IAS Deepak Arya Biography in Hindi: आईएएस दीपक आर्य का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस दीपक आर्य?...
IAS Deepak Arya Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– दीपक आर्य मध्य प्रदेश कैडर के 2012 बैच के आईएएस हैं। मूलतः भी वे मध्यप्रदेश के ही रहने वाले है। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने यूपीएससी क्रैक की है। पोस्टिंग के मामले में किस्मती माने जाने वाले दीपक आर्य को 2011 बैच से पहले ही कलेक्टरी मिल गई थी।
( IAS Deepak Arya Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth )
एनपीजी। दीपक आर्य मध्य प्रदेश कैडर के 2012 बैच के आईएएस हैं। मूलतः भी वे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद वे आईएएस बने हैं। जब 2011 बैच का कलेक्टरी का खाता नहीं खुला था, तब से उनके कामों को देखते हुए सरकार ने उन्हें कलेक्टरी सौंप दी थी। पिछले तीन सालों से वे कलेक्टर के तौर पर सागर जिले में पदस्थ थे। बतौर कलेक्टर यहां उनका दूसरा जिला था। दीवार गिरने से नौ बच्चों की हुई मौत के बाद अब सरकार ने उन्हें हटा दिया है। आइए जानते हैं उनके बारे में....
जन्म और शिक्षा:–
दीपक आर्य मध्यप्रदेश कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे मूलतः मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के बिछौवा गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 8 फरवरी 1984 को हुआ हैं। उनके दादा भी शिक्षक थे और पिता भी शिक्षक थे। उनकी माता भी शिक्षिका है। अल्प आयु में पिता की मौत के बाद उनकी मां ने उन्हें संभाला और शिक्षा दीक्षा दिलाई। दीपक ने पांचवीं तक की शिक्षा अपने गांव के आदर्श माध्यमिक विद्यालय से पूरी की। फिर नवोदय प्रवेश परीक्षा निकाल कर ग्वालियर के पिछौरा स्थित नवोदय विद्यालय से छठवीं से 12वीं तक की शिक्षा ली। 12वीं के बाद उन्होंने इंदौर के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक कोर्स में 2002 में एडमिशन लिया। 2006 में उनका बीटेक कंप्लीट हुआ।
प्रोफेशनल कैरियर:–
यूपीएससी 2011 क्रैक कर दीपक आर्य 2012 बैच के आईएएस अधिकारी बने। उन्होंने 3 सितंबर 2012 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात फील्ड ट्रेनिंग के लिए उनकी पोस्टिंग सहायक कलेक्टर के पद पर बालाघाट में हुई। प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद दीपक आर्य को बड़वानी में एसडीएम बनाकर भेजा गया। फिर 2015 में जिला पंचायत विदिशा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बने। इस दौरान अपनी प्रशासनिक दक्षता से काफी लोकप्रियता हासिल की। कमजोर और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को आईएएस और आईपीएस बनने के लिए उन्होंने मार्गदर्शन दिया। निशुल्क कोचिंग के जरिए उन्हें पढ़ाया भी। जिसके चलते प्रदेश भर में उनकी तारीफ हुई। विदिशा के बाद उन्हें उज्जैन का अपर कलेक्टर बनाकर भेजा गया। अपर कलेक्टर के रूप में उज्जैन में उन्होंने राजस्व संबंधी कई मामलों में महत्वपूर्ण कार्यवाही कर लोगों की समस्याओं को हल किया। निर्वाचन में भी दीपक आर्य ने यहां दिन रात मेहनत की। उनकी मेहनत कहीं परिणाम था कि जब 2012 बैच की कलेक्टरी शुरू नहीं हुई थी। तो 26 दिसंबर 2018 को उन्हें बालाघाट का कलेक्टर बनाकर भेजा गया। बालाघाट में ही प्रशिक्षु आईएएस के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। 3 साल बालाघाट कलेक्टर रहने के बाद उन्हें 2021 में सागर का कलेक्टर बनाया गया। पिछले तीन सालों से वे सागर कलेक्टर के पद पर तैनात थे। अब उन्हें दीवार गिरने से नौ बच्चों की मौत के मामले में हटाया गया है।
अच्छे कामों के अलावा दीपक आर्य बालाघाट कलेक्टर रहने के दौरान बदनाम भी रहे हैं। उनके खिलाफ बालाघाट जिले का कलेक्टर रहने के दौरान कस्टम मिलिंग व चावल के अवैध कारोबारियों, कान्हा स्थित रिसोर्ट संचालकों, रेत ठेकेदारों, कंस्ट्रक्सन कंपनी से रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट खुद व परिजनों के नाम पर लेने का आरोप था। एक पूर्व विधायक में उनके खिलाफ केंद्र में शिकायत करने से लेकर हाईकोर्ट तक में याचिका दाखिल की थी।
जीवन साथी:–
दीपक आर्य ने शीतल आर्य से विवाह किया है। शीतल आर्य इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। इसके अलावा उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी किया है।