IAS अफसर फंसे जिम की लिफ्ट में, पीएसओ और ड्राइवर ने भारी मशक्कत के बाद निकाला, जिम संचालक पर FIR
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में पदस्थ एक एसीएस रैंक के अफसर जिम की लिफ्ट में फंस गए। इमरजेंसी कॉल पर भी मदद मांगने पर कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद आईएएस अफसर के निजी पीएसओ व वाहन चालक ने उन्हें किसी तरह लिफ्ट से निकाला। आईएएस अफसर की शिकायत पर जिम संचालक पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
अरुणाचल प्रदेश,गोवा,मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश एजीएमयूटी कैडर के 1989 बैच के आईएएस प्रवीण गुप्ता वर्तमान में दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात है
वह पूर्व में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। दिल्ली की कनॉट प्लेस पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाते हुए बताया है कि 13 जून की सुबह 10:45 को कनॉट प्लेस के हैमिल्टन स्थित जिम से निकल रहे थे, तब अचानक जिम की लिफ्ट बंद हो गई और वे उस में फंस गए। जिसके बाद उन्होंने जिम में लगा इमरजेंसी बेल का बटन दबाया पर वह भी लिफ्ट के साथ ही बंद हो गया था। इसके बाद उन्होंने जिम के प्रबंधक को फोन करके मदद मांगी पर उन्हें कोई मदद नहीं मिली फिर उन्होंने अपने निजी सुरक्षाकर्मी व ड्राइवर को मदद के लिए फोन लगाया। ड्राइवरों सुरक्षाकर्मी ने लिफ्ट का दरवाजा खोलने की कोशिश की जिस पर जिम संचालक ने दरवाजा खोलने से रोका पर जबरदस्ती उनके ड्राइवर सुरक्षाकर्मी दरवाजा खोल कर आईएएस को बाहर निकाला।
वरिष्ठ आईएएस प्रवीण गुप्ता ने इस वाक्ये की शिकायत कनॉट प्लेस थाने में दर्ज करवाई। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि जिम का लिफ्ट उपयोग करने के लिए अनुपयोगी था। इसके अलावा वहां प्रशिक्षित लिफ्ट कर्मी व आवयश्क सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई थी। जिम प्रबंधन द्वारा इस तरह की लापरवाही से जिम में कसरर करने आने वालों के जीवन पर संकट आ सकता था। आईएएस की शिकायत के बाद जिम संचालक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 287 (मशीनरी के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण) और 336 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला अधिनियम) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।