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IAS P. Dayanand Biography in Hindi: आईएएस पी. दयानंद का जीवन परिचय हिंदी में

IAS P. Dayanand Biography in Hindi:

IAS P. Dayanand Biography in Hindi: आईएएस पी. दयानंद का जीवन परिचय हिंदी में
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By Sanjeet Kumar

IAS P. Dayanand Biography in Hindi: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नवनियुक्त सेक्रेट्री पी. दयानंद छत्तीसगढ़ कैडर के 2006 बैच के आईएएस अफसर हैं। वे चार जिलों की कलेक्टरी कर चुके हैं तथा वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव का दायित्व संभाल रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ करने के साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है। आईए जानते हैं उनके बारे में....

आईएएस पी दयानंद बिहार राज्य के सासाराम के पास एक गांव के रहने वाले हैं। दयानंद के पिता डिप्टी कलेक्टर से रिटायर हुए थे। दयानंद पांच भाई व तीन बहन में तीसरे नंबर के हैं। उन्होंने पांचवी तक की पढ़ाई सासाराम के सरकारी स्कूल से की है। पी दयानंद के भाई यूपी के बनारस के पास मिर्जापुर में थे। इसलिए वो आगे की पढ़ाई के लिए मिर्जापुर आ गए। छठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई पी दयानंद ने मिर्जापुर के सरकारी स्कूल से की। स्कूलिंग पूरी करने के बाद पांडेय दयानंद इलाहाबाद आ गए। यहां उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीए किया। यहां यह बता दे कि पांडेय दयानंद ने 12वीं तक की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम में की थी पर आगे यूपीएससी क्रैक करने की तमन्ना के चलते उन्होंने ग्रेजुएशन किया। पी दयानंद के पिता डिप्टी कलेक्टर रह चुके हैं। उनके पिता की ख्वाहिश थी कि उनका बेटा दयानंद आईएएस बने। पिता के सपनों को पूरा करना दयानंद ने अपना लक्ष्य बना लिया था।

हिंदी माध्यम से यूपीएससी दिलाने वाले पांडेय दयानंद ने 2002 में अपना यूपीएससी का पहला अटेम्प्ट दिया। पर पहले प्रयास में वे असफल रहे। 2005 में अपना अंतिम चौथा अटेम्प्ट देकर अंततः यूपीएससी क्रैक करने में सफल रहें और 2006 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस बनें। यूपीएससी मैंस के पहले काफी स्वास्थ्य खराब होने पर भी विषम परिस्थितियों में दयानंद ने यूपीएससी निकाला।

यूपीएससी की ट्रेनिंग के दौरान दयानंद भारत दर्शन फेज में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दौर में भी पहुंचे थे। बाद में वे दंतेवाड़ा में जिला पंचायत सीईओ के तौर पर भी पदस्थ हुए और फिर सुकमा कलेक्टर रहने के दौरान वहां एजुकेशन सिटी बनाने का काम किया। प्रोबेशनर आईएएस के तौर पर दयानंद अंबिकापुर के एसडीएम रहें थे। एलेक्स पॉल मेनन जब सुकमा के कलेक्टर थे तब उनका नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। उनकी रिहाई के बाद उनका सुकमा से तबादला कर दिया गया। तब पांडेय दयानंद कलेक्टर बना कर सुकमा भेजे गए। तब उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और सुकमा गए। सुकमा में वे कलेक्टर समेत बस्तर में विभिन्न पदों को मिलाकर तीन साल पदस्थ रहें। इस दौरान उन्होंने वहां आदिवासियों की शिक्षा की दिशा में बहुत काम किए।

पांडेय दयानंद सुकमा, कवर्धा, कोरबा व बिलासपुर के कलेक्टर रहें। कोरबा में उन्होंने डीएमएफ मद से कई काम करवाए। बिलासपुर में बीस माह पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने पेंड्रा मरवाही ट्रायबल एरिया में आदिवासियों को आवास उपलब्ध करवाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम करवाए। बिलासपुर के कोटा ब्लॉक में स्थित करगी कला में वर्षों से बेघर सपेरों की कच्चे मकानों की बस्ती में दौरा करने के बाद कलेक्टर दयानंद ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से चर्चा कर पीएम आवास के नियमों में शिथिलता करवाई और सपेरों के लिए पक्के मकानों की कॉलोनी ही बना डाली। इसके अलावा वे बिलासपुर में पदस्थ रहने के दौरान विजन 2020 बना कर चर्चा में आए थे।

पांडेय दयानंद को कलेक्टर बिलासपुर के बाद प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा के पद पर पदस्थ किया गया था। संचालक पंचायत एवं संचालक समाज कल्याण के तौर पर कार्यरत रह चुके हैं। आयुष विभाग के कई महीने तक डायरेक्टर भी रहे। कांग्रेस की सरकार में पूरे पांच साल तक लूप लाइन में रहने वाले दयानंद वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव हैं। अब मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ होंगे। साथ ही उनके पास सचिव चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार बना रहेगा।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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