Chief Secretary: केंद्र के एक कॉल पर पलट गई बाजी, कैबिनेट में ऐन वक्त पर रोकी गई मुख्य सचिव अमिताभ जैन की विदाई, केंद्र ने गजब का चौंकाया...
Chief Secretary: एक हैरतअंगेज घटनाक्रम में भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन को तीन महीने के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी। मगर राज्य सरकार के प्रस्ताव पर ऐसे समय में केंद्र का फैसला आया, जब अमिताभ को राज्यपाल रामेन डेका ने शाल और श्रीफल देकर विदाई कर दी थी। दिल्ली से जैसे ही फोन आया, कैबिनेट की बैठक में ऐन वक्त पर उनकी विदाई रोक दी गई। बहरहाल, अमिताभ जैन ने कार्यकाल का रिकार्ड बनाने के साथ ही एक्सटेंशन प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ के पहले मुख्य सचिव बन गए हैं।

Chief Secretary: रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति का मामला ट्वेंटी-20 मैच की तरह रहा। आखिरी मिनट तक सस्पेंस बना रहा। कैबिनेट की बैठक प्रारंभ हो गई थी मगर दिल्ली से कोई फोन नहीं आ रहा था। उधर, आज शाम रिटायर होने वाले मुख्य सचिव अमिताभ जैन कैबिनेट से विदाई से पहले राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका से मिलकर आ गए थे। राज्यपाल ने उन्हें शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया।
जाहिर है, आज की कैबिनेट बैठक अमिताभ जैन की विदाई के लिए ही बुलाई गई थी। मगर जैसे ही कैबिनेट अंतिम चरण की तरफ बढ़ा, दिल्ली से फोन आ गया...अमिताभ जैन को कंटिन्यू किया जाए, उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन दिया जा रहा है। इस एक कॉल के बाद पूरा सिनेरियो बदल गया। कैबिनेट में आपस में इशारे-इशारे में बात कर बता दिया गया कि चीफ सिकरेट्री साब को विदाई की जरूरत नहीं है, वे तीन महीने और बने रहेंगे। इसके बाद विदाई रोक दी गई। वरना, कैबिनेट के लास्ट में मंत्री, मुख्यमंत्री का अमिताभ की विदाई पर उद्बोधन होने वाला था। कई मंत्री भाषण की तैयारी करके भी गए थे।
नए सीएस के नाम पर आखिरी समय तक सस्पेंस इसलिए बना रहा कि राज्य सरकार ने अमिताभ जैन को तीन महीने का एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, उस पर न हां हो रहा था और न ना। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने दिल्ली बात करने का प्रयास भी किया, मगर उन्हें वेट करने कहा गया। इस बीच कई लोगों से भारत सरकार के अधिकारियों ने फीडबैक लिया। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार इस एक्सटेंशन के फर्मूले पर सहमत थी, तभी एक्सटेंशन का प्रस्ताव भेजा गया। मगर केंद्र से कोई इशारा नहीं मिल रहा था। इसी पशोपेश की वजह से आज कैबिनेट प्रारंभ होने से पहले नए सीएस का आदेश जारी नहीं हुआ। वरना, आमतौर से होता ये है कि कैबिनेट में पुराने की विदाई होती है और नए सीएस का वेलकम। नए सीएस को मंत्रियों से इसी बैठक में इंट्रोड््यूज करा दिया जाता है। मगर आज दिल्ली से कोई संदेश नहीं आ रहा था। इसलिए, सिस्टम में बैठे लोग उसी प्रतीक्षा में आदेश नहीं निकाल पा रहे थे।
भारत सरकार ने चौंका दिया
जो पहले कभी नहीं हुआ, वह छत्तीसगढ़ में हो गया। इससे पहले यूपी समेत मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, ओड़िसा समेत कई राज्यों में केंद्र से आखिरी समय में चीफ सिकरेट्री के नाम भेजे गए। मगर ये पहली बार हुआ कि रिटायरमेंट से दो घंटे पहले केंद्र का फैसला आ गया। इस बारे में न तो अमिताभ जैन को कोई सूचना थी और न ही राज्य सरकार को। जाहिर है, चीफ सिकरेट्री होने के नाते एक्सटेंशन का प्रस्ताव उनकी जानकारी में रहा होगा, मगर इससे पहले भी कई चीफ सिकरेट्री का सेवा विस्तार का प्रपोजल गया मगर उसे हरी झंडी नहीं मिल सकी। फिर सेवा विस्तार का आदेश भी रिटायरमेंट से कम-से-कम एक दिन पहले तक आ जाता है।
मंत्रालय का हॉल विदाई के लिए सज गया था
कोई भी चीफ सिकरेट्री का रिटायरमेंट होता है तो जीएडी और कर्मचारी संघ विदाई समारोह का आयोजन करते हैं। मुख्य सचिव अमिताभ जैन से सहमति लेकर मंत्रालय के हॉल में इसकी तैयारी हो गई थी। फ्लैक्स लग गया था, नाश्ते का आर्डर दे दिया गया। रेस्टोरेंट वाला 400 पैकेट नाश्ते का आधा समान मंत्रालय में पहुंचा दिया था। सिर्फ प्लेट लगाना बाकी था। तब तक भारत सरकार का पैगाम आ गया।