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IAS Akash Chhikara Biography in Hindi: आईएएस आकाश छिकारा का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस आकाश छिकारा?

IAS Akash Chhikara Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– आकाश छिकारा छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। वे मूलतः हरियाणा के रहने वाले है। हर क्लास में टॉप करने वाले आकाश छिकारा ने तीन बार इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा भी निकाली है। यूपीएससी की ट्रेनिंग के दौरान भी उन्हें 5 गोल्ड मेडल मिले हैं।

IAS Akash Chhikara Biography in Hindi: आईएएस आकाश छिकारा का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस आकाश छिकारा?
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IAS Akash Chhikara

By Gopal Rao

( IAS Akash Chhikara Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth )

एनपीजी। आकाश छिकारा छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया है। वे चार जिला पंचायत के सीईओ रहे हैं। उनके खाते में कई कामों के रिकॉर्ड दर्ज है। "बोलेगा बचपन" उनका काफी चर्चित अभियान हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और परिवार:–

आकाश छिकारा हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ तहसील के कानौंदा गांव के मूल निवासी है। उनके पिताजी श्री जय प्रकाश छिकारा इंडियन एयर फोर्स में टेक्निकल विंग में कार्यरत थे। उनकी माता श्रीमती रानी छिकारा गृहणी हैं। आकाश दो भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। उनके बड़े भाई अमन छिकारा टेलीकॉम कंपनी में मैनेजर है।

शिक्षा:–

आकाश छिकारा की प्री नर्सरी से केजी –2 तक की शिक्षा अपने पैतृक गांव कानौंदा से हुई। फिर पिता की नौकरी के चलते उनका परिवार दिल्ली के नफजगढ़ में शिफ्ट हो गया। पहली से दसवीं तक की पढ़ाई आकाश की राव मानसिंह स्कूल में हुई। दसवीं बोर्ड में उनका 93.02% अंक आया। 11वीं 12वीं उन्होंने ऑक्सफोर्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल विकासपुरी से भौतिकी रसायन व गणित विषय के साथ 90.4% अंकों के साथ उत्तीर्ण की फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा ली जाने वाली कॉमन एंट्रेंस एग्जाम निकालकर दिल्ली यूनिवर्सिटी अंतर्गत नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एनएसआईटी) कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक एंड टेली कम्युनिकेशन ब्रांच में इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। बीटेक उन्होंने 83% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इंजीनियरिंग में वे अपने कॉलेज के ब्रांच टॉपर थे। इंजीनियरिंग के दौरान ही उनका टैक्सिस इंस्ट्रूमेंट नामक प्रतिष्ठित चीफ डिजाइन कंपनी में कैंपस सलेक्शन हो गया। 2012 में इंजीनियरिंग पास आउट होने के बाद आकाश ने 1 साल तक बैंगलौर में उस कंपनी में काम किया। आकाश ने गेट एग्जाम भी दो बार क्वालीफाई किया था। पहली बार गेट एग्जाम में उन्हें पूरे देश में 27 वां स्थान मिला था। जबकि दूसरी बार 54 वां रैंक आया था। गेट एग्जाम के आधार पर उनका दिल्ली की एक पब्लिक सेक्टर यूनिट कंपनी दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड में जॉब लग गई। गेट एग्जाम उन्होंने 99.99 परसेंटाईल से क्रैक किया था।

यूपीएससी में सलेक्शन:–

प्राइवेट कंपनी में जॉब के दौरान अच्छे पैकेज होने के बाद भी आकाश को जॉब से आत्म संतुष्टि नहीं मिल रही थी। इसी दौरान 2013 यूपीएससी से उनके साथी का चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हो गया। उनसे बात कर आकाश को सिविल सेवाओं के दौरान कार्यों की विविधता के बारे में जानकारी मिली साथ ही सिविल सर्वेंट बनने की प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। तैयारी के लिए दिल्ली में रहने हेतु उन्होंने दिल्ली की पीएसयू में ज्वाइन कर लिया था। नौकरी के साथ ही वे यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे। यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए उन्होंने मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय अपने इंजीनियरिंग बैकग्राउंड को देखते हुए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग चुनी।

तीसरे प्रयास में चयन:–

2014 में आकाश ने यूपीएससी का अपना फर्स्ट अटेम्प्ट दिया। अपने पहले प्रयास में उन्हें प्री क्रेक करने में सफलता हाथ लगी पर मेंस उनका नहीं निकल पाया। 2015 में आकाश ने अपना दूसरा अटेम्प्ट दिया। पर आकाश का प्री भी नहीं निकल पाया। जिसके चलते आकाश काफी डिमोटिवेट हो गए थे। वह खुद पर आत्म मंथन करते हुए आत्म चिंतन करने लगे कि क्या यह एग्जाम उनके लिए बना है?, और क्या वह इस एग्जाम को निकाल सकते हैं या नहीं सकते हैं? एकेडमिक जीवन में उत्कृष्ट रहने के बाद भी प्री नहीं निकाल पाना उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं था। वे सोचने लगे थे कि यह एग्जाम वह निकाल पाएंगे भी या नहीं। उन्होंने इसके लिए अपने पिता से बात की। तब उनके पिता ने उन्हें मोटिवेट किया और उन्हें सही रास्ता बताते हुए कहा कि अभी तक नौकरी के साथ तैयारी करने के चलते हो सकता है कोई कमी रह गई हो। एक बार तुम नौकरी छोड़कर पूरा टाइम तैयारी को दो। तब आकाश ने पिता की सलाह मानते हुए अपनी नौकरी छोड़कर तैयारी की। जिसके चलते यूपीएससी 2016 में उन्होंने प्रारंभिक, मुख्य व साक्षात्कार निकाला और आईएएस के लिए चयनित हुए। उनके पिता व आकाश के लिए यह भावुक क्षण था।

इस बीच तीन बार निकाली आईईएस:–

मुख्य परीक्षा में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वैकल्पिक विषय चुनने के चलते संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ही आयोजित की जा रही इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा भी अपनी तैयारियों को परखने हेतु आकाश छिकारा देते रहे। उन्होंने तीन बार इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस निकाली। 2013 में उन्हें देशभर में पांचवां रैंक मिला, 2015 में उन्हें 35 वां रैंक मिला पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। 2016 आईईएस में 7 वां रैंक मिला। बैकअप प्लान तैयार रखने के लिए आकाश ने 2016 में आईईएस क्रैक करने के बाद दिसंबर 2016 में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी में ज्वाइन कर लिया। यहां पर अगस्त 2017 तक कार्यरत रहे।

ट्रेनिंग के दौरान मिले कई गोल्ड मैडल:–

आकाश छिकारा ने 28 अगस्त 2017 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान कुल पांच डायरेक्टर्स गोल्ड मैडल मिले। लबासना में फेज वन ट्रेनिंग प्रोग्राम में उन्हें कुल 3 गोल्ड मैडल मिले और वे टॉपर रहें। फेज 2 ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी वे टॉपर रहे और दो गोल्ड मेडल उन्हें मिले। ट्रेनिंग के दौरान ही उन्हें इकोनॉमिक्स में मैडल व सुभाष दुआ मैडल प्राप्त हुआ। अकादमी में उन्होंने हरियाणवी डांस की प्रस्तुति भी की।

छत्तीसगढ़ कैडर हुआ अलॉट, जाने प्रोफेशनल कैरियर :–

आकाश छिकारा को छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट हुआ। फील्ड ट्रेनिंग के लिए उनकी पहली पोस्टिंग सरगुजा जिले में सहायक कलेक्टर के तौर पर हुई। यहां वे जनपद सीईओ, तहसीलदार के पदों पर दायित्व निर्वहन करते रहे। इस दौरान 2018 का विधानसभा चुनाव व 2019 का लोकसभा चुनाव भी हुआ तब बिना दबाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव करवाने में चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने में आकाश छिकारा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और निष्पक्ष चुनाव होने का संदेश दिया।

अंबिकापुर में सहायक कलेक्टर रहने के बाद उनकी पोस्टिंग अविभाजित कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ एसडीएम के रूप में हुई। यहां तीन माह के अपने कार्यकाल में डेढ़ सौ राजस्व प्रकरणों के निराकरण, डायवर्सन व भू– भाटक के लिए कैंप लगाकर वसूली, नेशनल हाईवे निर्माण व सड़क चौड़ीकरण के लिए बेजा कब्जा हटवाना, जमीन अधिग्रहण का काम आदि कार्य निपटाए।

कोरिया में बने एसडीएम....

मनेंद्रगढ़ के बाद आकाश सीईओ जिला पंचायत सूरजपुर बने। इस दौरान स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम शुरू करवाना, थान खरीदी के लिए चबूतरा का निर्माण करवाने का काम किया।धान चबूतरे बनवाने के काम में सूरजपुर जिले ने पूरे प्रदेश में टॉप किया था। उन्होंने यहां स्व सहायता समूहों के प्रोडक्ट्स के ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग में फोकस किया और उन्हें बाजार उपलब्ध करवाया।

महासमुंद व रायपुर में भी सीईओ...

सूरजपुर के बाद आकाश महासमुंद के जिला पंचायत सीईओ बने। महासमुंद में सीईओ रहते वहां सिरपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करवाया। वोटिंग शुरू करवाई, कोडार डेम में भी काफी काम किया। पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया।

महासमुंद के बाद दंतेवाड़ा में जिला पंचायत सीईओ आकाश बने। इस दौरान नेशनल हाईवे पर स्थित गीदम ब्लॉक के ग्राम पंचायत बड़े कारली में मनवा ढाबा शुरू करवाया। इसे स्व सहायता समूह ही चलाते हैं। स्व सहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए स्व सहायता समूहों के द्वारा महुआ के बिस्किट, लड्डू, हलवा, मुनगा पावडर से बना मोरिंगा पाउडर, छिंदगुण ढेकी चावल, दलिया जैसे आदिवासी खाद्य उत्पादों को प्रमोट किया और उन्हें बाजार उपलब्ध करवाया। तोड़पारस ग्राम पंचायत में स्व सहायता समूह के द्वारा माता की चुनरी, धूप आदि पूजा की सामग्री तैयार करवा बिक्री की व्यवस्था करवाई। नरेगा में 16 लाख मानव कार्य दिवस के लक्ष्य से बढ़कर 24 लाख मानव कार्य दिवस को प्राप्त किया। औसत मानव दिवस प्रति परिवार 80.69 प्रतिशत परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया। जिसके चलते दंतेवाड़ा जिला पंचायत राज्य में प्रथम स्थान पर रहा। आकाश के कार्यकाल के दौरान नरेगा के 36000 एक्टिव कार्डधारी थे, जिनमें से 33% को 100 मानव दिवस कार्य उपलब्ध करवाने का लक्ष्य प्राप्त किया।

दंतेवाड़ा के बाद आकाश रायपुर जिला पंचायत सीईओ रहे। इस दौरान भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए वाटरशेड डेवलपमेंट में अच्छा काम किया। उनके कार्यकाल में साढे 5 हजार से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर के काम किए गए। एनआईटी रायपुर में विहान कैंटीन की शुरुआत की गई जो स्व सहायता समूहों के द्वारा चलाया जाता है। दिव्यांग बच्चों को चिन्हित कर इलाज के लिए अभियान भी चलाया।

कलेक्टर के तौर पर गरियाबंद पहला जिला:–

बतौर कलेक्टर पहली पोस्टिंग आकाश छिकारा को गरियाबंद जिले में मिली। गरियाबंद में आठ माह पदस्थ रहें। इस दौरान उन्होंने कई काम करवाए। 2023 का विधानसभा चुनाव जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर करवाया। जिसके लिए उन्हें ओवरऑल इलेक्शन मैनेजमेंट ऑफ द 2023 असेंबली इलेक्शन अवार्ड मिला।

6 माह में विशेष शिविरों के माध्यम से 89408 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। 6 माह में 16691 स्कूली बच्चों का स्कूलों में ही दस्तावेज संकलित कर जाति प्रमाण पत्र बनाए गए। पांच आजीविका ऋण मेला का आयोजन कर स्व सहायता समूहों को व्यापार के लिए 16 करोड़ 50 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत की गई। घर पहुंच पेंशन सखी अभियान के लिए पेंशन सखी योजना चला कर 40 हजार से अधिक हितग्राहियों को घर बैठे पेंशन प्रदान किया गया।

जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए टीबी मुक्त गरियाबंद अभियान की शुरुआत की। इस अभियान में 360 निक्षय मित्रों द्वारा टीबी मरीजों द्वारा टीबी मरीजों को गोद लेकर आवश्यक पौष्टिक आहार एवं दवाई प्रदान की गई। इस दौरान 22 हजार टीबी के संदिग्ध मरीजों का परीक्षण किया गया। जिला प्रशासन द्वारा पेंशनर्स हेल्थ क्लब का आयोजन का पेंशनर्स के स्वास्थ्य की जांच की गई।

जिले के स्कूली बच्चों में विचारों की अभिव्यक्ति को सामने लाने तथा उनका आत्मविश्वास बढ़ाने तथा उनकी प्रतिभा को सामने लाने के लिए आकाश छिकारा ने बोलेगा बचपन अभियान शुरू करवाया। इसके अंतर्गत जिले के 1500 स्कूलों में कक्षा पहली से 12वीं तक के बच्चों के विशिष्ट प्रतिभा को सामने लाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता था।

स्कूली शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए उत्कृष्ट गरियाबंद अभियान चलाया। इसके तहत 150 स्कूलों के 15000 विद्यार्थियों के लिए साप्ताहिक व मासिक टेस्ट परीक्षा का आयोजन किया जाता था। बच्चों को परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। उन्हें मनोरंजक गतिविधियों व शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया जाता था। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले। वर्ष 2022-23 में 12वीं परीक्षा के परिणाम में जिला 22 वें रैंक पर और दसवीं परीक्षा में 19 वें स्थान पर रहा था। पर आकाश छिकारा के प्रयासों से 12वीं में 16 वें और दसवीं में 15 वें रैंक में पहुंच गया। उड़ान गरियाबंद कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की काउंसलिंग में आयोजित करवाई गई।

विद्यार्थियों को शैक्षणिक सुविधा प्रदान करने के लिए राजिम में जिले का पहला पुस्तकालय खोला गया। जिसमें पुस्तक दान महा अभियान के माध्यम से तीन हजार से अधिक पुस्तकें दान के माध्यम से प्राप्त कर रखी गई।

पर्यावरण जागरूकता हेतु ग्राम पंचायत जोब में पौध पाठशाला विकसित किया गया। यहां 5 एकड़ में 212 प्रजातियों के 2600 पौधे रोपे गए। जिले में आम जनों की समस्याओं व मांगों के निराकरण हेतु तथा सुझाव हेतु संवाद 24*7 व्हाट्सएप चैट शुरू किया गया। संयुक्त जिला कार्यालय में बेबी सेंटर खुलवाया गया। जिले के पर्यटक स्थलों के विकास हेतु मानसून मोंटाज नामक अभियान चलाया। जिसमें यूट्यूबर व कंटेंट क्रिएटर को पर्यटक स्थलों का भ्रमण करवाया गया जिससे वह अपने पेज में इन स्थानों को महत्व दे सके।

जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु जिला प्रशासन ने ओपन लिंक फाउंडेशन से एमओयू किया। जिसके तहत विनोबा एप के माध्यम से बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों के वीडियो लेक्चर, वह शिक्षण गतिविधियां संचालित करते हुए निगरानी की जाती है। जिला प्रशासन के सहयोग से कोडयंग संस्था द्वारा छठवीं से आठवीं के छात्रों को कोडिंग सिखाया जाता है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत गरियाबंद सुपर गर्ल्स अभियान चलाया गया।

यूनिसेफ के साथ स्वास्थ्य जान सुरक्षित बच्चा अभियान चलाकर 100% अस्पतालों में डिलीवरी, चेकअप, पौष्टिक भोजन, टीकाकरण की व्यस्था की। प्रसूति सहायता योजना के तहत 1500 महिला मजदूरों को उनके बच्चों के जन्म पर 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता पहुंचाई।

इसी वर्ष बने जांजगीर कलेक्टर:–

गरियाबंद के बाद आकाश छिकारा इसी वर्ष जनवरी में जांजगीर– चांपा जिले के कलेक्टर बने। यहां शांतिपूर्ण व निष्पक्ष लोकसभा चुनाव करवाने के अलावा महतारी वंदन योजना में उल्लेखनीय कार्य किया जिसकी तारीफ जिले के प्रभारी मंत्री ओम प्रकाश चौधरी ने भी की। दो माह में ही जांजगीर में एक लाख 17 हजार नए आयुष्मान कार्ड बनाए गए जो प्रदेश में सर्वाधिक है। आजीविका ऋण मेले लगवा कर महिला स्व सहायता समूहों को ऋण दिलवा रहे है। सेवानिवृत होने वाले सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के दिन ही उनके समस्त देयकों के भुगतान की व्यवस्था बनाई। बोलेगा बचपन अभियान भी जांजगीर में चलाया जा रहा है। अवैध माइनिंग के ऊपर लगातार कार्यवाही कर पांच माह में ही 70 लाख रुपए से अधिक की जुर्माना राशि सरकारी खजाने में जमा करवा चुके है। स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए भी विशेष प्रयास कर रहे हैं।

जीवन साथी:–

आकाश छिकारा की शादी डॉक्टर पायल चौधरी के साथ हुई है। डॉ पायल एक स्त्री रोग विशेषज्ञ है। जहां-जहां आकाश पदस्थ रहने हैं वहां वहां उनकी जीवन संगिनी भी समाज के प्रति अपनी जवाबदारी निभाती हैं। दंतेवाड़ा में पदस्थापना के दौरान उन्होंने 70 आदिवासी महिलाओं की डिलीवरी करवाई थी।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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