CG Police: दो बैलों के लिए एक लाख रिश्वत, मां को कंधा न दे सका फौजी का भाई, PHQ के प्रेशर में 15 दिन बाद थानेदार और सिपाही सस्पेंड...
CG Police: छत्तीसगढ़ में सरकार का सुशासन तिहार चल रहा है, मगर सरकार की पुलिस इस तिहार को बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। खेती-किसानी के लिए दो बैल खरीद कर महाराष्ट्र ले जा रहे युवक को पुलिस ने रोककर न केवल मवेशी तस्करी के नाम पर परेशान किया बल्कि एक लाख झटक लिया। पुलिस को पीड़ित की इस पीड़ा पर भी तरस नहीं आया कि उसकी मां बीमार है। रिश्वत का बंदोबस्त कर वह थाने से छूटता तब तक मां का निधन हो गया, लेट होने की वजह से वह उन्हें कंधा भी नहीं दे पाया। पुलिस मुख्यालय के प्रेशर में एसपी ने थानेदार और सिपाही को निलंबित किया मगर हिलाहवाला करते 14 दिन बाद। पीड़ित का भाई फौजी है, इसलिए मामला सामने आ गया।

CG Police: रायपुर, राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पुलिस संगठित गिरोह की तरह काम कर रही है। उसे अपराध रोकने से कोई वास्ता नहीं...किसी भी सूरत में उसे पैसे चाहिए। ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव पुलिस रेंज के मोहला-मानपुर जिले में आया है। चिल्हारी थाने की पुलिस ने महाराष्ट्र के फौजी परिवार के साथ ऐसा जुल्म किया कि ताउम्र छत्तीसगढ़ पुलिस को वे भूल नहीं पाएंगे। बिना अपराध सिर्फ दो बैल खरीदने की उन्हें ऐसी सजा मिली कि पीड़ित युवक की मां नहीं रही...पुलिसिया जुल्म की वजह से वह अपनी मां को कंधा नहीं दे पाया।
बताते हैं, महाराष्ट्र के फौजी परिवार का सदस्य मोहला-मानपुर से खेती-किसानी के लिए एक जोड़ी बैल खरीदा था। उसे पिकअप गाड़ी में अपने गांव लेकर जा रहे थे, तभी चिल्हारी पुलिस की नजर पड़ गई।
पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने मवेशी तस्करी के केस में फंसाने के नाम पर एक लाख रुपए रिश्वत मांगा, वरना जेल भेज दिए जाओगे। पीड़ित ने कहा कि उसकी मां बीमार है...अंतिम समय चल रहा है...प्लीज उसे जाने दिया जाए। मगर पुलिस वालों का ह्दय पत्थर बना रहा। बोले, पहले पैसे लाओ, फिर बैल और पिकअप छोड़ेंगे।
छत्तीसगढ़ पुलिस की इस वसूली का भांडा नहीं फूटता पीड़ित युवक की मां का अगर निधन नहीं होता। मां के अंतिम संस्कार में पीड़ित युवक टाईम पर नहीं पहुंच सका। तब वास्तविकता जानकर उसे सगे-संबंधियों का खून खौल गया। फिर पीड़ित परिवार सामने आया।
पुलिस ने रिश्वत लौटाई
बताते हैं, पीड़ित युवक की मां के देहावसान के बाद पुलिस की वसूली की खबर गरमाने लगी तो चिल्हारी पुलिस के लोग युवक के गांव जाकर एक लाख रुपए वापिस कर आए। साथ ही पीड़ि़त पक्षों को फोन कर प्र्रेशर बनाने का प्रयास किया कि कोई बड़े अधिकारी अगर जांच कर ने आए, तो बोलना ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। खबर के नीचे चिल्हारी थाने के पुलिसकर्मी द्वारा ग्रामीण पर दबाव बनाते वीडियो अटैच है...इसे आप देख माजरा समझ सकते हैं।
एसपी बचाते रहे?
आरोप है कि मानपुर-मोहला के एसपी यशपाल सिंह आरोपी पुलिसकर्मियों को अंत तक बचाते रहे। पुलिस मुख्यालय के सीनियर अधिकारियों ने एनपीजी न्यूज को बताया...पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करने कहा गया तो उन्होंने दलील दी कि थानेदार ने पैसा वापिस कर दिया है। पीएचक्यू के अफसरों के बिगड़ने पर कल 4 मई की डेट में एसपी ने चिल्हारी के थानेदार और सिपाही को सस्पेंड किया। मगर घटना के 15 दिन बाद। मामला 20 अप्रैल का है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई...4 मई को। उधर, राजनांदगांव पुलिस रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य ने एसडीओपी नेहा पवार को थाना प्रभारी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच का जिम्मा सौंपा है।
घटना इस प्रकार बताई जाती है...
मानपुर-मोहला जिले के चिल्हाटी थाना से सटे गढ़चिरौली के रहने वाले फौजी परिवार के लोग भड़सेना पंचायत के आश्रित ग्राम कोलिहाटोला के रहने वाले रामकुमार सलामे से किसानी के लिए एक जोड़ी बैल खरीदा था। 20 अप्रैल को फौजी चतुर सिंधराम का बड़ा भाई मधुर सिंधराम बैल खरीदकर चिल्हाटी क्षेत्र के देवदास साहू के मालवाहक पीकप वाहन में मवेशी लेकर वापस लौट रहे थे। इसी बीच चिल्हाटी थाना के सामने देर शाम आबकारी चेकपोस्ट में मवेशी तस्करी के नाम पर मालवाहक को रोका गया। पीड़ितों द्वारा यह बताने के बाद भी कि उन्होंने खेती के लिए बैल खरीदा है...थाना प्रभारी के निर्देश पर सभी को थाना में रात भर भूखे प्यासे रखा गया।
थाने का घेराव
बीते सप्ताह चिल्हाटी की सैकड़ों महिला-पुरुष और युवाओं ने गांव में बिक रहे अवैध शराब के खिलाफ लामबंद होते हुए चिल्हाटी थाने का घेराव कर दिया था। उन्होंने इस दौरान बताया कि थाना प्रभारी रवि शंकर डहरिया के संरक्षण में क्षेत्र के भीतर असामाजिक गतिविधिया बड़े पैमाने पर संचालित हो रही है।