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Collector Power: क्या कलेक्टर पुलिस की बैठक ले सकता है? बिलासपुर कलेक्टर ने SDM, CSP और SDOP को बिठाकर पोलिसिंग का किया रिव्यू

Collector Power: बिलासपुर से तस्वीर आई है। बिलासुपर कलेक्टर अवनीश शरण ने आज लॉ एंड आर्डर का रिव्यू किया। चूकि कुछ सालों से छत्तीसगढ़ के कलेक्टरों द्वारा पुलिस की बैठक लेने की परंपरा खतम हो गई है। ऐसे में, कलेक्टर की बैठक खबर बन गई।

Collector Power: क्या कलेक्टर पुलिस की बैठक ले सकता है? बिलासपुर कलेक्टर ने SDM, CSP और SDOP को बिठाकर पोलिसिंग का किया रिव्यू
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By Sandeep Kumar

रायपुर। बिलासपुर के कलेक्टर अवनीश शरण ने आज कलेक्ट्रेट के मंथन सभागृह में सब डिविजनल मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में एसपी रजनेश सिंह भी थे। करीब घंटे भर की बैठक में कलेक्टर ने पुलिस अधिकारियों से लॉ एंड आर्डर के बारे में फीडबैक लिया, साथ ही उनके सुझाव भी मांगे। जहां एसडीएम और तहसीलदार, नायब तहसीलदार के एंड से पुलिस वालों को दिक्कतें हो रही थी, उसका निराकरण करने के भी निर्देश दिए।

कलेक्टर को पावर?

अब सवाल उठता है, क्या कलेक्टर पुलिस की बैठक ले सकता है? कलेक्टर जिले का मुखिया होता है। याने सारे विभागों के हेड। पुलिस भी उसके अंदर आती है। कलेक्टरों के पास डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का पावर भी होता है। बिहार, यूपी जैसे कई राज्यों में कलेक्टर डीएम के नाम से जाने जाते हैं। अब चूकि डीएम है, तो फिर उसके पास कानून और व्यवस्था के असीमित पावर आ जाते हैं। मध्यप्रदेश के दौर में कलेक्टर महीने, दो महीने में एसपी के साथ पुलिस की समीक्षा करते थे। मगर छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह परंपरा टूटती चली गई...राज्य निर्माण के बाद कलेक्टर नाम की संस्था कमजोर होती चली गई। कलेक्टर एसपी या पुलिस की मीटिंग करने से घबराने लगे। इसका बुरा असर प्रशासन के साथ पोलिसिंग पर भी पड़ा। क्योंकि, दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।


कलेक्टर-एसपी की ट्यूनिंग

कलेक्टर-एसपी में अगर ट्यूनिंग अच्छी हो तो इसके फायदे प्रशासन को मिलता ही है, पुलिस को भी इसमें मदद मिलती है। कई बार सड़क जैसे हादसों में लॉ एंड आर्डर के सिचुएशन में पुलिस पहुंच जाती है मगर प्रशासनिक अधिकारी जल्दी पहुंचते नहीं। कलेक्टर-एसपी में अगर रिश्ते ठीक नहीं तो इसका फायदा पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी उठाते हैं। वही अगर नीचे में मैसेज है कि कलेक्टर-एसपी में अच्छी बनती है तो फिर नीचे वाले इधर-उधर करने की कोशिश नहीं करते। बिलासपुर में कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह में समन्वय बहुत बढ़ियां है। कहीं फील्ड में निकलना होता है तो आमतौर पर दोनों साथ में होते हैं। मगर अधिकांश जिलों में ये स्थिति नहीं है। बलौदा बाजार की ऐतिहासिक हिंसा के बाद वहां से जरूर कलेक्टर, एसपी की तस्वीरें आई है बैठक लेते हुए। लेकिन, ये सभी जिलों में होनी चाहिए। चीफ सिकरेट्री और डीजीपी को सूबे के कलेक्टरों और एसपी को साथ बैठकर लॉ एंड आर्डर की समीक्षा करने के निर्देश देने चाहिए। नीचे देखें वीडियो...


Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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