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IAS Posting: जिला से लेकर मंत्रालय तक अफसरों में बेचैनी: टेंशन में लंबे समय से एक ही विभाग में बैठे अफसर, काम पर भी पड़ रहा असर

IAS Posting: छत्‍तीसगढ़ में सरकार तो बन गई है, लेकिन अभी फुल फ्लैश काम शुरू नहीं हो पाया है। इसका असर सरकारी कामकाज पर भी पड़ रहा है। ज्‍यादातर अफसर नई सरकार के रुख का इंतजार कर रहे हैं।

IAS Posting: जिला से लेकर मंत्रालय तक अफसरों में बेचैनी: टेंशन में लंबे समय से एक ही विभाग में बैठे अफसर, काम पर भी पड़ रहा असर
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By Sanjeet Kumar

IAS Posting: रायपुर। प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन तो हो गया है, लेकिन मंत्रियों के बीच अब तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। इसकी वजह से सरकारी काम काज रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। जिलों से लेकर मंत्रालय तक अफसर सरकार की फुल फ्लैश वर्किंग का इंतजार कर रहे हैं। अफसरों को अभी यही समझ नहीं आ रहा है कि वे अभी जहां हैं वहां कितने दिन रहेंगे। वजह यह है कि उनकी नियुक्ति पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुई है। सबसे ज्‍यादा टेंशन उन अफसरों को है जिनकी पोस्टिंग को 2 वर्ष या उससे अधिक का समय हो गया है।

प्रदेश के 33 जिलों में एक कलेक्‍टर को छोड़कर लगभग सभी का कार्यकाल 2 वर्ष से कम का है, लेकिन मंत्रालय और संचालनालय में ऐसे अफसर हैं जिन्‍हें एक ही विभाग में काम करते हुए लंबा समय हो गया है। हालांकि पूर्ववर्ती सरकार में जिलों से लेकर मंत्रालय तक हर 6-8 महीने में अफसरों का ट्रांसफर और प्रभार में बदलाव होता रहा। इस वजह से कुछ एक अफसरों को छोड़कर मंत्रालय में भी ज्‍यादातर अफसरों की पदस्‍थापना एक-डेढ़ साल पहले की है। इसके बावजूद अफसर बदलाव की संभावना को देखते हुए केवल जरुरी फाइलें ही निपटा रहे हैं।

अफसर भी मान रहे हैं कि सरकारी कामकाज थमी हुई है। केवल रुटीन और जरुरी फाइलें ही चल रही हैं। बाकी नई योजनाओं व बड़े फैसलों की फाइलें अभी सेक्‍शन में भी रुकी पड़ी है। अफसर विभागीय मंत्री का भी इंतजार कर रहे हैं। विभाग का मंत्री कौन होगा इसका भी असर विभाग के कामकाज पर पड़ेगा। अफसरों के अनुसार मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा होने और सीएम सचिवालय के फुल फ्लैश वर्किंग के आने के बाद ही मंत्रालय का काम रफ्तार पकड़ पाएगा।

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रायपुर। मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के शपथ ग्रहण के करीब 7 दिन बाद सरकार ने प्रशासनिक बदलाव की शुरुआत सीएम सचिवालय कर दी है। एक दिन पहले सीएम सचिवालय में नए सचिव की नियुक्ति की गई। इसके साथ ही पहले से पदस्‍थ सभी अफसरों और ओएसडी को सीएम सचिवालय से मुक्‍त कर दिया गया है। फिलहाल सीएम सचिवालय में केवल एक सचिव पी.दयानंद की पोस्टिंग की गई है। अभी एक-दो और सचिव वहां पदस्‍थ किए जाएंगे। इस बीच जिलों में बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

सूत्रों के अनुसार कलेक्‍टरों की सूची बनाई जा रही है। कलेक्‍टरों के ट्रांसफर के लिए कुछ मापदंड तय किए गए हैं। राहत की बात यह है कि सरकार किसी भी कलेक्‍टर को राजनीतिक कारणों से नहीं हटा रही है। राजनीतिक कारणों से केवल वही कलेक्‍टर हटाए जाएंगे जिनके खिलाफ शिकायत ज्‍यादा शिकायत है। कलेक्‍टरों की पोस्टिंग में लोकसभा चुनाव को भी ध्‍यान में रखा जाएगा। बता दें कि मुख्‍यमंत्री साय पहले ही स्‍पष्‍ट कह चुके हैं कि हमारी सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर नहीं बल्कि टीम भावना से कार्य करेगी। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के मंत्रालय में प्रतिदिन करीब 200 से ज्‍यादा फाइलें मूव करती है। इसमें 20 से 30 प्रतिशत फाइल विभागीय मंत्री तक जाती है। इन फाइलों पर विभागीय मं‍त्री की अनुशंसा और हस्‍ताक्षर जरुरी होता है। लेकिन प्रदेश में पिछले चार महीने से मंत्री चुनावी गहमा-गहमी में व्‍यस्‍त हैं। इससे फाइलों की ढेर बढ़ती जा रही है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसा सभी विभागों में करीब 17 हजार फाइलें पेडिंग पड़ी हैं। इनमें कई फाइलें ऐसी हैं जिन्‍हें सचिवों ने विभागीय मंत्री या सरकार का रुख जानने के लिए रोक रखा है।

अफसरों के अनुसार छत्‍तीसगढ़ में अक्‍टूबर के पहले सप्‍ताह में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। नियमानुसार चुनाव कार्यक्रमों की घाोषणा के बाद सरकार कोई नीतिगत या नए फैसले नहीं ले सकती है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही मंत्री सहित पूरी सरकार इसमें अफसर भी शामिल थे, चुनाव में व्‍यस्‍त हो गए। इस दौरान अफसर भी केवल जरुरी फाइल ही निपटाते रहे। लेकिन मंत्रालय में कामकाज सितंबर के पहले सप्‍ताह से ही काम बंद हो गया था। पूर्ववर्ती सरकार के ज्‍यादातर मंत्री मंत्रालय जाते ही नहीं थे अफसर फाइल लेकर उनके बंगले आते थे। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का मंत्रालय याने महानदी भवन अब गुलजार होगा। नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनके मंत्री मंत्रालय में अब नियमित बैठेंगे। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री और मंत्री अगर रायपुर में रहें तो कोशिश होगी कि मंत्रालय में बैठे और मीटिंग और फाइलों का निबटारा वहीं से करें। पता चला है, कैबिनेट की बैठकें भी अब मंत्रालय में होंगी, जैसा रमन सिंह सरकार में 15 साल तक होता रहा। थे। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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