बिलासपुर, 20 मई 2022। धमतरी जिले के बिरगुड़ी अनुविभाग के उप वनमण्डलाधिकारी हरीश पाण्डेय की याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति तक कार्यमुक्त न किए जाने के निर्देशात्मक आदेश पारित किया है।
हरीश पाण्डेय की पदस्थापना धमतरी जिले के बिरगुड़ी अनुविभाग में उप वनमण्डलाधिकारी के पद पर हुई थी, जो कि वर्तमान में छत्तीसगढ़
प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के महासचिव हैं। 21 अप्रैल 2022 को शासन द्वारा एक आदेश जारी किया गया जिसमें मैनपुर में कार्यरत् सहायक संचालक एस.एस. नाविक को पाण्डेय के स्थान पर उप वनमण्डलाधिकारी के रूप में स्थानान्तरित कर दिया गया था। लेकिन इस आदेश में स्पष्ट लिखा गया था कि नाविक को बिरगुड़ी में श्री पाण्डेय की सेवानिवृत्ति के पश्चात् ही पदस्थापित किया जावे।
मामले में नाविक ने धमतरी के वनमण्डलाधिकारी कार्यालय में 27 मई 2022 को कार्यभार ग्रहण कर लिया था, जबकि पाण्डेय की सेवानिवृत्ति आगामी 31 दिसम्बर 2022 को होने वाली है।
व्यथित होकर पाण्डेय ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर दी। याचिका में यह आधार लिया गया था कि नाविक के संबंध में जारी 21 अप्रैल 2022 वाले ट्रान्सफर आदेश में विशेष उल्लेखन है कि नाविक की पदस्थापना पाण्डेय की जगह उनकी रिटायरमेण्ट के बाद ही पदस्थापित किया जा सकेगा दूसरा यह कि 2019 की स्थानान्तरण नीति के पदखण्ड 2.10 से साफ जाहिर है कि रिटायरमेण्ट के लिए अगर एक वर्ष बाकी है, तब ऐसे शासकीय सेवकों को उनके गृहजिले अथवा उनके वैकल्पिक जिले में ही पदस्थ किया जा सकेगा। याचिका में यह भी आधार लिया गया था कि शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रकाशित सर्कुलर के मुताबिक राज्य एवं जिला स्तरीय पदाधिकारियों जैसे अध्यक्ष एवं सचिव को स्थानान्तरण से छूट प्राप्त होगी, तथा यह याचिकाकर्ता प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के धमतरी जिले के महासचिव हैं।
याचिका की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामन्त की कोर्ट में हुई। उच्च न्यायालय ने इस पिटीशन का निराकरण करते हुए आदेश दिया कि अपने पद पर वर्तमान में सेवारत् याचिकाकर्ता हरीश पाण्डेय की सेवानिवृत्ति के 1 दिसंबर 2022 तक उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जावे। तथा वह अपने वर्तमान पदस्थापना बिरगुड़ी अनुविभाग के उपवनमण्डलाधिकारी के पद पर कार्य करते रहेंगे।