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Chief Secretary Powers: कौन होता है राज्य का मुख्य सचिव,क्या होती हैं इस पद की शक्तियां और कैसे होता है चयन? पढ़िए पूरी जानकारी

क्या आप जानते हैं कि आपके राज्य की प्रशासनिक बागडोर किसके हाथों में है? मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद सलाहकार और शासन की रीढ़ – मुख्य सचिव (Chief Secretary)– वो चेहरे हैं जिन्हें आम जनता शायद ही जानती हो। आइए, परत दर परत जानते हैं इस पद की शक्तियों और जिम्मेदारियों के बारे में...

Chief Secretary Powers: छत्तीसगढ़ को मिला नया मुख्य सचिव,जानिए इस पद की शक्तियां और पूरी जानकारी
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By Harrison Masih
Chief Secretary Kya Hota Hai: छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव (chief Secretary) की नियुक्ति को लेकर पिछले तीन महीनों से चली आ रही अटकलें अब साफ हो गई है। भारत सरकार ने फीलिपिंस की राजधानी मनीला में स्थित एशियाई विकास बैंक से
आईएएस विकास शील (IAS Vikas Sheel)
को वापस बुला लिया है। DOPT (Department of Personnel and Training) के आदेश के बाद विकास शील को तत्काल रिलीव कर दिया गया। वहीं छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन (Amitabh Jain) इसी महीने रिटायर हो रहे हैं, जिसके चलते नए मुख्य सचिव की जिम्मेदारी विकास शील को दी जाएगी। इस खबर के साथ ही आम जनता और अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि मुख्य सचिव आखिर होता कौन है, उसकी जिम्मेदारियां क्या होती हैं और यह पद इतना अहम क्यों है? आइए विस्तार से जानते हैं।
मुख्य सचिव (Chief Secretary) कौन होता है?
मुख्य सचिव किसी भी राज्य सरकार का सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी (Supreme executive officer) होता है। यह पद केवल एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी को दिया जाता है। मुख्य सचिव को राज्य सचिवालय (State Secretariat) का प्रमुख माना जाता है, और वह मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार होता है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर मुख्य सचिव की नियुक्ति करते हैं। प्रशासनिक और विधि व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी इस पद पर होती है।
मुख्य सचिव की भूमिका केवल फाइलों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वह राज्य के हर बड़े फैसले और नीति-निर्धारण में सक्रिय भूमिका निभाता है। वह मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को नीतिगत फैसलों पर सुझाव देता है और सुनिश्चित करता है कि प्रशासन पूरी ईमानदारी से उन फैसलों को लागू करे।
मुख्य सचिव की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां
प्रशासनिक प्रमुख – राज्य की नौकरशाही मशीनरी (Bureaucratic machinery) का संचालन करना और सभी अधिकारियों पर नियंत्रण रखना।
मुख्यमंत्री के सलाहकार – कानून, नीतियों और प्रशासन से जुड़े मामलों पर मुख्यमंत्री को सुझाव देना।
समन्वयक – विभिन्न विभागों के बीच तालमेल बैठाना ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो।
नीति कार्यान्वयन – सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने में सहयोग करना।
सचिवालय का प्रमुख
– राज्य सचिवालय के सभी विभागों की देखरेख करना और आवश्यकतानुसार निर्णय लेना।
मुख्य सचिव राज्य सरकार के प्रशासनिक ढांचे का वह स्तंभ है, जिस पर पूरी व्यवस्था टिकी होती है।
मुख्य सचिव की नियुक्ति कैसे होती है?
मुख्य सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता और वरिष्ठता को प्राथमिकता दी जाती है। सबसे पहले उम्मीदवार को UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करके IAS अधिकारी बनना पड़ता है। IAS कैडर में शामिल होने के बाद अधिकारी को वर्षों तक राज्य और केंद्र की प्रशासनिक सेवाओं में कार्य करना होता है। लंबे अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर मुख्यमंत्री, राज्य के सबसे सीनियर IAS अधिकारी को मुख्य सचिव नियुक्त करते हैं। औपचारिक तौर पर यह नियुक्ति राज्यपाल के नाम पर होती है। इस पद का कोई तय कार्यकाल नहीं होता। मुख्यमंत्री अपनी इच्छा और राजनीतिक जरूरत के अनुसार मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ा या घटा सकते हैं।
मुख्य सचिव बनने की प्रक्रिया
IAS अधिकारी बनना: UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास करना पहला कदम है।
अनुभव और वरिष्ठता हासिल करना: IAS अधिकारी को प्रशासनिक सेवाओं में लंबा अनुभव प्राप्त करना होता है।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति: मुख्यमंत्री, वरिष्ठ IAS अधिकारी को मुख्य सचिव के रूप में चुनते हैं।
राज्यपाल की स्वीकृति: नियुक्ति की औपचारिक घोषणा राज्यपाल के नाम पर होती है।
मुख्य सचिव का महत्व क्यों है?
मुख्य सचिव न केवल राज्य की नीतियों के क्रियान्वयन का जिम्मेदार होता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि प्रशासन राजनीतिक नेतृत्व और जनता के बीच सेतु का काम करे। उदाहरण के लिए, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, कानून-व्यवस्था या निवेश नीति जैसी योजनाओं को अमल में लाने का असली दारोमदार मुख्य सचिव पर होता है। इसके अलावा, यह पद राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व के बीच संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय मुख्य सचिव की निगरानी और समन्वय के बिना लागू नहीं हो सकता।
भारत के राज्यों में वर्तमान मुख्य सचिवों की स्थिति
भारत के हर राज्य में मुख्य सचिव होता है, जो राज्य प्रशासन की कमान संभालता है। हालांकि, केंद्र शासित प्रदेशों में सामान्यतः मुख्य सचिव नहीं होते, बल्कि वहां प्रशासकों के सलाहकार नियुक्त किए जाते हैं। लेकिन दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों को आंशिक राज्य का दर्जा प्राप्त है, इसलिए वहां मुख्य सचिव नियुक्त होते हैं।

भारत के राज्यों के वर्तमान मुख्य सचिवों की सूची

आंध्र प्रदेश: के. विजयानंद, आईएएस 1992

अरुणाचल: प्रदेश ईटानगर मनीष कुमार गुप्ता, आईएएस 1991

असम: सूची रवि कोटा, आईएएस 1993

बिहार: प्रत्यय अमृत , आईएएस 1991

छत्तीसगढ: अमिताभ जैन, आईएएस 1989

गोवा: वी. कैंडावेलौ, आईएएस 1997

गुजरात: पंकज जोशी, आईएएस 1989

हरयाणा: अनुराग रस्तोगी, आईएएस 1990

हिमाचल प्रदेश: प्रबोध सक्सेना, आईएएस 1990

झारखंड: अलका तिवारी, आईएएस 1988

कर्नाटक: शालिनी रजनीश, आईएएस 1989

केरल: ए. जयतिलक, आईएएस 1991

मध्य प्रदेश: अनुराग जैन, आईएएस 1989

महाराष्ट्र: सूची राजेश कुमार मीणा, आईएएस 1988

मणिपुर: प्रशांत कुमार सिंह, आईएएस 1993

मेघालय: डोनाल्ड फिलिप्स वाह्लांग, आईएएस 1993

मिजोरम: सूची खिल्ली राम मीणा, आईएएस 1993

नगालैंड: सेंटियांगर इम्चेन, आईएएस 1991

ओडिशा: मनोज आहूजा, आईएएस 1990

पंजाब: केए प्रसाद सिन्हा, आईएएस 1992

राजस्थान: सूची सुधांश पंत , आईएएस 1991

सिक्किम: रवींद्र तेलंग, आईएएस 1995

तमिलनाडु: एन. मुरुगनंदम, आईएएस 1991

तेलंगाना: के. रामकृष्ण राव, आईएएस 1991

त्रिपुरा: जितेंद्र कुमार सिन्हा, आईएएस 1996

उत्तर प्रदेश: शशि प्रकाश गोयल, आईएएस 1989

उत्तराखंड: सूची आनंद बर्धन, आईएएस 1992

पश्चिम बंगाल: मनोज पंत , आईएएस 1991

छत्तीसगढ़ में फिलहाल अमिताभ जैन (IAS, 1989 बैच) मुख्य सचिव हैं, लेकिन उनकी जल्द ही सेवानिवृत्ति होने वाली है। ऐसे में विकास शील की वापसी राज्य प्रशासन के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकती है।
केंद्र शासित प्रदेशों में क्या स्थिति है?
दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में भी मुख्य सचिव नियुक्त होते हैं। हालांकि, यहां यह पद राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत कनिष्ठ अधिकारी भी हो सकते हैं। वहीं, चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों में सर्वोच्च अधिकारी भारत सरकार के सचिव स्तर के होते हैं।
मुख्य सचिव राज्य सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था का सबसे बड़ा पद है। यह न केवल मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार होता है बल्कि प्रशासन का संचालन और विभिन्न विभागों में तालमेल बनाए रखने का भी जिम्मेदार होता है। छत्तीसगढ़ में अब विकास शील की वापसी के साथ प्रशासनिक मशीनरी को नया नेतृत्व मिलने जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में राज्य के शासन और नीतियों के क्रियान्वयन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
कुल मिलाकर, मुख्य सचिव का पद किसी भी राज्य की प्रशासनिक रीढ़ है और यह पद जितना सम्मानजनक है, उतना ही जिम्मेदारी से भरा हुआ भी है।
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