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Chhattisgarh IPS News: छत्तीसगढ़ के आईपीएस का शोध लेख हुआ सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित, "करोड़ों की बैंक डकैती में किस तरह 15 घंटों में हुई पूरी रिकवरी" पर लिखा था लेख

Chhattisgarh IPS News: दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग (IPS) को एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA), हैदराबाद की प्रतिष्ठित पत्रिका में उनका शोध लेख प्रकाशित हुआ है। Use of Technology in Policing – Investigation of Bank Dacoity Case” शीर्षक से प्रकाशित शोध लेख में तकनीक आधारित अपराध अन्वेषण की नई दिशा प्रस्तुत की गई है।यह लेख SVPNPA Journal (Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy Journal) के नवीनतम अंक में प्रकाशित हुआ है। इसमें रायगढ़ के एक्सिस बैंक में हुई करोड़ की डकैती में किस तरह से चंद घंटों में आरोपियों की गिरफ्तारी और रकम बरामदगी की गई बताया गया है।

Chhattisgarh IPS News: छत्तीसगढ़ के आईपीएस का शोध लेख हुआ सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित, करोड़ों की बैंक डकैती में किस तरह 15 घंटों में हुई पूरी रिकवरी पर लिखा था लेख
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By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh IPS News: रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस के दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्रामगोपाल गर्ग (IPS) का शोध लेख “Use of Technology in Policing – Investigation of Bank Dacoity Case” प्रतिष्ठित SVPNPA Journal में प्रकाशित हुआ है। यह पत्रिका देश की सर्वोच्च पुलिस प्रशिक्षण अकादमी — सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद द्वारा प्रकाशित की जाती है, जो पुलिसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध और नवाचारों के लिए जानी जाती है।

इस शोध लेख में आईपीएस रामगोपाल गर्ग द्वारा रायगढ़ शहर में हुई एक बड़ी बैंक डकैती की विवेचना के दौरान। Gait Pattern Analysis और CCTV Footage Analysis जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग को विस्तार से बताया गया है। यह पहली बार था जब छत्तीसगढ़ में अपराधियों की पहचान स्थापित करने के लिए Gait Pattern Analysis तकनीक का उपयोग किया गया। इस तकनीक के माध्यम से आरोपियों की चाल (gait) के विश्लेषण को वैज्ञानिक प्रमाण के रूप में प्रयोग किया गया, जिससे अपराध की तह तक पहुँचने और अपराधियों की उपस्थिति सिद्ध करने में सफलता मिली।

लेख में बताया गया है कि कैसे तत्कालीन डीआईजी रायगढ़ के रूप में रामगोपाल गर्ग ने अपनी तकनीकी समझ का उपयोग करते हुए न केवल अपराध का 100% खुलासा कराया, बल्कि बैंक डकैती में लूटे गए 5.62 करोड़ रुपये की संपूर्ण बरामदगी मात्र 15 घंटे में करवाई। इस प्रकरण ने छत्तीसगढ़ पुलिस की पेशेवर दक्षता और तकनीकी क्षमता को नई ऊँचाई दी।

इस शोध पत्र में Gait Analysis की वैज्ञानिक अवधारणा, उसके सिद्धांत, सीमाएँ, और अदालत में इसके प्रमाणिक महत्व का भी उल्लेख किया गया है। साथ ही यह भी रेखांकित किया गया है कि आधुनिक युग में तकनीक आधारित विवेचना — जैसे CCTV Analysis, Data Correlation, Mobile Tracking, और Forensic Tools — कैसे पुलिसिंग को अधिक प्रभावी और वैज्ञानिक बना रही है।

शोध लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस प्रकरण के पश्चात रामगोपाल गर्ग ने CCTV कैमरों के लोकेशन और विवरण के प्रबंधन हेतु Trinayan App चोरी हुए वाहनों की जानकारी हेतु Sashakt ऐप विकसित कराया, जिससे अपराध अन्वेषण सुगम हुआ है।

पुलिस विभाग के अनुसार यह उपलब्धि न केवल दुर्ग रेंज पुलिस बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए गर्व का विषय है।

आईजीपी रामगोपाल गर्ग पुलिसिंग में तकनीकी नवाचारों जैसे Sashakt एवं Trinayan ऐप्स के लिए भी प्रसिद्ध हैं, निरंतर पुलिस बल को आधुनिक तकनीक से सशक्त करने के प्रयासों में अग्रणी रहे हैं। इससे पहले रामगोपाल गर्ग प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में पदस्थ रहे। सीबीआई में रहने के दौरान डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले की जांच कर उसकी कुंडली निकाल ऐसी तगडी चालान आईपीएस रामगोपाल गर्ग ने बनाई कि सबूतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया।

डेपुटेशन से लौटने के बाद छत्तीसगढ़ में रामगोपाल गर्ग अंबिकापुर रेंज के आईजी रहे। इसके अलावा रायगढ़ में डीआईजी रहे। फिर दुर्ग जिले के एसएसपी रहे। वर्तमान में दुर्ग रेंज के आईजी हैं।

यह शोध पत्र पुलिस विवेचना में तकनीक के वैज्ञानिक उपयोग का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है — यह दर्शाता है कि जब परंपरागत पुलिसिंग को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाता है, तो परिणाम कितने प्रभावशाली और सटीक हो सकते हैं।

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