CG News: नान घोटाला: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने ED कोर्ट में किया सरेंडर...
CG News: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने ED कोर्ट में आज सरेंडर कर दिया है। दोनों से ED के हेड ऑफिस दिल्ली में पूछताछ की जाएगी।

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा 16 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टोडियन रिमांड पर रहेंगे। दोनों से ED मुख्यालय दिल्ली में पूछताछ की जाएगी। नान घोटाला में दोनों आरोपी सरेंडर करने के लिए 5 दिनों से ED कोर्ट आ रहे थे।
आलोक शुक्ला आज तीसरी बार सरेंडर करने कोर्ट पहुंचे थे। ED के अधिकारियों की मौजूदगी में कोर्ट में सरेंडर की प्रक्रिया की पूरी की गई। कोर्ट के बाहर CRPF जवानों की तैनाती की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रायपुर की ED कोर्ट में सुनवाई हुई। नान घोटाले के आरोपी रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा भी कोर्ट पहुंचे। ED ने कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट जे निर्देश के बाद आलोक शुक्ला 18 सितंबर को कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने सरेंडर कराने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अभी सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर अपलोड नहीं हुआ है। सरेंडर नहीं करा सकते हैं। इसके बाद 19 सितंबर को शुक्ला फिर कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन ED के वकील केस डायरी लेकर नहीं पहुंचे थे।
आलोक शुक्ला नान घोटाला में आरोपी हैं, यह मामला 2015 में सामने आया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित करने की कोशिश की। उन्होंने तत्कालीन महाधिवक्ता से मिलकर अपने पक्ष में जवाब तैयार करवाए। इन सब के बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ED ने कहा कि उनकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आलोक शुक्ला की अग्रिम जमानत रद्द कर दी। साथ ही आदेश दिया कि वे रायपुर की ईडी स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ये कहा
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा- पहले 2 हफ्ते ईडी की हिरासत और फिर 2 हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी। इसी वजह से आलोक शुक्ला 18 और 19 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे। नान घोटाला केस में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन ED ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ED ने कोर्ट में बताया कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। हमारी जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दी। कोर्ट ने ED की कस्टडी के लिए आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि पहले 2 हफ्ते ED की हिरासत और उसके बाद 2 हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 3 महीने में जांच पूरी करे ED
डिवीजन बेंच बेंच ने ED और EOW को जांच पूरी करने के लिए तय समय सीमा दी है। बेंच ने ED को तीन महीने और EOW को 2 महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
पढ़िए 2 क्या है नान घोटाला
नागरिक आपूर्ति निगम में चावल, नमक सहित खाद्य पदार्थों के परिवहन और भंडारण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों के आधार पर ACB और EOW ने 12 फरवरी 2015 को नान मुख्यालय और 28 अन्य स्थानों पर एक साथ छापेमारी की।
कार्रवाई के दौरान नान के रायपुर स्थित मुख्यालय से पौने 2 करोड़ रुपए से ज्यादा नगदी बरामद हुई। सभी जगहों पर छापों के बाद ACB ने कुल 3.50 करोड़ रुपए जब्त किए। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए।
जांच पूरी होने के बाद ACB ने नान के मैनेजर समेत 16 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया। करीब 5 हजार पेज के चालान में 213 गवाह बनाए गए थे। दो IAS अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद पूरक चालान पेश किया गया।
IAS अफसर आलोक शुक्ला पेशे से डॉक्टर हैं
IAS अफसर आलोक शुक्ला पेशे से डॉक्टर रह चुके हैं। फरवरी 2015 में नागरिक खाद्य आपूर्ति निगम में आर्थिक अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ। इस मामले में आलोक शुक्ला और IAS अनिल टुटेजा भी आरोपी बनाए गए। उस समय शुक्ला खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे और टुटेजा नान के MD थे।
