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CG DGP Conference: छत्तीसगढ़ में DGP कांफ्रेंस: 28, 29,और 30 नवंबर को देशभर के डीजी रहेंगे मौजूद, पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह तीन दिन रहेंगे मौजूद

CG DGP Conference: छत्तीसगढ़ में पहली बार डीजीपी कांफ्रेंस होने जा रहा है। 28, 29,और 30 नवंबर को होने वाले डीजीपी कांफ्रेंस में देशभर के डीजी मौजूद रहेंगे। कांफ्रेंस की खास बात ये कि तीनों दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कांफ्रेंस में रहेंगे। इस दौरान देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होगी और पाॅलिसी भी वन-टू-वन आला अफसरों से चर्चा करेंगे। गृह मंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ में होने वाले डीजी कांफ्रेंस को लेकर चर्चा की।

CG DGP Conference: छत्तीसगढ़ में DGP कांफ्रेंस: 28, 29,और 30 नवंबर को देशभर के डीजी रहेंगे मौजूद, पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह तीन दिन रहेंगे मौजूद
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By Radhakishan Sharma

CG DGP Conference: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार डीजीपी कांफ्रेंस होने जा रहा है। 28, 29,और 30 नवंबर को होने वाले डीजीपी कांफ्रेंस में देशभर के डीजी मौजूद रहेंगे। कांफ्रेंस की खास बात ये कि तीनों दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कांफ्रेंस में रहेंगे। इस दौरान देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होगी और पाॅलिसी भी वन-टू-वन आला अफसरों से चर्चा करेंगे। गृह मंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ में होने वाले डीजी कांफ्रेंस को लेकर चर्चा की।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली मर्तबे डीजी कांफ्रेंस होने जा रहा है। देश की पुलिसिंग व्यवस्था को आधुनिकीकरण करने और प्रक्रियाओं को संशोधित,परिवर्धित और सरल कर कानूनी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। यह बहुत महत्वपूर्ण आयोजन है जो हमारे प्रदेश में हो रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा प्रदेश के अधिकारी व्यवस्था में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव तैयारियों की खुद समीक्षा कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ना तो यह नक्सल ऑपरेशन और ना ही कमिश्नरेट प्रणाली के लिए है। कांफ्रेंस में देशभर के डीजीपी शामिल होंगे। देशभर के पुलिसिंग में हो रहे नवाचारों की जानकारी देंगे और एक दूसरे के बीच इन नवाचारों को साझा करेंगे। नवाचार के आधार पर पुलिसिंग को और कैसे बेहतर बनाया जाए, अन्य राज्यों के पुलिस व्यवस्था से कैसे संपर्क साधा जाए और समन्वय बनाया जाए इस पर गंभीर चर्चा होगी। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में इस तरह का आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। कांफ्रेंस का सरोकार किस एक विषय के लिए नहीं है।

ऐसे लोगों को शहीद परिवार से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए

हिड़मा के एनकाउंटर के बजाय उसे समर्पण कराए जाने को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए बयान पर गृहमंत्री ने कहा कि जो लोग हिडमा के बारे में ऐसा कह रहे हैं उन्हें ताड़मेटला के बारे में सोचना चाहिए। जहां 76 जवान शहीद हो गए थे। क्या आप उन जवानों के परिवार वालों से कहेंगे कि तुम्हारा बच्चा नहीं रहा तो कोई बात नहीं। उन्हें एर्राबोर के बारे में सोचना चाहिए जहां पूरी की पूरी बस्ती जला दी गई, यहां तक कि आठ माह का बच्चा भी जल कर अपनी जान गंवा बैठा था। झिंगावरम के बारे सोचेंगे क्या या फिर झीरम के बारे में सोचेंगे जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का पूरा का पूरा नेतृत्व ही खत्म कर दिया गया था। इन सारी घटनाओं में जो शामिल थे उनके लिए सरकार ने बहुत समय से और कई सालों से कई कोशिशें की कि पुनर्वास हो जाए। और जब पुनर्वास ना हो तो क्या किया जाना चाहिए। जो लोग ऐसा कह रहे हैं उन्हें शहीद परिवारों से हाथ जोड़ कर माफी मांगनी चाहिए।

पीएम द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की सराहना,हमारे लिए गौरव की बात है

प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करने के सवाल पर कहा, यह बड़े ही भाग्य की बात है। पहले राज्योत्सव में प्रधानमंत्री ने हमें समय दिया और अब डीजीपी कॉन्फ्रेंस में समय दे रहे हैं। प्रधानमंत्री का जब मार्गदर्शन सीधे तौर पर प्रशासन को मिलता है तो इसका फायदा भी होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का आना,केंद्रीय मंत्रियों का आना, केंद्रीय स्तर के अधिकारियों के आने से छत्तीसगढ़ के शासन प्रशासन के अलावा मीडिया को भी प्रमोशन मिलता है।

अदालत का दरवाजा सबके लिए खुला है

हिड़मा के एनकाउंटर पर सोनी सोढ़ी के हालिया बयान "हिडमा की हत्या हुई है और इसे लेकर हम कोर्ट जाएंगे" इस संदर्भ में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कोर्ट सबके लिए है, सभी कोर्ट जा सकते हैं और परम ज्ञानियों के विषय में मैं ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता। बस्तर में जिन शिक्षादूतों की हत्या हुई, ग्रामीणों की हत्या हुई और आदिवासियों का सामूहिक नरसंहार किया गया उस संबंध में सोचना चाहिए।


दुश्मन को वोट बैंक बनाने वालों को एसआईआर से हो सकती है तकलीफ

अगले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण के संबंध में कानून लाए जाने की बात गृह मंत्री ने कही। एसआईआर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रुख को लेकर पूछे गए सवाल पर गृहमंत्री ने कहा कि एसआईआर क्या है,जो उस क्षेत्र के नहीं,उस घर के नहीं उन्हें मतदाता सूची से हटाने का कार्य एसआईआर है। इसमें उन्हें दिक्कत हो सकती है जो दुश्मनों को अपना वोट बैंक बनाए बैठे हैं। मतदाता सूची के शुद्धिकरण का कार्य अनिवार्य तौर पर होना ही चाहिए। बिहार में नीतीश कुमार द्वारा वंशवाद फैलाए जाने के आरोप पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जो लोग पूरे परिवार की पार्टी बना बैठे हैं ,वे वंशवाद के आरोप लगा रहे हैं।

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