CG DGP Panel: UPSC ने DGP का पेनल भेजा, CM के दिल्ली से लौटने पर DGP के नाम का होगा ऐलान, जानिये कौन बनेगा पूर्णकालिक पुलिस प्रमुख...
CG DGP Panel: यूपीएससी से छह महीने की मीटिंग और विभिन्न क्वेरियों के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्णकालिक डीजीपी के लिए पेनल भेज दिया है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद नए डीजीपी के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। नीचे पढ़िये कौन होगा पूर्णकालिक डीजीपी?

CG DGP Panel: रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट से दो महीने पहले राज्य सरकार ने नए डीजीपी के लिए तीन नामों का पेनल यूपीएससी को भेजा था। इनमें सीनियरिटी के हिसाब से पवनदेव का नाम सबसे उपर था। फिर अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता का नाम था। बाद में सुप्रीम कोर्ट से जीपी सिंह का केस खतम कर दिए जाने के बाद उनका नाम भी पेनल में जुड़ गया। बता दें, जीपी हिमांशु गुप्ता से बैचवाइज सीनियर हैं, इसलिए उनका नाम हिमांशु से पहले दर्ज किया गया।
इसके बाद यूपीएससी से तमाम तरह की क्वेरियां चलती रहीं, जानकारियां मंगाई जाती रही। गृह विभाग छह महीने से डीजीपी के दावेदारों का डिटेल भेजता रहा। तमाम कवायदों के बाद पिछले हफ्ते यूपीएससी में डीपीसी हुई। इसमें हिस्सा लेने के लिए यहां से चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन दिल्ली गए थे। डीपीसी को हरी झंडी मिलने के बाद यूपीएससी से डीजीपी का पेनल छत्तीसगढ़ सरकार को भेज दिया है।
तीन की बजाए दो नाम
आमतौर पर डीजीपी के लिए तीन नामों का पेनल यूपीएससी से आता है। मगर इस बार दो ही नाम आए हैं। दो नाम कैसे कट गए, कोई बताने के लिए तैयार नहीं। जिम्मेदार लोगों का कहना है कि ये सिर्फ मुख्य सचिव अमिताभ जैन ही बता पाएंगे। क्योंकि, डीपीसी में वे मौजूद थे। जाहिर है, सभी सदस्यों के सामने पूरी दावेदारों की कुंडली की कंप्लीट विवेचना के बाद ही पेनल तैयार होता है। यूपीएससी से दो नामों का पेनल आया है, उसमें अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता का नाम शामिल है। पवनदेव और जीपी सिंह का नाम कट गया है। इन दो नामों का कटना इसलिए लोगों को हैरान कर रहा कि दोनों के पुराने केसेज खतम हो गए थे।
ये बनेंगे पूर्णकालिक डीजीपी
राज्य सरकार को पूर्णकालिक डीजीपी चुनने के लिए अब दो ही विकल्प हैं। अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता। इन दो नामों में से किसी एक नाम पर टिक लगाना होगा। चूकि चार महीने पहले राज्य सरकार ने गौतम पर भरोसा करते हुए उन्हें राज्य पुलिस की कमान सौंपी थी, नक्सल मोर्चे पर भी छत्तीसगढ़ पुलिस की कामयाबी जारी है। गौतम की छबि पर भी कोई दाग नहीं है। लिहाजा, चार महीने पहले लिए अपने फैसले को सरकार बदलेगी, इसकी कोई वजह नहीं दिखाई पड़ रही। चार महीने में अरुणदेव गौतम ने कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिससे सरकार असहज हुई हो। ऐसे में, गौतम की ताजपोशी में कोई संशय प्रतीत नहीं हो रहा। हालांकि, अंदरखाने में हिमांशु गुप्ता की पैठ भी गहरी बताई जाती है मगर सरकार कम-से-कम डीजीपी के मामले में सीनियरिटी को ओवरलुक नहीं करेगी।