Collector Gaurav Singh: छत्तीसगढ़ के कलेक्टर गौरव सिंह को राज्यपाल ने इस कार्य के लिए किया सम्मानित...
Collector Gaurav Singh: राज्यपाल रामेन डेका ने रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह को मैडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया।

Collector Gaurav Singh: रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर के कलेक्टर गौरव सिंह को राज्यपाल रमेन डेका ने सम्मानित किया है। राजभवन मे आयोजित गरिमामय समारोह में मैडल और प्रशस्ति पत्र दिया।
राज्यपाल रमेन डेका ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में इस वर्ष प्रदेश में सर्वाधिक 18 लाख रुपए के धन संग्रहण के लिए कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह को सम्मानित किया है।
कलेक्टर गौरव सिंह का कहना है, रायपुर जिले की इस उपलब्धि से सैन्य कर्मियों और उनके परिजनों के कल्याण हेतु जनसहभागिता को और मजबूती मिलेगी।
जानिए कौन है गौरव सिंह
गौरव सिंह छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के आईएएस है। वे उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले हैं। शिक्षक पिता की संतान गौरव सिंह ने पूरी स्कूलिंग हिंदी माध्यम से की फिर एनआईटी व आईआईटी से ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी भी की। हिंदी माध्यम से यूपीएससी निकाल कर आईएएस बने और छत्तीसगढ़ कैडर में महत्वपूर्ण पोस्टिंगस में रहें। नीचें जानिए उनके बारे में...
जन्म और परिवार
गौरव सिंह का जन्म 1 जनवरी 1984 को हुआ है। आईएएस गौरव सिंह उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई जिले के देवमनपुर गांव के रहने वाले है। उनके पिता गांव से ही लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव के इंटर कॉलेज में अध्यापक थे। गौरव सिंह 7 भाई– बहन है। जिनमें चार बहन व तीन भाई है। सभी में गौरव सिंह सबसे छोटे व लाडले है। गौरव सिंह के एक भाई कोरोना में स्वर्गवासी हो गए। गौरव सिंह का माता भी उच्च शिक्षित हैं। वे गृहणी हैं।
शिक्षा
गौरव सिंह ने सरस्वती शिशु मंदिर गौसगंज से पांचवी तक पढ़ाई की। फिर उनके पिता जी का प्रमोशन प्रधानाचार्य के पद पर हुआ। तब पिता जिस स्कूल में प्रधानाचार्य थे वहां बारहवीं तक पढ़ाई की। गौरव सिंह ने अपनी सारी पढ़ाई हिंदी माध्यम से की है। यूपीएससी भी गौरव सिंह ने हिंदी माध्यम से दिलाई थी। गौरव सिंह के पिता राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित शिक्षक है। बारहवीं कक्षा गौरव सिंह ने गणित, भौतिकी, व रसायन विषयों के साथ उत्तीर्ण की। फिर उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर एनआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेली कम्युनिकेशन ब्रांच से बीटेक किया। बीटेक के बाद गेट निकाल कर दिल्ली आईआईटी से एमटेक किया। एमटेक के दौरान जर्मनी की प्रतिष्ठित कंपनी की फेलोशिप भी मिली। एमटेक के बाद पीएचडी भी पूरी की। फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
यूपीएससी में सलेक्शन
हिंदी माध्यम से यूपीएससी गौरव सिंह ने दिलाई। गौरव सिंह का मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य था। हिंदी साहित्य विषय की पढ़ाई गौरव सिंह ने मात्र लगभग 35 दिन में की। यूपीएससी में तीसरे प्रयास में गौरव सिंह का यूपीएससी में सलेक्शन हुआ और वो आईएएस बने। 2012 में यूपीएससी में गौरव सिंह ने हिंदी साहित्य विषय में देश में सर्वाधिक नंबर प्राप्त किए थे।
प्रोफेशनल कैरियर
फील्ड पोस्टिंग के लिए सहायक कलेक्टर के रूप में गौरव सिंह को रायगढ़ पोस्टिंग मिली। रायगढ़ के बाद महासमुंद जिले के सरायपाली में एसडीएम रहें। फिर दंतेवाड़ा जिला पंचायत सीईओ रहें। दंतेवाड़ा में जिला पंचायत में करीबन ढ़ाई साल सीईओ रहने के दौरान उन्होंने शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार पर्यटन को लेकर काफी काम किया। महिला समूहों को रोजगार देने के लिए गवर्नमेंट फैक्ट्री खोली। नक्सल इलाके के बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार देने प्रदेश का पहला बीपीओ कॉल सेंटर खोला। पालनार को कैशलेश विलेज बनाया। नक्सली ग्रामों में प्रधानमंत्री आवास बनवाएं। नक्सल प्रभावित जिले में बेहतर काम के चलते गौरव सिंह को पीएम एक्सीलेंस अवार्ड सहित चार नेशनल अवार्ड भी मिले।
दंतेवाड़ा के बाद गौरव सिंह धमतरी, दुर्ग,रायपुर जिला पंचायत सीईओ भी रहें। सूरजपुर,मुंगेली, बालोद, जिले के कलेक्टर रहें। मुंगेली में 2 माह के छोटे कार्यकाल में ही 100 ग्रामों में चौपाल लगा जनता की समस्या सुलझाई। वर्तमान में गौरव सिंह राजधानी रायपुर के कलेक्टर हैं।
