DGP Ashok Juneja: डीजीपी का बड़ा फरमानः नशे के लिए एसपी से दो टूक, हर 15 दिन में रिव्यू और महीना में खुद करेंगे आकस्मिक विजिट, पढ़िये उन्होंने और क्या निर्देश दिया
DGP Ashok Juneja: नशे पर कार्रवाई में हो रही लापरवाही पर डीजीपी अशोक जुनेजा ने आज छत्तीसगढ़ के एसपी, आईजी की इमरजेंसी वीसी की। करीब घंटे भर की क्लास में उन्होंने नए एक्ट के साथ ही कार्रवाइयों में ढिलाई पर बेहद नाराज दिखे
DGP Ashok Juneja: रायपुर। डीजीपी अशोक जुनेजा की नशे पर पुलिस अधीक्षकों और पुलिस महानिरीक्षकों की आपात बैठक समाप्त हो गई है। करीब घंटे भर की वीसी में सभी पुलिस अधीक्षकों से नशे के खिलाफ अभियान तेज करने कहा। गृह मंत्री विजय शर्मा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रजी भी नशे को लेकर काफी गंभीर हैं। जुनेजा ने कहा कि नए पुलिस एक्ट के बारे में भी सभी पुलिस अधिकारियों को जागरुक किया जावें। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ कार्रवाइयों में कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब हर 15 दिन में वे कार्रवाइयों की समीक्षा करेंगे और महीने में किसी भी जिले का आकस्मिक दौरा भी करूंगा।
बताते हैं, गृह मंत्री विजय शर्मा नशे के खिलाफ कार्रवाई तेज न होने से पुलिस महकमा से बेहद नाराज है। कल देर शाम उन्होंने डीजीपी अशोक जुनेजा से फोन पर बात कर निर्देश के बाद भी नशे के खिलाफ कार्रवाई न करने पर नाराजगी जताई। गृह मंत्री के फोन के बाद पुलिस मुख्यालय हरकत में आया। तुरंत एसपी, आईजही के व्हाट्सएप ग्रुपों में इमरजेंसी मीटिंग का मैसेज डाला गया। एसपी, आईजी को दो लाइन के संदेश में कहा गया...10 जनवरी को दोपहर 12 बजे डीजीपी साहब नशे पर कार्रवाई के संबंध में चर्चा करेंगे...तैयारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कनेक्ट हों। पीएचक्यू के संदेश के बाद हड़कंच मच गया। कई जिलों में आधी रात को एसपी आफिस खुलवाया गया, सारे अधिकारियों को तलब कर कार्रवाई की जानकारी ली गई। आज सुबह से ही एसपी कार्यालयों में आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं।
बता दें, विजय शर्मा ने गृह मंत्रालय की कमान संभालने के बाद ही पुलिस अधिकारियों को बता दिया था कि वे नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते र्हैं। इस मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं किये जाएगा। इसके बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने 27 दिसंबर को एसपी और आईजी की कांफ्रेंस लेकर गृह मंत्री की चिंता से अवगत कराते हुए कार्रवाई करने कहा था। मगर अधिकांश जिलों ने कोई मुहिम नहीं चलाई। एक दर्जन से अधिक जिलों के एसपी तो डीजीपी के निर्देश के बाद जिले की मीटिंग भी नहीं की। इसकी भनक गृह मंत्री को लग गई कि उनके बोलने के बाद भी पुलिस महकमा हरकत में नहीं आया है। फिर उन्होंने अफसरों की जमकर क्लास ले ली। दरअसल, गृह मंत्री विजय शर्मा को फीडबैक मिला है कि नशे की वजह से छत्तीसगढ़ में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। नशे पर बिना लगाम लगाए अपराधों पर काबू नहीं पाया जा सकता।