेशनल कैरियर:–
रेना ने 26 अगस्त 2019 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लालबहादुर प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में फील्ड पोस्टिंग के लिए सहायक कलेक्टर के पद पर नियुक्ति मिली। फिर उनकी अगली पोस्टिंग सारंगढ़– बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ अनुविभाग में एसडीएम के पद पर हुई। पर उनकी नियुक्ति से पहले उन्हें सक्ती जिले के सक्ती अनुविभाग में एसडीएम बना कर भेज दिया गया।
यहां एसडीएम रहने के दौरान उन्होंने मालखरौदा ब्लॉक के पिहरिद गांव में बोर के खुले गड्ढे में गिर चुके बालक राहुल के रेस्क्यू अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूचना मिलते ही रेना सबसे पहले मौके पर पहुंची। इस वक्त गांव में जूस उपलब्ध नहीं होने के चलते ओआरएस घोल और फ्रूटी राहुल तक पहुंचाया गया। फिर लगातार 105 घंटों तक जून की गर्मी में स्पॉट में रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुईं। 105 घंटे के इस ऑपरेशन के दौरान रेना ने न तो ब्रश किया और ना ही नहाई। उनकी इस कठिन मेहनत का परिणाम भी मिला तथा जिला प्रशासन के अन्य सहयोगियों के सहयोग से राहुल को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।
एसडीएम रहने के दौरान रेना ने सक्ति में तीन जगह लाइब्रेरी खुलवाई। पावर प्लांटो से निकलने वाले राखड़ पर 90 लाख का जुर्माना लगा जुर्माना वसूला। तहसील परिसर को रिनोवेट कर पार्किंग की व्यवस्था करवाई। सकरेली फाटक सड़क पर लगातार लगने वाले जाम को खत्म करवाने के लिए अतिक्रमण हटवा कर सड़क बनवाई, रेवेन्यू के पेंडिंग मामलों को सुलझाया।
इसके बाद रहना की पोस्टिंग बलरामपुर रामानुजगंज से लेकर जिला पंचायत सीईओ के पोस्ट में हुई। रेना ने यहां बकरा मार्केट लगवाया। जिसके चलते पशुपालकों को दलालों व कोचियाओं से मुक्ति मिली और उन्हें उचित मूल्य मिलना शुरू हो गया। दो डेयरी सेटअप करवाया जिससे दुग्ध उत्पादों को बाजार मिला। यहां पशुपालक दूध बेचते है और यहां पैकेट वाला दूध बेचने की जरूरत नही पड़ती। शुद्ध दूध लोगों को मिलती है।
दाधापानी में महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा स्वच्छता बैरियर शुरू करवाया। प्लास्टिक से भी मुक्ति इस पर्यटन स्थल को दिलवाई। बर्तन बैंक की स्थापना 10 गांव में करवाई। इन गांव में शादी, गमी, जन्मदिन या अन्य किसी सामाजिक कार्यक्रमों में ग्रामीणों को निशुल्क बर्तन प्रदान किया जाता है। जिसके चलते डिस्पोजल का उपयोग बंद हो गया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ। केंद्र सरकार की पत्रिका क्रॉनिकल में भी बर्तन बैंक का कवरेज किया गया।
इलेक्शन के समय कबाड़ से जुगाड़ का इनोवेशन किया। वर्तमान में भी रेना बलरामपुर– रामानुजगंज जिले में ही सीईओ जिला पंचायत के पद पर पदस्थ हैं।
परिवार:–
रेना के पिता मोहम्मद जमील अंसारी टाटा स्टील कंपनी में मैकनिकल फीटर थे। उनकी मां नसीम आरा गृहणी हैं। उनके बड़े भाई रौनक भारतीय राजस्व सेवा (सेंट्रल एक्साइज और कस्टम्स) के अफसर हैं और वर्तमान में गुणगांव में पदस्थ हैं। उनसे छोटे भाई रफत जमीन प्रसार भारती में इंजीनियर है। सबसे छोटी बहन रिजवाना बीएड कर रहीं हैं।
रेना के पति रेयाज अहमद भी आईएएस हैं। रेयाज अहमद मूलतः महाराष्ट्र के है। वे रेना के ही बैच (2019) के झारखंड कैडर के आईएएस हैं। वर्तमान में वे रांची में पदस्थ हैं।
