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Education News: शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाला: जांच के नाम पर हो गया खेला, पढ़‍िये.. इन साइड स्‍टोरी

Education News: जिसने घोटाले को किया था उजागर उनको जांच अधिकारी ने बुलाया ही नहीं। शिक्षकों से पूछे गए अव्यवहारिक सवाल को लेकर भी अब सवाल उठाए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता नरेन्द्र राय ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराने और जेडी रथ के बजाय किसी अन्य अफसर को जांच अधिकारी बनाने की मांग की है। बता दें कि इसके पहले भी बिलासपुर जिले में हुए घोटाले की जांच जेडी रथ ने की थी।उसमें भी लीपापोती का आरोप लगा था। शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाले की जांच को लेकर उंगलियां उठनी शुरू हो गई है।

Education News: शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाला: जांच के नाम पर हो गया खेला, पढ़‍िये.. इन साइड स्‍टोरी
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By Radhakishan Sharma

Education News: बिलासपुर। शिक्षक पदस्थापना संशोधन घोटाला को उजागर करने वाले प्रमुख शिकायतकर्ता नरेन्द्र राय को जांच अधिकारी ने जानबुझकर जांच से दूर रखा। 9 सितंबर को रायपुर से नरेन्द्र राय को पत्र भेजकर 12 को बिलासपुर जेडी कार्यालय आने कहा गया। राय को डाकघर से 14 सितम्बर को पत्र मिला। मरवाही जैसे दूरस्थ इलाके में रहने की जानकारी अफसरों को पहले से ही थी तब विलंब से क्यों पत्र भेजा गया। जांच के नाम पर अफसरों ने खेला कर दिया है। इसे लेकर अब सवाल उठाए जा रहे हैं।

बिलासपुर के जेडी कार्यालय में 12 व 13 को जांच के नाम पर जो खेल चला,उसकी पोल अब परत-दर-परत खुलने लगी है। इस पूरे घोटाले के प्रमुख शिकायकर्ता नरेन्द्र राय ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर नए सिरे से घोटाले की जांच कराने की मांग की है। राय ने लिखे पत्र में इस बात की भी मांग की है कि जांच अधिकारी बदला जाए और उसका बयान भी इस मामले में दर्ज कराई जाए।

ऐसे उजागर हुआ था फर्जीवाड़ा

बिलासपुर शिक्षा संभाग में 799 शिक्षकों की पदोन्नति के बाद तबादला के नाम पर तत्कालीन जेडी और क्लर्क ने खेला किया था। तबादला में किए गए फर्जीवाड़ा की शिकायत कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रूमगा (मरवाही) निवासी नरेन्द्र राय ने तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल से की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने प्रदेशभर में इस तरह के फर्जीवाड़े की जांच का जिम्मा संभागायुक्तों को सौंपा था। तत्कालीन कमिश्नर भीम सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में शिकायत को सही ठहराते हुए तत्कालीन जेडी एके प्रसाद व क्लर्क विकास तिवारी को दोषी ठहराया था। कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर राज्य शासन ने जेडी प्रसाद व क्लर्क विकास तिवारी को सस्पेंड कर दिया था।

शिकायतकर्ता ने बड़े पैमाने पर लेनदेन का लगाया था आरोप

तत्कालीन सीएम को लिखे पत्र में शिकायतकर्ता राय ने तबादला आदेश जारी करने में बड़े पैमाने पर लेनदेन का आरोप लगाया था। तबादला संशोधन आदेश जारी करने के नाम पर प्रत्येक शिक्षक से 2 से 3 लाख रुपए लेनदेन कर तकरीबन 15 करोड़ की उगाही का आरोप लगाया था।

क्या है मामला

बिलासपुर शिक्षा संभाग में पदोन्नति के बाद 799 शिक्षकों का पदस्थापना आदेश जारी करने के बाद दोबारा संशोधन को लेकर जेडी कार्यालय में रातों-रात कलम चलाई गई थी। संशोधन के खेल में लाखों का वारा-न्यारा भी हुआ। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। आखिर में राज्य शासन ने बड़े पैमाने पर हुए इस घोटाले को लेकर जेडी स्तर पर किए गए पदोन्नति के बाद पदस्थापना आदेश को रद कर दिया था। तब इसमें बड़ा बवाल भी मचा था। दो दिनों तक जांच भी चली। इसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रमुख शिकायतकर्ता ने इस पर उंगली उठा दी है।

600 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका

शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पदस्थापना में बड़े पैमाने में हुए घोटाले के बाद राज्य शासन से पदस्थापना आदेश को रद कर दिया था। शासन के फैसले के खिलाफ 600 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई होने तक जिन शिक्षकों की जिस स्कूल में पदस्थापना आदेश जारी किया गया है वहीं पदस्थ रहने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह भी व्यवस्था दी थी कि अगर शिक्षक रिलीव हो गए हैं तो ना ही नई जगह ज्वाइन कर सकेंगे और ना ही पुरानी जगह रिलीव ही रहेंगे।

ऐसे सवाल का जवाब मांगे,जिसे सही-सही लिखना शिक्षकों के लिए नामुमकिन ही रहा

01. नाम-

02 पदनाम-

03. वर्तमान पदस्थापना शाला / विकासखंड/ जिला -

04. काउंसिलिंग तिथि-

05. आप किस संवर्ग के शिक्षक हैं (ई/टी)-

06. काउंसलिंग के पूर्व / काउंसलिंग स्थल पर जितने पद हेतु काउंसलिंग हो रही थी उत्तने पद प्रदर्शित किये गये थे अथवा नहीं।

07 काउंसलिंग प्रकिया मेरिट कम अनुसार हो रही थी या नहीं।

08. काउंसलिंग में चयनित शाला का नाम-

09. काउंसलिंग में आपने जिस स्कूल का चयन किया था उसी हेतु आपका आदेश पदांकन हेतु निकला था या नहीं? क्या वहां पदभार ग्रहण किया।

10. क्या आपके द्वारा काउंसलिंग के पश्चात् पदांकन स्थल परिवर्तन हेतु गया था। आवेदन किया।

11. यदि हां तो आवेदन दिनांक बतायें एव किस अधिकारी/कर्मचारी को आवेदन प्रस्तुत किया गया?

12. पदांकन पश्चात संशोधन हेतु आवेदन कहां किया गया।

13. काउसलिंग पश्चात् पदस्थापना परिवर्तन किये जाने का क्या कारण था।

14. क्या संशोधन हेतु पैसो की मांग की गई या कोई आर्थिक लेन-देन किया गया।

15. यदि हां तो उसकी जानकारी / साक्ष्य उपलब्ध करावें।

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