Chhattisgarh News: कलेक्टर्स, SP सुबह 10 से पहले पहुंचे दफ्तर...वरना खैर नहीं, GAD सेक्रेटरी मुकेश बंसल बोले...
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ने मंत्रालय क़े अफसरों की टाइमिंग ठीक करने क़े बाद अब जिलों के अफसरों पर शिकंजा कस दिया है. मुख्यमंत्री सचिवालय ने कलेक्टर, एसपी को फरमान जारी कर कहा है कि वे खुद सुबह दस बजे से पहले दफ़्तर पहुंचे और यह भी देखें कि जिले क़े बाकी ऑफिस भी टाइम से चालू हो. एक तरह से कहा जाए तो सरकार ने अफसरों को अल्टीमेटम दे दिया है. जाहिर है, राज्य बनने क़े 24 साल में पहली बार छत्तीसगढ़ में वर्क कल्चर बनाने का प्रयास सरकार ने शुरू किया है. पढ़िए मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश बंसल ने इस बारे में NPG.NEWS से क़्या कहा...

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय की सरकार ने सुशासन की दिशा में कोशिशे तेज़ कर दी है. इसकी शुरुआत साल 2025 के पहले दिन एक जनवरी को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय में चेतावनी बैठक से शुरू की. बैठक के बारे में आधिकारिक जानकारी ये दी गई कि कामकाज में कसावट लाने मुख्यमंत्री ने बैठक ली है. मगर महत्वपूर्ण यह भी कि बैठक क़े शुरू में ही मुख़्यमंत्री में अफसरों को टाइमिंग और कामकाज में ढिलाई को लेकर गहरी नाराजगी जताई थी.
इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय हरकत में आया. दो जनवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय ने पैगाम जारी किया और तीन जनवरी से मंत्रालय एक्शन मोड में आ गया. दोपहर तक वीरान रहने वाला मंत्रालय अब सुबह दस बजे से गुलजार हो जा रहा.
अब जिलों में कसावट...
NPG. NEWS ने अपने सबसे पॉपुलर कॉलम तरकश में आज इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था कि जिलों में भी टाइमिंग ठीक करने की जरुरत है. और उसके कुछ देर बाद सरकार ने कलेक्टर, SP को सख्त निर्देश जारी कर दिया.
प्रदेश भर के कलेक्टर्स को अब हर हाल में सुबह 10 बजे से पहले कार्यालय पहुंचना होगा. यही नहीं उन्हें पूरे जिलों में इसे कड़ाई से लागू कराना होगा.
कलेक्टरो से कहा गया है कि हफ्ते में दो दिन जिलों का दौरा कर देखें कि बाकी सभी ऑफिसों में टाइमिंग क़े साथ ही सही ढंग से काम हो रहा है या नहीं.
राज्य शासन की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो और काम धरातल पर नजर आए इस उद्देश्य से अब कलेक्टर्स को अनिवार्य रूप से सप्ताह में दो दिन फर्स्ट हाफ लोगों से मुलाकात के लिए रखना होगा.
मुलाकात के दौरान उनकी समस्याओं को सुनने और निराकरण की दिशा में गंभीरता के साथ काम करना होगा। सप्ताह में कौन से दो दिन लोगों के बीच मुलाकात और संवाद स्थापित करना है, राज्य सरकार ने इसके लिए कलेक्टर्स को छूट दी है। सुविधानुसार सप्ताह में दाे दिन निर्धारित करने का काम कलेक्टर्स खुद करेंगे।
पर यह भी शर्त है कि जो दिन वे तय करेंगे, हर हाल में लोगों से मिलना और उनकी दिक्कतों को दूर करने का काम करना होगा।
सरकार का मानना है कि जिले के मुखिया के लोगो से सीधा संवाद की स्थिति में कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही विभागों के संबंध में भी कलेक्टर को सीधी जानकारी मिलती रहेगी। केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के संंबंध में फीडबैक भी मिलता रहेगा।
0 चेंबर छोड़कर दो दिन रहना होगा फिल्ड में
सप्ताह के दो दिन लोगों से मुलाकात करने के अलावा दो दिन अपने प्रभार वाले जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी करना होगा। इन दो दिनों में कलेक्टर्स अपने जिले में केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं की हकीकत देखेंगे।अधूरे काम को पूरा कराने की योजनाएं बनाएंगे। लापरवाह अफसरों पर नकैल कसेंगे। जाहिर है इससे प्रशासन में कसावट आएगी और कामकाज तय समय पर होंगे।
0 सड़क दुर्घटना को लेकर सरकार की चिंता
लगातार समझाइश के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राज्य सरकार की चिंता भी सामने आई है। राज्य सरकार ने कलेक्टर व एसपी को सप्ताह में एक दिन जिले का साझा दौरा करने और सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने प्रयास करने का निर्देश दिया है। ब्लैक स्पाट की पहचान के अलावा दुर्घटनाजनित सड़कों व स्पाट पर सावधानी के जरुरी उपाय करने कहा है।
GAD सचिव मुकेश बंसल बोले...
मुख्यमंत्री क़े सचिव के साथ सामान्य प्रशासन विभाग क़े सचिव मुकेश बंसल ने सरकार क़े ताज़ा फरमान की पुष्टि की है. NPG न्यूज़ ने उनसे पॉइंटेड सवाल किया... क़्या जिलों क़े आफिसो में कसावट लाने मुख्यमंत्री सचिवालय ने कोई आदेश जारी किया है? मुकेश बोले...कलेक्टर, SP को जिले में टाइमिंग क़े साथ ही सरकारी कामकाज में तेज़ी लाने कहा गया है. कलेक्टर, SP को सुबह दस बजे से पहले ऑफिस पहुंचना होगा.
मुकेश बंसल ने कहा, 'CM साहब का ये भी निर्देश है कि कलेक्टर, SP साथ में जिलों का दौरा करें... कामकाज में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि जो भी इस निर्देश को ओवरलूक करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.