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Chief Secretary Renu Pillay: IAS रेणु पिल्ले होंगी छत्तीसगढ़ की पहली महिला मुख्य सचिव? प्रशासनिक अराजकता दूर करने विष्णुदेव सरकार का मास्टर स्ट्रोक!...

Chief Secretary Renu Pillay: IAS रेणु पिल्ले होंगी छत्तीसगढ़ की पहली महिला मुख्य सचिव? प्रशासनिक अराजकता दूर करने विष्णुदेव सरकार का मास्टर स्ट्रोक!...

Chief Secretary Renu Pillay: IAS रेणु पिल्ले होंगी छत्तीसगढ़ की पहली महिला मुख्य सचिव? प्रशासनिक अराजकता दूर करने विष्णुदेव सरकार का मास्टर स्ट्रोक!...
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By Gopal Rao
  • छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन की जगह 1991 बैच की महिला आईएएस रेणु पिल्ले प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया का दायित्व संभाल सकती है।
  • अमिताभ जैन के छुट्टी में जाने पर सरकार ने कल रेणु पिल्ले को प्रभारी मुख्य सचिव बनाने का आदेश जारी कर दिया।
  • सरकार के इस आश्चर्यजनक फैसले की ब्यूरोक्रेसी में बड़ी चर्चा है। वो इसलिए कि अमिताभ के अवकाश पर जाने के बाद प्रभारी मुख्य सचिव के लिए किसी और आईएएस के नाम की चर्चा थी।

Chief Secretary Renu Pillay: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कल शाम रेणु पिल्ले का आदेश जारी किया तो लोग स्तब्ध रह गए। क्योंकि, अमिताभ के छुट्टी पर जाने के दौरान प्रभारी मुख्य सचिव के लिए किसी और आईएएस अफसर का नाम चल रहा था।

मगर सरकार ने चौंकाते हुए उस रेणु पिल्ले का नाम फायनल कर दिया, जिनके बारे में लोग छूटते ही खारिज कर देते थे कि रेणु को चीफ सिकरेट्री बनाने के बारे में कोई सरकार सोच भी नहीं सकती। इसलिए रेणु पिल्ले को प्रभारी मुख्य सचिव बनाने की खबर एनपीजी न्यूज ने फ्लैश किया तो एनपीजी ऑफिस में लोगों के फोन आने लगे कि ये आश्चर्यजनक आदेश कैसे हो गया?

दरअसल, रेणु पिल्ले के बारे में परसेप्शन बन गया है कि वे बेहद कड़क और ईमानदार आईएएस अफसर हैं...वे किसी की सुनती नहीं। और यह सर्वविदित है कि पॉलीटिशन इस टाईप के विलुप्त हो रहे अफसरों को पसंद नहीं करते।

लिहाजा, जब भी चीफ सिकरेट्री की चर्चा होती तो रेणु की बात कोई नहीं करता था। पिछली सरकार में जब भी सीएस बदलने की बात हुई तो लोगों ने सुब्रत साहू को लेकर दावे किए मगर रेणु को लेकर लोग इतने कांफिडेंस थे कि वे सीएस बनने लायक नहीं है।

यही वजह है कि रेणु पिल्ले को कभी भी ढंग का विभाग नहीं मिला। अलबत्ता, पिछली बीजेपी सरकार एक बार इस कदर नाराज हो गई कि उन्हें रेवेन्यू बोर्ड में बिलासपुर ट्रांसफर कर दिया था। पिछली सरकार में वे दो बार एसीएस हेल्थ बनी मगर दोनों बार उन्हें बदल दिया गया।

दिसंबर 2023 में विष्णुदेव सरकार बनने पर भी उन्हें मुख्य विभागांं से बाहर रखा गया। वे प्रशासनिक अकादमी की डीजी का पद संभाल रही हैं, जिसे लूप लाईन माना जाता है। सरकार जब किसी सीनियर अफसर से नाराज होती है तो प्रशासन अकादमी भेज देती है। हालांकि, इस सरकार ने उन्हें व्यापम और माध्यमिक शिक्षा मंडल के चेयरमैन का दायित्व जरूर दिया। मगर ये भी मेन ट्रेक के पद नहीं माने जाते।

बहरहाल, अमिताभ जैन के लंबे अवकाश पर जाने की खबर पिछले महीने से बड़ी चर्चा में थी। दिसंबर लास्ट में कुछ और अफसरों को प्रभारी मुख्य सचिव बनाने की बातें मंत्रालय में चर्चा में थीं।

मगर अचानक इसमें ट्वीस्ट आया...जब सरकार और बीजेपी संगठन का एक वर्ग मानने लगा कि अब नए सीएस के विकल्प पर विचार करना चाहिए। उस हिसाब से प्रभारी सीएस बनाया जाना चाहिए। ताकि, कुछ दिन ट्रॉयल भी हो जाए।

जानकारों का मानना है, इस प्रयोग में पीएस टू सीएम सुबोध सिंह की भूमिका भी हो सकती है। क्योंकि, अमित अग्रवाल का प्रमोशन होने के बाद उनका दिल्ली से लौटना कुछ मुश्किल दिख रहा है। दूसरा रेणु पिल्ले और अमित अग्रवाल में बहुत फर्क नहीं है। दोनों ऐसे अफसर हैं, जिन्हें आज के दौर में अनप्रैक्टिल कहा जाता है।

ब्यूरोक्रेसी डिरेल्ड

सरकार का भी मानना है कि सिर्फ ईमानदार और कड़क होने की वजह से किसी अफसर को मुख्य सचिव के लिए रिजेक्ट नहीं किया जा सकता। अलबत्ता, छत्तीसगढ़ की डिरेल्ड हो चुकी ब्यूरोक्रेसी को ट्रेक पर लाने के लिए रेणु पिल्ले जैसे अफसर की जरूरत है।

प्रशासनिक अराजकता

सौम्य और शालीन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का चूकि अपना कोई एजेंडा नहीं है। 35 साल के सार्वजनिक जीवन में उन पर कभी कोई दाग नहीं लगा और न ही किसी माफिया को संरक्षण देने का आरोप। ऐसे में मुख्य सचिव अगर कड़क और ईमानदार है तो उनके लिए अच्छा ही है, प्रशासनिक अराजकता का उन्हें कोई टेंशन नहीं रहेगा। जाहिर है, इस समय छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक भर्राशाही मची हुई है।

अमिताभ बनेंगे सीआईसी

अमिताभ जैन चीफ सिकरेट्री के तौर पर चार साल पूरा कर लिए हैं। ब्यूरोक्रेसी में इसे कीर्तिमान के रूप में देखा जाता है। क्योंकि, आमतौर पर मुख्य सचिवांं का कार्यकाल दो-ढाई साल से अधिक नहीं होता। छत्तीसगढ़ चूकि छोटा स्टेट है, यहां अफसरां की कमी है इसलिए वक्त से पहले यहां सीएस और डीजीपी बनने का मौका मिल जाता है। बहरहाल, अमिताभ ने मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन कर दिया है। सो, सरकार किसी भी वक्त नए मुख्य सचिव का फैसला ले सकती है।

सरकार के पास तीन साल वक्त

सरकार का एक साल निकल चुका है। आखिरी साल 2028 चुनावी वर्ष होगा। याने काम करने के लिए अब तीन साल बच गए हैं। सरकार अब ताबड़तोड़ बैटिंग करना चाहती है। सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि अब प्रशासन को रिचार्ज करना आवश्यक है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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