Chief Secretary: ट्वेंटी-20 मैच की तरह हो गया मुख्य सचिव की नियुक्ति, कुछ देर बाद कैबिनेट की बैठक, मनोज पिंगुआ का पलड़ा भारी...
Chief Secretary: छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन के रिटायरमेंट में अब कुछ घंटों का वक्त बच गया है। मगर अभी तक नए चीफ सिकरेट्री के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि, मनोज पिंगुआ का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि चूकि अमित अग्रवाल के नाम पर केंद्र ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, इसलिए मनोज पिंगुआ का नाम फायनल समझा जा रहा।

Chief Secretary: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन आज शाम पांच बजे रिटायर हो जाएंगे। उससे पहले उन्हें विदाई देने कैबिनेट की बैठक आयोजित की जा रही है। कैबिनेट में हालांकि और भी कई मुद्दे हैं मगर अघोषित तौर पर असल मुद्दा सीएस की विदाई है।
सीएस की घंटे भर बाद विदाई है, और उसके चार घंटे बाद वे रिटायर हो जाएंगे, मगर अभी तक सरकार के स्तर पर नाम क्लियर नहीं किया गया है। अलबत्ता, 94 बैच के आईएएस मनोज पिंगुआ का नाम फायनल बताया जा रहा। वह इसलिए कि अमित अग्रवाल को दिल्ली से आना होता तो भारत सरकार उन्हें दो-एक दिन पहले रिलीव कर भेज दिया होता। मनोज पिंगुआ का पलड़ा भारी होने का मूल वजह यह है कि वे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पसंद के हैं।
हालांकि, सुब्रत साहू का नाम भी चर्चाओं में है। सुब्रत के पिता ओड़िसा के चीफ सिकरेट्री रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में ओड़िसा के रहने वाले पीके मिश्रा एडवाईजर टू पीएम हैं। इन तारों को जोड़क सुब्रत का पलड़ा मजबूत बताया जा रहा। रायपुर का एक बड़ा वर्ग सुब्रत के को मुख्य सचिव बता रहा है। मगर जब तक राज्य सरकार अधिकारिक तौर पर आदेश जारी नहीं कर दें तो तब तक किसी तरह के दावे का कोई मतलब नहीं है।
मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक के लिए अभी मंत्रालय नहीं पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री के मंत्रालय पहुंचने के बाद यह तय किया जाएगा कि कैबिनेट से पहले आदेश निकाला जाए या उसके बाद में।
बहरहाल, ट्वेंटी-20 मैच की तरह लास्ट मोमेंट तक नए मुख्य सचिव को लेकर उत्सुकता बनी है। दरअसल, उसका मुख्य वजह यह है कि भारत सरकार लास्ट टाईम में भी कई बार अपने पसंद का नाम भेज देता है।
मुख्य सचिव के लिए पांच आईएएस अधिकारियों के नाम चर्चाओं में थे। इनमें रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू, अमित अग्रवाल, ऋचा शर्मा और मनोज पिंगुआ का नाम शामिल है। इन पांचों में जिनका सबसे अधिक चर्चाएं थी, उनमें सुब्रत साहू, अमित अग्रवाल और मनोज पिंगुआ शामिल थे।
भारत सरकार ने इसके लिए काफी फीडबैक लिया था। कई लोगों से ओपिनियन लिए गए।