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Chhattisgarh IPS: ट्रांसफर के बाद आईपीएस सुनील शर्मा रिलीव नहीं हुए, उमेश गुप्ता का आदेश निरस्त नहीं, राजभवन में इस समय दो-दो IPS एडीसी...

Chhattisgarh IPS: राजभवन में गवर्नर टू एडीसी का मामला उलझता जा रहा है। इस समय दो-दो आईपीएस एडीसी हो गए हैं। आईपीएस सुनील शर्मा का ट्रांसफर कर उमेश गुप्ता को नया एडीसी अपाइंट किया गया। मगर न सुनील शर्मा राजभवन से कार्यमुक्त हुए और न उमेश गुप्ता का आदेश निरस्त हुआ।

Chhattisgarh IPS: ट्रांसफर के बाद आईपीएस सुनील शर्मा रिलीव नहीं हुए, उमेश गुप्ता का आदेश निरस्त नहीं, राजभवन में इस समय दो-दो IPS एडीसी...
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By Gopal Rao

Chhattisgarh IPS: रायपुर। राज्य सरकार ने राज्यपाल रामेन डेका के एडीसी सुनील शर्मा को हटाकर 2020 बैच के आईपीएस उमेश गुप्ता को नया एडीसी अपाइंट किया था। मगर अभी स्थिति ये है कि सुनील शर्मा एडीसी पद पर बने हुए हैं, उधर उमेश गुप्ता भी ऑनपेपर एडीसी हैं। अब आप पूछेंगे दो-दो आईपीएस एडीसी कैसे? तो वजह है कि एडीसी की पेंच कुछ ऐसी उलझ गई है कि सिस्टम समझ नहीं पा रहा कि क्या फैसला लिया जाए।

दरअसल, पहली बार तो तीन जिले के एसपी रहे आईपीएस अधिकारी को कभी एडीसी बनाया नहीं जाता। सुनील शर्मा को पिछले अप्रैल में राज्यपाल का एडीसी बनाया गया, तब वे अंबिकापुर के पुलिस अधीक्षक थे। उससे पहले वे दो जिलों के वे एसपी रह चुके थे। इतना सीनियर आईपीएस पिछले 25 साल में कभी एडीसी नहीं हुए।

हाल-फिलहाल, सितंबर लास्ट में सरकार ने सुनील शर्मा की जगह आईपीएस उमेश गुप्ता को राज्यपाल का नया एडीसी बनाया गया। उस समय सुनील शर्मा अवकाश पर थे। सुनील शर्मा का आदेश देखकर ब्यूरोक्रेसी इसलिए चौंक गई थीं कि पहली बार किसी एडीसी को बिना किसी जिले का एसपी बनाए राजभवन से हटा दिया गया। जबकि, विवेकानंद से लेकर दीपांशु काबरा, स्व0 राहुल शर्मा, आनंद छाबड़ा, भोजराम पटेल, त्रिलोक बंसल, विवेक शुक्ला तक एक लंबी फेहरिश्त है, जो एसपी बनकर ही राजभवन से निकले।

बताते हैं, एडीसी सुनील शर्मा जब लंबे अवकाश पर थे, तब राज्यपाल को तीन दिन के गुजरात दौरे पर जाना था, इसको देखते पुलिस मुख्यालय ने एडिशनल एसपी रैंक के आईपीएस उमेश गुप्ता का टेम्पोरेटी एडीसी के लिए प्रस्ताव भजा और उनका आदेश भी हो गया था। उनका ये आदेश सिर्फ 15 दिन के लिए था, तब तक सुनील शर्मा अवकाश से लौट आते। मगर इस बीच नया एपिसोड हो गया। सुनील शर्मा की जगह पर उमेश गुप्ता टेम्पोरेरी एडीसी के तौर पर काम कर रहे थे, तभी सरकार ने आदेश निकालकर सुनील शर्मा को हटाकर उमेश गुप्ता को पूर्णकालिक एडीसी बना दिया।

उमेश गुप्ता के पूर्णकालिक एडीसी के आदेश निकलने के बाद कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ कि खबर आई कि उमेश गुप्ता ने एडीसी के तौर पर काम करने से अनिच्छा जता दी। और राजभवन ने सरकार को पत्र लिख एडीसी के नए पेनल की मांग कर दी, ताकि नया एडीसी नियुक्त किया जा सकें। पता चला है, उमेश गुप्ता की अगले महीने शादी होने वाली है, और वे अवकाश पर जाना चाहते हैं। हालांकि, नई शादी वालों के लिए एडीसी से अच्छी कोई पोस्टिंग होती नहीं। एडीसी राज्यपाल के परिवारिक सदस्य की तरह होते हैं। उमेश गुप्ता की शादी में हो सकता था, राज्यपाल खुद भी आते। फिर एडीसी को राजभवन में रहने के लिए बड़ा बंगला मिलता है, जो एडिशनल एसपी रैंक के आईपीएस के लिए संभव नहीं। फिर देश में कहीं भी घूमने-फिरने जाओ राज्यपाल के एडीसी के तौर पर हर जगह प्रायरिटी मिलता है। इसके बाद भी उमेश गुप्ता ने अनिच्छा क्यों जताई, वह सवालों के घेरे में है।

इस समय दो आईपीएस एडीसी

किसी भी राज्य के राज्यपाल के पास दो एडीसी होते हैं। एक आईपीएस और दूसरा आर्मी का। आर्मी में थल सेना, जल और वायुसेना किसी से भी हो सकता है। आर्मी साइड से एडीसी की नियुक्ति केंद्रीय गृह मंत्रालय करता है। और आईपीएस एडीसी की संबंधित राज्य सरकार। छत्तीसगढ़ राजभवन में आईपीएस साइड से दो एडीसी ऐसे हो गए कि जिस सुनील शर्मा का ट्रांसफर किया गया था, वे अवकाश से लौटकर फिर एडीसी ज्वाईन कर लिया। उधर, उमेश गुप्ता को टेम्पोरेरी एडीसी बनाया गया था, वे राजभवन से अधिकारिक तौर पर अभी रिलीव नहीं हुए हैं। राजभवन से वे रिलीव होंगे, तब जाकर वे अपने पुराने जिले में जाकर ज्वाईन करेंगे। उधर, उमेश गुप्ता को पूर्णकालिक एडीसी बनाने वाला आदेश गृह विभाग ने अभी तक निरस्त नहीं किया है। इस तरह उमेश गुप्ता कागजों में अभी राजभवन में हैं मगर एडीसी का काम सुनील शर्मा देख रहे हैं। कुल मिलाकर मामला कुछ उलझा सा गया है। हालांकि, राजभवन के सचिव ने जीएडी को पत्र भेज एडीसी के लिए तीन नामों को पेनल मंगाया है। पेनल आने के बाद फिर राजभवन नए एडीसी को सलेक्ट करेगा। फिर हो सकता है कि सुनील शर्मा रिलीव होंगे। मगर इससे पहले गृह विभाग को उमेश गुप्ता का आदेश भी निरस्त करना होगा।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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