Chhattisgarh News: विभागीय जांचों को लेकर सरकार सख्त: GAD सचिव ने विभाग प्रमुखों को जारी किया निर्देश
Chhattisgarh News: विभागीय जांच (डीई) को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने विभाग प्रमुखों को फिर एक निर्देश जारी किया है।
![Chhattisgarh News: विभागीय जांचों को लेकर सरकार सख्त: GAD सचिव ने विभाग प्रमुखों को जारी किया निर्देश Chhattisgarh News: विभागीय जांचों को लेकर सरकार सख्त: GAD सचिव ने विभाग प्रमुखों को जारी किया निर्देश](https://npg.news/h-upload/2022/01/17/1157537-npg-badi.webp)
Chhattisgarh News: रायपुर। विभागीय जांच (डीई) में अनावश्यक देर से सरकार नाखुश है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) सचिव मुकेश कुमार बंसल ने इस संबंध में राज्य के सभी विभाग प्रमुखों जिनमें अपर मुख्य सचिव और सचिव शामिल हैं, को पत्र जारी किया है। इसमें जीएडी सचिव ने विभागीय जांच एक वर्ष में पूरा कर लेने के लिए कहा है।
विभाग प्रमुखों को भेजे गए पत्र में जीएडी सचिव ने कहा कि विभागीय जांच के प्रकरणों को एक वर्ष के अंदर पूरा करना आवश्यक है, लेकिन कई विभागों द्वारा विभागीय जांच की कार्यवाही एक वर्ष की समयावधि में पूरी नहीं की जाती है। आरोपी शासकीय सेवक कई वर्षों तक निलंबन में रहते हैं। विभागीय जांच समाप्ति उपरांत उन्हें निलंबन से बहाल किया जाता है। यदि आरोपी विभागीय जांच में निर्दोष घोषित होता है तो शासन को उसके निलम्बन काल का पूरा वेतन एवं भत्ता भी देना पड़ता है।
इस प्रकार शासन द्वारा जारी निर्देशों / आदेशों के अनुरूप विभागीय जांच की कार्यवाही पूर्ण करने में बरती जाने वाली ढिलाई के कारण शासन को अनावश्यक रूप से भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है, जबकि वास्तव में निलम्बन होने से उक्त शासकीय सेवक निलम्बन अवधि में कोई कार्य सम्पादित नहीं करता।
यह भी देखा गया है कि अनेक विभागों में विभागीय जांच के प्रकरण बिना यथोचित कारणों से अनावश्यक रूप से दीर्घ समय तक लम्बित रहते हैं जिसके फलस्वरूप शासन और शासकीय सेवक दोनों पक्षों को अनावश्यक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अतएव यदि किसी प्रकरण में निर्धारित समय-सीमा से अधिक विलम्ब किसी स्तर पर होता है तो यथोचित कारणों के न पाए जाने पर विलम्ब के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों / कर्मचारियों के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना चाहिए।
विभागीय जांच प्रकरणों में विलम्ब की स्थिति को समाप्त करने के उद्देश्य से शासन ने विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-6-2/97/3/1, 10.03.1997 द्वारा निर्देश जारी किए हैं कि जांचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारियों की संविदा नियुक्ति सेवानिवृत्त अधिकारियों के पैनल में से की जावे।
जीएडी सचिव ने आग्रह है कि विभागीय जांच की कार्यवाही एक वर्ष की समयावधि में पूर्ण की जाए तथा विभागीय जांच के प्रकरणों को समय-सीमा में तत्परतापूर्वक निपटाया जाना सुनिश्चित कर, समय-समय पर विभागीय जांच प्रकरणों की भारसाधक सचिव द्वारा समीक्षा की जाए तथा विभागीय जांच प्रकरणों का यथाशीघ्र निराकरण कराया जाए।