Gyanesh Kumar Family: बेटी-दामाद IAS, बहनोई IPS, छोटी बेटी IRS, परिवार में 28 डॉक्टर... अफसरों से भरी है मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की फैमिली
Gyanesh Kumar Family: पूर्व आईएएस ज्ञानेश कुमार को देश का 26वां मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है। जिसके बाद वह काफी चर्चा में हैं। चर्चा की वजह नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का परिवार है। ज्ञानेश कुमार के परिवार में सरकारी अफसरों की भरमार है।
Gyanesh Kumar Family: ज्ञानेश कुमार को देश का अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। पूर्व आईएएस ज्ञानेश कुमार को देश का 26वां मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है। जिसके बाद वह काफी चर्चा में हैं। चर्चा की वजह नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का परिवार है। ज्ञानेश कुमार के परिवार में सरकारी अफसरों की भरमार है।
जी हाँ दरअसल,ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम, दामाद मनीष बंसल आईएएस है। दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं। उनके पति अक्षय लबरू आईएएस हैं। उनके छोटे भाई मनीष कुमार IRS अधिकारी हैं। बहनोई उपेंद्र कुमार जैन आईपीएस अधिकारी हैं। वहीँ परिवार के 28 सदस्य डॉक्टर हैं। इस तरह उनके परिवार में ज्यादातर सदस्य अधिकारी है। तो आईये जानते हैं ज्ञानेश कुमार और उनके परिवार के बारे में...
कौन है आईएएस ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार का पूरा नाम ज्ञानेश कुमार गुप्ता है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के विजय नगर कॉलोनी के रहने वाले हैं। ज्ञानेश कुमार का जन्म 27 जनवरी 1964 को हुआ था। उनके पिता सुबोध गुप्ता रेडियोलॉजिस्ट रहे हैं। वे सरकारी नौकरी में थे और अलग– अलग जगह पोस्टिंग के बाद चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद पर अलीगढ़ संभाग के एटा जिले से सेवानिवृत हुए हैं। रिटायरमेंट के बाद अभी वर्तमान में श्री राम सेंटेनियल स्कूल का संचालन उनके पिता सुबोध गुप्ता करते हैं। जबकि उनकी माता सत्यवती गुप्ता पतंजलि योगपीठ योगाचार्य हैं। ज्ञानेश कुमार के परिवार का पिछले कई पीढ़ियों से चिकित्सा जगत से नाता रहा है और कई पीढ़ियों से उनके परिवार में डॉक्टर बनते रहे हैं। ज्ञानेश कुमार की मां चाहती थीं कि उन्हें किसी अलग फील्ड में डाला जाए इसलिए उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया गया।
पिता के सरकारी नौकरी में रहने के चलते अलग-अलग जगह तबादला होने के कारण ज्ञानेश कुमार की पढ़ाई अलग-अलग जगह से हुई है। उनकी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा गोरखपुर से शुरू हुई। फिर उन्होंने अलग-अलग जिलों में पढ़ाई किया। उनकी मां सत्यवती गुप्ता के अनुसार ज्ञानेश कुमार शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं और कभी भी उन्होंने कोचिंग नहीं की। वाराणसी के क्वीनस कॉलेज से हाईस्कूल और लखनऊ के काल्विन कॉलेज से हायर सेकेंडरी की परीक्षा ज्ञानेश कुमार ने उत्तीर्ण की। हायर सेकेंडरी में उन्होंने टॉप किया था। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल ब्रांच में बीटेक किया। बीटेक के बाद परिवार वालों की सलाह और खुद के रुझान को देखते हुए दिल्ली चले गए और यूपीएससी की तैयारी करने लगे। यूपीएससी क्रैक कर केरल कैडर के आईएएस बनें।
ज्ञानेश कुमार ने इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ़ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की भी पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। उनकी पहली पोस्टिंग केरल सरकार में एर्नाकुलम के सहायक कलेक्टर के रूप में हुई। वे अदूर जिले के उप जिलाधिकारी, कोचीन नगर निगम के नगर निगम कमिश्नर के पद पर रहे। कलेक्टर के बतौर उनकी पहली पोस्टिंग त्रिवेंद्रम जिले में हुई। केरल सरकार में सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने वित्त विभाग, लोक निर्माण विभाग और फास्ट ट्रैक परियोजनाओं में कार्य किया। ज्ञानेश कुमार लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी रहे। यूपीए सरकार के दौरान ज्ञानेश कुमार रक्षा मंत्रालय में कार्य कर चुके हैं। वे संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में उन्होंने काम किया। अतिरिक्त सचिव के बाद सचिव के तौर पर भी ज्ञानेश कुमार ने काम किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में वे कश्मीर डिविजन के प्रभारी रह चुके हैं। इस दौरान केंद्र सरकार ने संसद में जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था जिसमें ज्ञानेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। तीन तलाक विरोधी विधेयक बनाने में भी ज्ञानेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के बनने में अहम भूमिका ज्ञानेश कुमार की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ज्ञानेश कुमार ने सरकार की तरफ से महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे थे। अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप की जो मूर्ति लगी है, उसे मूर्ति के निर्णायक मंडल में भी वह शामिल रहे। वर्तमान में ज्ञानेश कुमार श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सरकार की तरफ से प्रतिनिधि है। युद्ध ग्रस्त इराक से केरल की 40 नर्सों को सुरक्षित वापस लाने का सफल ऑपरेशन भी ज्ञानेश कुमार की उपलब्धियों में से एक है। गृह मंत्रालय के बाद सहकारिता मंत्रालय में सचिव के तौर पर ज्ञानेश कुमार कार्य कर चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास गृह मंत्रालय के अलावा सहकारिता विभाग भी था। उनके विश्वस्त अफसर होने के चलते सहकारिता विभाग में ज्ञानेश कुमार को सचिव के पद पर नियुक्ति मिली। रिटायरमेंट की आयु के बाद भी उन्हें एक्सटेंशन देकर पद पर रखा गया। 31 जनवरी 2024 को वे सेवानिवृत हुए। जिसके डेढ़ माह पश्चात 15 मार्च 2024 को उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति दी गई। अब उन्हें देश का 26 वाँ मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा। इस दौरान लगभग सभी बड़े राज्यों में 22 विधानसभा के चुनाव कराने का जिम्मा ज्ञानेश कुमार के जिम्मे होगा।
परिवार में है अफसरों की भरमार
ज्ञानेश कुमार अपने परिवार के भी आदर्श हैं। उनके सिविल सर्विसेज में जाने के बाद उनका छोटा भाई मनीष भी आईआरएस अधिकारी बना। इसके अलावा ज्ञानेश कुमार की बहन रोली जैन ने पीएचडी की है। ज्ञानेश कुमार की बहन रोली के पति उपेंद्र जैन मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। ज्ञानेश कुमार की तरह उनके बच्चों ने भी सिविल सर्विसेज में जाने के लिए ज्ञानेश कुमार को अपना आदर्श माना। ज्ञानेश कुमार की दो बेटी और एक बेटा है। ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम और उनके पति मनीष बंसल 2014 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस हैं। मेधा रूपम शूटिंग में गोल्ड मेडल विजेता भी रहीं हैं। ज्ञानेश कुमार की छोटी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरु आईएएस अधिकारी हैं। जबकि ज्ञानेश कुमार का बेटा आर्नव अभी पढ़ाई कर रहा है।
ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी है आईएएस
ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम आईएएस अफसर है। मेधा रूपम 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं। आईएएस मेधा रूपम ने 8वीं तक की पढ़ाई नेवल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम से की. फिर तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 2008 में मेधा रूपम ने 12वीं की पढ़ाई के दौरान शूटिंग सीखना शुरू किया। केरल की स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में खेलकर तीन गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे। वहीँ दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है।
उसके बाद वो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गयी। मेधा रूपम ने 2014 बैच AGMUT कैडर मिला था। लेकिन पति मनीष बंसल के यूपी कैडर होने के चलते उनका ट्रांसफर AGMUT से यूपी में कैडर में हो गया था। उनकी पहली पोस्टिंग बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में हुई। वर्तमान में आईएएस मेधा रूपम कासगंज की जिलाधिकारी है।
बड़ी बेटी का पति है भी आईएएस
ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी आईएएस मेधा रूपम के पति और उनके दामाद मनीष बंसल भी आईएएस अधिकारी है। आईएएस मनीष बंसल 2014 बैच के यूपी कैडर के अफसर हैं. मनीष बंसल मूल रूप से पंजाब जिले के संगरुर के रहने वाले हैं। उनके पिता अवतार राम बंसल एक बैंक में मुख्य प्रबंधक हैं। जबकि मां सुधा बंसल एक गृहणी हैं। उन्होंने इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में एमटेक किया है। साल 2013 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की थी जिसमे 53वीं रैंक हासिल की थी। वर्तमान में वो सहारनपुर के जिलाधिकारी हैं।
छोटी बेटी है आईआरएस अधिकारी
ज्ञानेश कुमार की छोटी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं। अभिश्री साल 2018 बैच की अधिकारी हैं। अभिश्री ने डीपीएस से शुरुआती पढ़ाई की। वहीँ, दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफ़ंस कॉलेज से फ़िज़िक्स में ग्रेजुएशन किया है। अभिश्री ने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी और इस परीक्षा में 297वीं रैंक हासिल की थी। वर्तमान में अभिश्री इनकम टैक्स में असिस्टेंट कमिश्नर हैं।
आईएएस है छोटे दामाद
ज्ञानेश कुमार की छोटी बेटी अभिश्री के पति और उनके छोटे दामाद अक्षय लबरू आईएएस अधिकारी है। अक्षय त्रिपुरा कैडर के 2018 बैच के आईएएस हैं. वो जम्मू के रहने वाले हैं. अक्षय लबरू ने डीपीएस, जम्मू से स्कूलिंग करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से पढ़ाई की है। अक्षय लबरू ने 2017 में 104वीं रैंक 104वीं हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। जिसमे उन्हें त्रिपुरा कैडर मिला था। लेकिन वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और लेफ्टिनेंट गवर्नर के सचिवालय के एडिशनल सचिव के पद पर तैनात हैं। आईएएस अक्षय लबरू और आईआरएस अभिश्री की मुलाकात भी LBSNAA मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। जिसके बाद उनमे प्यार हुआ और शादी के बंधन में बंध गए।
बहनोई है आईपीएस
इसी तरह ज्ञानेश कुमार की बहन रोली के पति उपेंद्र जैन मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस उपेंद्र जैन भारतीय पुलिस सेवा के 1991 बैच के अधिकारी हैं। वर्तमान में वो EOW के महानिदेशक (DG) है। आईपीएस उपेंद्र जैन मध्य प्रदेश में विशेष पुलिस महानिदेशक प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम समेत कई महत्वपूर्ण पद पर सेवा दे चुके हैं।