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IAS KK Pathak Biography in Hindi: आईएएस केके पाठक का जीवन परिचय...

KK Pathak Biography:– आईएएस केके पाठक उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के रहने वाले है। वे 1990 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अफसर हैं। लालू यादव ,सुशील मोदी जैसे दिग्गज नेताओं से भिड़ कर चर्चा में आए केके पाठक अपने सख्त मिजाज और शिक्षा विभाग में पदस्थापना के दौरान लिए गए फैसलों के लिए लिए जाने जाते है। केके पाठक अक्सर विवादों में भी रहें है। बिहार में शराबबंदी के क्रियान्वयन में केशव कुमार पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

IAS KK Pathak Biography in Hindi: आईएएस केके पाठक का जीवन परिचय...
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By Gopal Rao

KK Pathak Biography in Hindi:– आईएएस केके पाठक बिहार कैडर के 1990 बैच के आईएएस अफसर हैं। कड़क मिजाज के आईएएस केके पाठक अक्सर अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहते है। बिहार में शराबबंदी के क्रियान्वयन में केशव कुमार पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका है। बड़े बड़े नेताओं से भिड़ने वाले केके पाठक वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद भी स्कूलों की टाइमिंग नही बदलने को लेकर चर्चाओं में है। आइए जानते हैं उनके बारे में..

आईएएस केके पाठक का पूरा नाम केशव कुमार पाठक है। उनका जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में 15 जनवरी 1968 को हुआ था। उनके पिता मेजर जीएस पाठक बिहार में लघु जल संसाधन विभाग में प्रमुख सचिव रह चुके है। आईएएस केके पाठक ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। जिसके बाद अर्थशास्त्र में ही स्नातकोत्तर ( एमफिल) किया। डिग्री लेने के बाद केशव कुमार पाठक ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की उन्होंने यूपीएससी में 40 वन रैंक लाया था केशव कुमार पाठक को बिहार कैडर मिला और वह 1990 बैच के आईएएस बने।

ट्रेनिंग के बाद के के पाठक की पहली पोस्टिंग कटिहार में हुई थी। फिर गिरिडीह में भी एसडीएम रहे। फिर बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ में भी एसडीएम रहें। 1996 में पाठक पहली बार डीएम बने और उन्हें संयुक्त बिहार के गिरिडीह जिले की क्लेक्टरी मिली। राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते केके पाठक को लालू यादव के गृह जिले गोपालगंज की कलेक्टरी मिली। गोपालगंज में कलेक्टर रहने के दौरान उन्होंने सुर्खिया बटोरी। यहां राबड़ी देवी के भाई साधु यादव गोपालगंज के सांसद थे। उन्होंने अपने सांसद निधि से एक अस्पताल बनवाया था। पर केके पाठक ने उनकी जगह एक सफाईकर्मी से अस्पताल का उद्घाटन करवा दिया था। इस मामले में जमकर विवाद हुआ और पाठक चर्चाओं में आए। पाठक के इस रवैए से नाराज होकर राबड़ी देवी ने उन्हें क्लेक्टरी से हटा कर सचिवालय बुला लिया था। गोपालगंज में केके पाठक काफी कम समय तक कलेक्टर रहे।

आईएएस केशव कुमार की अर्थव्यवस्था दुरस्त करने के साथ ही लोक प्रशासन और सामाजिक नीति विश्लेषण में खासी रुचि रही है। केके पाठक 1997 से 2001 तक फाइनेंस और कंपनी अफेयर्स मामलों के मंत्रालय में अंडर सेकेट्री और डिप्टी सेकेट्री के पद पर रहे। 2002 में उन्हें बिहार स्टेट क्रेडिट एंड इंवेस्टमेंट मैनेंजिंग डायरेक्टर बनाया गया था। केशव कुमार को बिहार स्टेट क्रेडिट एंड इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन में मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है। फिर केके पाठक राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक भी बने। 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनी तो केके पाठक को बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के एमडी की जिम्मेदारी मिली। वे एड्स कंट्रोल सेल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के साथ ही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, शहरी हाउसिंग डेवलपमेंट में अध्यक्ष, बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट में एमडी रह चुके हैं।।

2010 में पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए। 2015 में नीतीश सरकार ने उन्हें वापस बुलवाया। 2016 में शराब बंदी अभियान में आबकारी नीति लागू करने में केके पाठक की महत्व्पूर्ण भूमिका निभाई। 2017– 2018 में फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए। वे केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे। राजस्व परिषद में अपर सदस्य रहे। वे मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग में प्रमुख सचिव रहे। केंद्र सरकार में रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय में मैनेंजिंग डायरेक्टर, नेशनल हाईवेज एंड इंस्फ्रास्टक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में रहे।

बिहार स्कूल शिक्षा में इसका प्रमुख सचिव रहने के दौरान स्कूल शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में केके पाठक का अहम स्थान रहा। केके पाठक के प्रयासों से स्कूलों में शिक्षकों और बच्चे लगभग शत प्रतिशत आने लगे है।

विवादों में भी रहें पाठक:–

केके पाठक अक्सर विवादों में भी रहे है। एसबीआई के 7 बैंक मैनेजरों के साथ दुर्व्यवहार करने और उन पर गलत अपराध दर्ज करवाने पर पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक को दोषी मान कर एक लाख 75 हजार रुपए जुर्माना किया है। 2015 में सनकी कहने पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी को पाठक लीगल नोटिस भेज चुके है। साधु यादव व सांसद रघुनाथ झा से भी मंत्री भिड़ चुके है। शिक्षा विभाग के मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर से भी केके पाठक की भिड़ंत हो चुकी है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को गाली देने का वीडियो भी केके पाठक का वायरल हुआ है।

केके पाठक को शानदार गर्वनेस, गंभीरता और व्यवहार कुशलता,दूरदर्शिता,उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह, कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन– एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2021 में फेम इंडिया मैगजीन ने भारत के 50 असरदार ब्यूरो क्रेट्स की सूची में केके पाठक को भी स्थान दिया।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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