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IAS Avnish Sharan: जानिए...इस आईएएस के लिए क्‍यों खास है बिलासपुर, सर्विस ही नहीं, लाइफ से भी जुड़ी है यादें

IAS Avnish Sharan:

IAS Avnish Sharan: जानिए...इस आईएएस के लिए क्‍यों खास है बिलासपुर, सर्विस ही नहीं, लाइफ से भी जुड़ी है यादें
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By Sanjeet Kumar

IAS Avnish Sharan: बिलासपुर। छत्‍तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस अवनीश शरण (IAS Avnish Sharan) ने आज बिलासपुर कलेक्‍टर का पदभार संभाल लिया है। मूल रुप से बिहार के रहने वाले अवनीश शरण के लिए बिलासपुर जिला बेहद खास है। बिलासपुर से न केवल उनकी सर्विस बल्कि लाइफ की भी यादें जुड़ी हुई हैं।

आईएएस अवनीश शरण ने अपने प्रशासनिक सेवा की शुरुआत बिलासपुर जिला से की है। उनकी पहली पोस्टिंग बतौर प्रोबेशनर बिलासपुर जिला में हुई थी। अवनीश शरण बिलासपुर के सहायक कलेक्‍टर के रुप में अपनी सेवा की शुरुआत की। 2014 में उन्‍हें बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर की जिम्‍मेदारी मिली। बिलासपुर कमिश्नर रहने के दौरान ही उनकी शादी हुई। इस वजह से बिलासपुर उनके निजी जीवन से भी जुड़ा हुआ है।

पत्‍नी व दोनों बेटियां के साथ आईएएस अवनीश शरण

बिलासपुर के बाद अवनीश शरण को रायपुर नगर निगम कमिश्नर की जिम्‍मेदारी मिली। अवनीश 2015 में रायपुर जिला के एडिशनल कलेक्‍टर और जिला पंचायत के सीईओ के पद पर भी काम कर चुके हैं। बलरामपुर-रामानुजगंज जिला बतौर कलेक्‍टर उनका पहला जिला है। 2017 में बलरामपुर में कलेक्‍टर रहते उन्‍होंने अपनी बड़ी बेटी का दाखिला सरकारी स्‍कूल में कराया था। उनकी दो बेटियां हैं। अवनीश शरण की शादी देश के चर्चित आईपीएस और सीबीआई के पूर्व डॉयरेक्‍टर रंजीत सिन्‍हा की बेटी से हुई है। 2018 में वे कबरधाम जिला के कलेक्‍टर बनाए गए थे। वहां दो साल कलेक्‍टरी करने के बाद सरकार ने उन्‍हें राजधानी बुला लिया। बिलासपुर कलेक्‍टर बनाए जाने से पहले वे तकनीकी शिक्षा विभाग के संचालक के पद पर कार्यरत थे।

तकनीकी शिक्षा विभाग के संचालक की कुर्सी पर अवनीश शरण

मूलतः बिहार के रहने वाले अवनीश शरण का जन्म समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव केवटा में 20 जनवरी 1981 को हुआ था। अअवनीश शरण डॉ. लोकेश शरण के पुत्र हैं। वनीश शरण पढ़ाई में सामान्य थे। 1996 में उन्होंने आरएच स्कूल दलसिंह राय, समस्तीपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। दसवीं की क्लास में अवनीश शरण ने 44.7 फीसदी अंक हासिल किए थे। हालांकि बारहवीं बोर्ड में उनके अंको में सुधार हुआ और उन्होंने 65% अंक प्राप्त किए। ग्रेजुएशन में अवनीश शरण के 60% मार्क्स ही आए थे। पर यूपीएससी पास करने की उनकी जिद और जुनून ने उन्हें आईएएस अफसर बनाया। अवनीश शरण राज्य लोक सेवा आयोग में दस प्रयासों के बाद प्री भी नहीं निकाल पाए थे। पर यूपीएससी में पहली बार में ही इंटरव्यू तक पहुंच गए थे। जबकि दूसरे प्रयास में 77 रैंक हासिल कर आईएएस बने।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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