IAS News: CG संकट में संविदा वाले आईएएस: पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा, डीडी सिंह को बाहर करने सीएम को लिखा पत्र
IAS News: छत्तीसगढ़ में सेवानिवृत्त हो चुके कुछ आईएएस अफसर अब भी संविदा में मलाईदार पदों पर बने हुए हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान आरोपों के घेरे में रहे इन अफसरों को सरकार से बाहर करने की मांग उठने लगी है।
IAS News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही राजनीतिक और प्रशासनिक समीकरण बदलने लगा है। ऐसे में कांग्रेस सरकार के दौरान संविदा नियुक्ति पाने वाले आईएएस अफसरों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है। इनमें से कुछ अफसरों का नाम चुनाव के दौरान बीजेपी की तरफ से जारी आरोप पत्र में भी था। ऐसे में मलाईदार पदों पर बैठे इन सेवानिवृत्त आईएएस अफसरों को बाहर करने की मांग उठने लगी है।
भाजपा के पूर्व विधायक रामदयाल उइके ने ऐसे ही एक संविदा वाले आईएएस अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उइके ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर एक संविदा में काम कर रहे आईएएस की शिकायत की है। बीजेपी नेता ने आईएएस पर कांग्रेस से टिकट के दावेदार होने और कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने का अभी आरोप लगाया है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में 4 आईएएस अफसर संविदा पर काम कर रहे थे। इनमें डॉ. आलोक शुक्ला, डीडी सिंह, निरंजन दास और अमृत कुमार खलखो शामिल हैं। 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद डॉ. शुक्ला ने त्याग पत्र दे दिया, लेकिन बाकी अफसर अब भी बने हुए हैं। डीडी सिंह सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ हैं। वे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सचिव थे। वहीं, दास कांग्रेस सरकार के दौरान लंबे समय तक आबाकरी विभाग की कमान संभाले रहे। छत्तीगसढ़ में हुए कथित शराब घोटाले में दास ईडी की रडार पर हैं। इस मामले में हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। इसी तरह तीसरे आईएएस अमृत कुमार खलखो राजभवन में सचिव हैं। श्रम विभाग में रहते उन पर दवा खरीदी में गड़बड़ी का आरोप लग चुका है। पीएससी भर्ती में खलखो के बेटे-बेटी की नियुक्ति का मामला भी गरम है। सरकार बदलने के बाद भी तीनों अफसर फिलहाल अपने पद पर बने हुए हैं।
इस बीच बीजेपी के पूर्व विधायक राम दयाल उइके ने डीडी सिंह के खिलाफ मोर्चा खेल दिया है। उइके ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सिंह की शिकायत की है।उइके ने सिंह को कांग्रेसी मानसिकता का अधिकारी बताते हुए लिखा है कि सिंह कांग्रेस से कटघोरा विधानसभा सीट से टिकट के लिए प्रयासरत थे। उइके का आरोप है कि सिंह ने पाली तानाखार में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया। इसी वजह से बीजेपी को वहां हार का सामना करना पड़ा। बात दें कि पाली तानाखार सीट से उइके को ही बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया था। उइके ने सिंह को तत्काल सरकार से बाहर करने की मांग की है।