Collector, SP News: निरंकुश कलेक्टर, एसपी सरकार की बात नहीं सुन रहे, कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस में जितनी बातें कही गई, एक पर भी अमल नहीं...
Collector, SP News: कलेक्टर, एसपी जिलों में सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। उनके सुपरविजन में ही सरकार के रोडमैप का क्रियान्वयन किया जाता है। मगर छत्तीसगढ़ के कलेक्टर, एसपी इतने दुःसाहसी हो गए हैं कि उन्हें सरकार के निर्देशों का भी ध्यान नहीं। कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने जितनी बातें कही थी, उनमें से एक पर भी अमल नहीं हुआ। न राजस्व मामलों पर कलेक्टर ध्यान दे रहे और न भूमाफियाओं को ठीक करने पर। यही हाल एसपी लोगों का है। कई जिलों के एसपी खुद ही गांजा और जुआ को संचालित करवा रहे हैं। इसीलिए सरकार ने सुबोध सिंह और मुकेश बंसल को मैदान में उतारा है।
Collector, SP News: रायपुर। मुख्यमंत्री ने 12 सितंबर 2024 को पहला कलेक्टर, एसपी कांफ्रेंस लिया था। मुख्यमंत्री राजस्व की समस्याओं से इतने वाकिफ हैं कि उनके निर्देश पर पहली बार एजेंडा में राजस्व इश्यू को पहले नंबर पर रखा गया था। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से दो टूक कहा था कि राजस्व की शिकायतें नहीं आनी चाहिए, इसे प्राथमिकता के साथ दूर करें। उन्हें भूमाफियओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि अवैध प्लाटिंग का प्रदेश में बड़ा खेला चल रहा है। कलेक्टर इसके लिए समिति बनाकर प्रायरिटी से काम करें। मगर आलम यह है कि बिलासपुर, रायगढ़ जैसे दो-चार जिलों को छोड़ दें तो इस पर कहीं काम प्रारंभ नहीं हुआ। भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
इसके अलावे मुख्यमंत्री ने कहा था कि निर्माण कार्यों में अगर गड़बड़ी हो तो ठेकदार को सीधे जेल भेजा जाए। प्रदेश में एक भी जिले में ऐसी कार्रवाई नहीं हुई। इससे क्या ये समझा जाए कि सरकारी निर्माण कार्यों गी गुणवता अच्छी हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में 2000 करोड़ की शिकायतों की जांच करने कहा था, मगर एक भी जिले ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि कलेक्टर से लेकर जिले के बड़े अधिकारी आरटीई के तहत प्रायवेट स्कूलों में गरीबों के बच्चे की क्या स्थिति है, इसके लिए स्कूलों के लिए नोडल अधिकारी अपाइंट कर उसकी सतत निगरानी करे। इसमें कुछ भी नहीं हुआ।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने नाराजगी के साथ पुलिस अधीक्षकों से कहा था कि गांजा और जुआ, सट्टा पर कड़ाई से रोक लगाया जाए। मगर इसके बाद भी पुलिस के संरक्षण में जुआ और सट्टा जारी है। रायपुर से लगे अमलेश्वर में दो एडिशनल एसपी का नाम जुआ खिलवाने में सामने आया तो रायपुर के पिरदा में जुआ खिलवाने में एक एडिशनल एसपी चर्चा में रहे।
मुख्यमंत्री की कड़ी नसीहत के बाद भी किसी भी जिले के लॉ एंड आर्डर में कोई सुधार नहीं आया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि एसपी खुद गश्त पर निकले। मगर इक्का-दुक्का को छोड़ दें तो शायद ही कोई एसपी गश्त पर निकलता होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा था...अपराधियों में कानून का भय होना चाहिए। मगर उसके बाद कई ऐसी घटनाएं हुई, जिसमें अपराधियों ने पुलिस की पिटाई कर दी। एक हेड कांस्टेबल की घर में घुसकर एक कबाड़ी ने पत्नी और बेटी की हत्या कर दी।
मुख्यमंत्री ने कहा था भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर और एसपी मिलकर प्लान वे में काम करें। मगर शायद ही कोई जिला होगा, जहां रायपुर से वापिस लौटने के बाद कभी इस विषय पर कलेक्टर-एसपी ने चर्चा की होगी।
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा था कि जनता की सुविधा के लिए कलेक्टर-एसपी दफ्तर में बैठना सुनिश्चित करें। मगर अधिकांश जिलों के कलेक्टर, एसपी कार्यालयों को मुआयना कर आइये, सभी जगह यही जवाब मिलेगा...साब अभी नहीं आए हैं।