Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh News: आईपीएस डॉ. अभिषेक पल्लव को बस्तर में एसपी रहते नक्सलियों के एनकाउंटर और इन ऑपरेशनों के लिए मिला गैलेंट्री मैडल

Chhattisgarh News: आईपीएस डॉ. अभिषेक पल्लव को बस्तर में एसपी रहते नक्सलियों के एनकाउंटर और इन ऑपरेशनों के लिए मिला गैलेंट्री मैडल
X
By NPG News

रायपुर। भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले पुलिस पदकों को ऐलान किया। छत्तीसगढ़ में 18 अधिकारियों और जवानों को पदक के लिए चुना गया है। इनमें सात वीरता पदक याने गैलेंट्री मैडल हैं। सात में दुर्ग के एसपी डॉ0 अभिषेक पल्लव भी शामिल हैं। 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिषेक बस्तर संभाग के कोंडागांव और दंतेवाड़ा के एसपी रहे। उसके बाद जांजगीर और अब दुर्ग के एसपी हैं। दंतेवाड़ा में वे लगभग चार साल एसपी रहे। और, उनका यह कार्यकाल काफी चर्चित रहा। नक्सली घटनाओं के लिए देश में चर्चित दंतेवाड़ा में उन्होंने नक्सलियों को बैकफुट पर जाने के लिए विवश कर दिया। इस दौरान उनकी सबसे बड़ी कामयाबी दंतेवाड़ा के विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को बारुदी सुरंग से उड़ाने की घटना के मास्टर माइंड को मार गिराने की रही। नीचे पढ़िये दंतेवाड़ा में अभिषेक द्वारा चलाए गए कुछ अहम आपरेशनों के बारे में...

हेमला मंगली सीपीआई (माओवादी) की दरभा डिवीजनल कमेटी की मेडिकल टीम का कमांडर था, 8 लाख का इनाम था। जबकि छोटा देवा भाकपा (माओवादी) के प्लाटून नंबर 26 का डिप्टी सेक्शन कमांडर था, 5 लाख का इनामी था। दोनों माओवादी 9 अप्रैल 2019 को तत्कालीन दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी के रिसी और आईईडी विस्फोट के न केवल मास्टरमाइंड थे बल्कि वे घटनास्थ्ल पर मौजूद थे। दोनों को एनआईए चार्जशीट में आरोपी नंबर 24 और 25 के रूप में उल्लेख किया गया है। मंगली ने एक महीने श्यामगिरी गांव की रेकी की है, जहां आईईडी ब्लास्ट हुआ है, वहीं माओवादी देवा ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग की है। विधायक भीमा मंडावी की हत्या के तीन महीने बाद 14 जुलाई 2019 को माओवादी मंगली और माओवादी देवा को आमने-सामने की मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया। इससे दंतेवाड़ा में सुरक्षा बलों के मनोबल को पुनर्जीवित कर दिया और सुरक्षा बलों को बढ़त हासिल करने में मदद की।

दूसरी घटनाः मलंगीर एरिया कमेटी (गुमियापाल-हिरोली गांव) के कोर एरिया में पुलिस-माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस क्षेत्र में पूर्व में सुरक्षा बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था (हिरोली से 19 टन विस्फोटक लूटे गए थे और 2006 में उसी गांव से 9 सीआईएसएफ जवान लूटे गए थे)। पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने अपने मुखबिरों के माध्यम से गुमियापाल गांव में माओवादियों के ठिकाने के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त की। पूरे ऑपरेशन की निगरानी की, सुरक्षा बलों का खुद नेतृत्व किया। पुलिस अधीक्षक के साथ ईओएफ स्थल पर मौजूद गुप्त मुखबिरों की मदद से मृत माओवादियों की पहचान की गई। ग्राउंड पर एसपी की उपस्थिति ने फायर खोलने पर सटीक निर्णय लेने में मदद की। माओवादी मंगली डीवीसीएम विनोद (2013 में झीरम हमले के मास्टरमाइंड में से एक) की बेटी और मंडल कमांडर जगदीश कुर्रम की पत्नी थी। प्यारी बेटी मंगली की हत्या से मंडल कमांडर विनोद हेमला का स्वास्थ्य बिगड़ गया और 2021 में जंगलों में उनकी मृत्यु हो गई, जिसे उनके साहित्य में माओवादियों ने स्वीकार किया।

Next Story