IAS Janak Prasad Pathak ये क्या हुआ...आईएएस जनक पाठक अर्श से फर्श पर कैसे आ गए? आवास पर्यावरण, एक्साइज, टीएंडसीपी जैसे पांच पदों से हटाकर बना दिए गए संभाग के बड़े बाबू
IAS Janak Prasad Pathak: सरकार ने आज फिर एक बार आईएएस जनक प्रसाद पाठक का ट्रांसफर कर दिया है। पाठक को वजनदार विभागों से हटाकर सीधे दुर्ग संभाग के कमिश्नर जैसे पद पर बैठा दिया है।
IAS Janak Prasad Pathak रायपुर। सरकार ने आज दो आईएएस अफसरों के प्रभार में बदलाव किया है। इनमें 2007 बैच के जनक प्रसाद पाठक और 2008 बैच के महादेव कावरे शामिल है। मंत्रालय में आवास एवं पर्यावरण और आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे पाठक को हटाकर दुर्ग संभाग का कमिश्नर बनाया गया है। जाहिर है, एक्साइज कमिश्नर के सामने डिविजनल कमिश्नर पोस्ट की कोई अहमियत नहीं। ब्यूरोक्रेसी में इसे संभाग का बड़ा बाबू कहा जाता है। ऐसे में, कहा जा सकता है कि पाठक को शंट कर दिया गया। हालांकि, एक्साइज कमिश्नर के नाते निर्वाचन आयोग के राडार पर वे थे। आयोग की फुल बोर्ड की बैठक में भी शराब को लेकर आयोग ने उनसे सवाल-जवाब किए थे।
पाठक का कैरियर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। सरकार ने 2019 में पाठक को जांजगीर-चांपा जिला का कलेक्टर बनाया था। कलेक्टर के रुप में पाठक बमुश्किल एक साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे कि उन पर रेप का आरोप लग गया। इसकी वजह से न केवल कलेक्टरी छीन गई बल्कि पाठक को कई महीने तक सस्पेंड भी रहना पड़ा। करीब 8 महीने तक कोर्ट और कैट का चक्कर लगाकर किसी तरह सस्पेंशन खत्म कराया। इसी वर्ष 25 अप्रैल को सरकार ने उनका कद बढ़ाते हुए आवास एवं पर्यावरण विभाग का विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) बनाया था। इसके बाद उन्हें आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी दे दी गई। अभी 15 अगस्त को ही पाठक को स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन की कमान सौंपी गई थी। इससे पहले उन्हें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का कमिश्नर बनाया गया था। ये भी काफी महत्वपूर्ण पद है। लेकिन अब अचानक उन्हें हटा दिया गया है। बताते चले कि पाठक को जब आवासा पर्यावरण विभाग के सिकरेट्री की जिम्मेदारी मिली तो ब्यूरोक्रेसी चौंक गई थी। क्योंकि, आमतौर पर ये पोस्टिंग सीनियर और प्रभावशाली उन अधिकारियों को मिलती है, जो सरकार के पसंदीदा होते हैं। धाकड़ आईएएस एन. बैजेंद्र कुमार लंबे समय तक आवास और पर्यावरण विभाग के सचिव रहे तो रमन सरकार में शक्तिशाली अधिकारी अमन सिंह भी आवास पर्यावरण में पोस्टेड रहे। इस सरकार में भी एडिशनल चीफ सिकरेट्री सुब्रत साहू इस विभाग के सचिव रहे। जबकि, जनक पाठक अभी सिकरेट्री भी नहीं बन पाए हैं। अनाचार के केस की वजह से उनका प्रमोशन नहीं हो पाया। 2007 बैच के सारे आईएएस सचिव बन गए हैं सिर्फ पाठक को छोड़कर।
कलेक्टर से कमिश्नर तक का सफर
पाठक 6 जून 2019 को जांजगीर चांपा जिला के कलेक्टर बनाए गए। रेप का आरोप लगने के बाद 26 मई 2020 को जांजगीर से हटा दिया गया। मंत्रालय में उन्हें डॉयरेक्टर लैंड रिकार्ड की जिम्मेदारी दी गई। 04 जून 2020 को सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। 23 फरवरी 2021 को निलंबन समाप्त कर सरकार ने मंत्रालय में विशेष सचिव के रुप में पदस्थ किया, लेकिन कोई विभाग नहीं दिया। निलंबन समाप्त होने करीब एक महीने बाद 22 मार्च 2021 को पाठक को राजस्व एवं अपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। 25 अप्रैल 2022 को महानिरीक्षक पंजीकरण एवं स्टाम्प, निदेशक, भूमि अभिलेख, निदेशक, मुद्रण एवं स्टेशनरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। 28 जून 2022 को सरकार ने फिर उनकी जिम्मेदारी बदली और जल संसाधन विभाग का विशेष सचिव बना दिया। महीने भर बाद 29 जुलाई को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन का अतिरिक्त प्रभार पाठक को दिया गया। 18 दिसंबर 2022 को पाठक को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का सचिव पदस्थ किया गया। इस वर्ष 25 अप्रैल को उन्हें विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) आवास एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी दी गई। 7 जुलाई को वाणिज्यिक कर और इसके बाद आबकारी आयुक्त बनाया गया था। 14 अगस्त को छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
रेप कांड में फंसे IAS का सस्पेंशन खत्म: …..राज्य सरकार ने जारी किया आदेश…..
रायपुर। रेप के आरोपी IAS जेपी पाठक का सस्पेंशन खत्म कर दिया गया है। कैट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने निलंबन खत्म करने का आदेश दिया है। 2007 बैच के IAS अफसर जनक प्रसाद पाठक पर जांजगीर कलेक्टर रहते हुए महिला से रेप का आरोप लगा था। इस मामले में महिला की शिकायत पर FIR दर्ज की गयी थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने पिछले साल 4 जून 2020 को जेपी पाठक को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। विस्तार से पढ़ने के लिए यहांं क्लीक करें