IAS Avnish Sharan: पूर्व म्यूनिसिपल कमिश्नर अवनीश शरण कलेक्टर बनकर पहुंचे चुनाव कराने, वर्तमान कमिश्नर कुणाल दुदावत ने ऐसे किया उनका स्वागत
IAS Avnish Sharan
बिलासपुर। चुनाव आयोग के आदेश के बाद आईएएस अवनीश शरण ने आज सुबह बिलासपुर कलेक्टर का पदभार ग्रहण कर लिया। चुनाव आयोग ने संजीव झा की जगह पर अवनीश को कल शाम कलेक्टर अपाइंट किया था। अवनीश पूर्व में बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर रह चुके हैं। बिलासपुर से ट्रांसफर होकर वे रायपुर नगर निगम कमिश्नर बने थे। वे राज्य के पहले आईएएस हैं, जिन्हें रायपुर, बिलासपुर दोनों बड़े नगर निगमों में काम करने का मौका मिला है।
अवनीश 2009 बैच के आईएएस हैं। पिछली सरकार में वे बलरामपुर और कवर्धा के कलेक्टर रह चुके हैं। इस सरकार में उन्हें कलेक्टर बनने का मौका नहीं मिला। कलेक्टर बनकर अवनीश आज बिलासपुर पहुंचे तो वर्तमान नगर निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। कुणाल के पास ही फिलवक्त कलेक्टर का चार्ज था। संजीव झा उन्हीं को चार्ज देकर पदमुक्त हुए थे। कुणाल 2017 बैच के तेज तर्रार और रिजल्ट देने वाले आईएएस हैं। तो अवनीश की छबि भी साफ-सुथरी आईएएस की है। हाईप्रोफाइल परिवार से ताल्लुकात रखने वाले अवनीश बेहद लो प्रोफाइल में रहकर काम करते हैं। अवनीश शरण 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मूलतः बिहार के रहने वाले अवनीश शरण का जन्म समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव केवटा में 20 जनवरी 1981 को हुआ था। अवनीश शरण पढ़ाई में सामान्य थे। 1996 में उन्होंने आरएच स्कूल दलसिंह राय, समस्तीपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी।
दसवीं की क्लास में अवनीश शरण ने 44.7 फीसदी अंक हासिल किए थे। हालांकि बारहवीं बोर्ड में उनके अंको में सुधार हुआ और उन्होंने 65% अंक प्राप्त किए। ग्रेजुएशन में अवनीश शरण के 60% मार्क्स ही आए थे। पर यूपीएससी पास करने की उनकी जिद और जुनून ने उन्हें आईएएस अफसर बनाया। अवनीश शरण राज्य लोक सेवा आयोग में दस प्रयासों के बाद प्री भी नहीं निकाल पाए थे। पर यूपीएससी में पहली बार में ही इंटरव्यू तक पहुंच गए थे। जबकि दूसरे प्रयास में 77 रैंक हासिल कर आईएएस बने।
आईएएस अवनीश शरण बिलासपुर जिले में प्रोबेशनर आईएएस रहने के दौरान सहायक कलेक्टर रहें थे। इसके अलावा यहां वे निगम कमिश्नर भी रहें थे। ज्ञातव्य है कि बिलासपुर निगम कमिश्नर रहने के दौरान ही उनकी शादी देश के तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा की बेटी के साथ हुई थी। आईपीएस सिन्हा भी बिहार से हैं। बिलासपुर के बाद अवनीश शरण बलरामपुर–रामानुजगंज जिले के कलेक्टर बनें थे। यहां उन्होंने अपनी पत्नी की डिलीवरी सरकारी अस्पताल में करवाया। जिस मामले में उन्हें खूब सुर्खियां मिली थी। इसके बाद बेटी का दाखिला सरकारी स्कूल में करवा के अवनीश शरण एक बार फिर फेमस हुए। अवनीश शरण का मानना है कि सरकारी स्कूलों में सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए काफी खर्चे कर रही हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हमें खुद आगे आकर प्रयास करना होगा। अवनीश शरण बलरामपुर के बाद कवर्धा जिले के कलेक्टर भी रहें हैं । वे लंबे समय से संचालक तकनीकी शिक्षा का कार्यभार सम्हाल रहें हैं। अवनीश शरण अक्सर सोशल मीडिया में एक्टिव रहते हैं और विद्यार्थियों को कैरियर बनाने की प्रेरणा के साथ ही लोगों को जीवन में सकारात्मकता लाने की प्रेरणा भी देते हैं।