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IAS Kiran Kaushal Biography in Hindi: आईएएस किरण कौशल का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर की पहली महिला आईएएस किरण कौशल?

IAS Kiran Kaushal Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: किरण कौशल छत्तीसगढ़ राज्य की पहली महिला छत्तीसगढ़िया आईएएस हैं। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वो छत्तीसगढ़ की पहली मूल निवासी महिला है जो आईएएस के लिए चुनी गईं। उन्होंने यूपीएससी में हिंदी माध्यम लेकर परीक्षा दिलाते हुए पूरे देश में तीसरा स्थान व महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य से इसे कोई अब तक तोड़ नहीं सका है। किरण कौशल दो बार पीएससी और दो बार यूपीएससी में चयनित हो चुकी हैं।

IAS Kiran Kaushal Biography in Hindi: आईएएस किरण कौशल का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर की पहली महिला आईएएस किरण कौशल?
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IAS Kiran Kaushal

By Gopal Rao

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एनपीजी। किरण कौशल छत्तीसगढ़ कैडर की 2009 बैच की आईएएस हैं। उन्होंने यूपीएससी में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। छत्तीसगढ़ से अब तक कोई भी अभ्यर्थी इस रिकार्ड को तोड़ नहीं पाया है। वह पीएससी से जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हो चुकी हैं। यूपीएससी से आईआरएस के लिए भी चयनित हुई थी। चार जिलों की कलेक्टरी कर चुकी किरण कौशल के नाम कई पुरस्कार और अवार्ड हैं। वर्तमान में किरण कौशल विशेष सचिव वाणिज्य कर पंजीयन विभाग हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

2009 बैच की आईएएस किरण कौशल मूलतः छत्तीसगढ़ कैडर की 2009 बैच की अफसर है। वे मूलतः दुर्ग जिले की रहने वाली है। उनका जन्म 3 सितंबर 1980 को हुआ है। उनके पिता का नाम एसपी कौशल है। किरण कौशल के पिता वन विभाग में कार्यरत थे। स्कूलिंग के बाद उन्होंने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से बिकॉम ( कॉमर्स) किया है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन की कहानी:–

किरण कौशल ने 2003 पीएससी के द्वारा जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी के पद पर चयन पाया। 2005 पीएससी से डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन पाया। दर्शनशास्त्र एवं इतिहास वैकल्पिक विषयों के साथ यूपीएससी क्रैक किया। अपने पहले प्रयास में किरण कौशल का चयन यूपीएससी में नही हो पाया। तब उन्होंने अपना दूसरा प्रयास दिया और उनका 242 वां रैंक आया। पर उन्हें आईएएस नही मिल पाया। उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के तहत सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट के लिए हुआ। पर किरण की चाहत आईएएस बनने की थी। इसलिए उन्होंने फिर से पूरी तैयारी से यूपीएससी का तीसरा प्रयास दिया इसके लिए उन्होंने खुद से नोट्स बना कर तैयारी की अपने तीसरे प्रयास में किरण ने देश भर में तीसरा रैंक हासिल किया और आईएएस बनी। महिला वर्ग में किरण प्रथम स्थान पर रही। उनके द्वारा बनाए गए रिकार्ड को छत्तीसगढ़ से अब तक कोई नहीं तोड़ सका है।

प्रोफेशनल कैरियर:–

यूपीएससी निकालकर किरण ने 31 अगस्त 2009 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। वह सरगुजा व रायपुर जिला पंचायत की सीईओ रही। सरगुजा जिला पंचायत सीईओ रहते उन्होंने शिक्षकों की कमी पर विशेष ध्यान दिया। पहली बार कलेक्ट्री उन्हें मुंगेली जिले की मिली। मुंगेली कलेक्टर रहने के दौरान उन्होंने मुंगेली को प्रदेश का पहला ओडीएफ जिला बनाया। मुंगेली जिला किरण कौशल के ज्वाइन करने के समय शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा था। बोर्ड परीक्षा में मुंगेली जिले को प्रदेश में सबसे नीचे 27 वां स्थान मिला था। किरण कौशल ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने काफी प्रयास किए। उनके प्रयासों के मद्देनजर मुंगेली प्रदेश के पांचवें नंबर के जिला बन गया। मुंगेली के बाद वे सरगुजा कलेक्टर बनी। इस दौरान उन्होंने सरगुजा को स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाया। शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया। सरगुजा जिले ने किरण कौशल के नेतृत्व में उज्ज्वला योजना में एक लाख हितग्राहियों का रिकॉर्ड बनाया।

पूरे प्रदेश के साथ ही जब अंबिकापुर में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल हुई, तब कलेक्टर किरण कौशल ने जिले के सभी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बहाल रखने के उद्देश्य से रेगुलर टीचर, प्रेरक, निजी स्कूलों के शिक्षकों एवं समाज सेवी संस्थाओं का तो सहयोग लिया और खुद स्कूलों में जा– जा कर मॉनिटरिंग कर शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाया।

सरगुजा कलेक्टर रहते चिकित्सा के क्षेत्र में भी किरण कौशल ने अभिनव प्रयोग किया। अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थति सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर ने एक 'DMAAA' नाम से एक एंड्रायड एप्लिकेशन बनवाने के बाद इसका उपयोग भी शुरू करा दिया। एंड्रायड एप्लिकेशन में व्यस्था दी गई कि डॉक्टर दिन में दो बार अस्पताल में राउंड के समय अपने मरीज की फोटो अपलोड करेंगे और स्टुवर्ट के लोग मरीजों के भोजन की थाली की फोटो अपलोड करेंगे जिसकी मानिटरिंग खुद कलेक्टर किरण कौशल करती थी।

सरगुजा के बाद किरण बालोद जिले की कलेक्टर बनी। यहां उन्होंने महिलाओं और छात्राओं के लिए स्वास्थ्य और पोषण की योजनाएं शुरू की। किरण कौशल कोरबा जिले की भी कलेक्टर रही। जब किरण कौशल कोरबा कलेक्टर थी तब प्रदेश का पहला हॉटस्पॉट कोरबा जिले का कटघोरा बना था। तब बड़ी ही सूझबूझ से उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से सामना करते हुए लोगों का इलाज करवा उनकी जान बचाई। अपने छोटे से बच्चे को घर में छोड़कर किरण कौशल कोरोना से निपटती रही। कोरोना संक्रमितों की जल्द पहचान करने से लेकर उनके इलाज की आइसोलेशन की व्यवस्था करवाने, लॉकडाउन लगाने, दैनिक जरूरत की चीजों की आपूर्ति बनाए रखने की बेहतर व्यवस्था की। उनके कार्य कुशलता व कर्तव्य निष्ठा की जमकर तारीफ हुई। अन्य जिले के अफसरों ने भी उनके तरीकों को अपना कोरोना से निपटने में सफलता पाई। कोरबा कलेक्टर रहते हैं उन्होंने सतरेंगा को विश्व पर्यटन के मानचित्र में स्थापित किया।

किरण कौशल रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर रहीं। महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक रही। खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण विभाग की संचालक रहीं। मार्कफेड की प्रबंध संचालक रही। मार्कफेड में रहने के दौरान उन्होंने सुखत कम करने में रिकार्ड बनाया। वर्तमान में किरण कौशल विशेष सचिव वाणिज्य कर पंजीयन विभाग हैं।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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