CG CM Secretariat: CM विष्णुदेव साय का सचिवालय: जानिए... छत्तीसगढ़ सीएम सचिवालय की किस IAS अफसर को मिलेगी कमान
CG CM Secretariat: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पदभार ग्रहण के साथ ही प्रशासनिक फेरबदल की चर्चा गरम है। इस संभावित बदलाव में सभी की निगाहें सबसे बड़े पॉवर सेंटर सीएम सचिवालय पर है।
CG CM Secretariat: रायपुर। रायपुर। मुख्यमंत्री का सचिवालय यानी प्रदेश का प्रशासनिक पॉवर और कमांड सेंटर। सीएम सचिवालय से ही प्रदेश की पूरी सरकार चलती है। ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर सरकार की रीति-नीति सब कुछ सीएम सचिवालय से तय होता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में चुनिंदा अफसरों को ही स्थान मिल पाता है। इसी कारण न केवल प्रशासनिक महकमा बल्कि सियासी गलियारे में भी लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने सचिवालय में किन अफसरों को रखने जा रहे हैं।
अफसरों के अनुसार सत्ता परिवर्तन या मुख्यमंत्री बदले के साथ कुछ चुनिंदा पदों पर तुरंत बदलाव किया जाता है। इसमें सीएम सचिवालय भी शामिल है। राजस्थान में आज ही मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण हुआ है। पदभार ग्रहण करने के कुछ ही घंटे के भीतर नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने सचिवालय में तीन अफसरों की नियुक्ति कर दी। इनमें 98 बैच के आईएएस अफसर टी. रविकांत को सीएम का प्रमुख सचिव बनाया गया है। इधर, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण किया है, लेकिन यहां अभी तक कोई प्रशासनिक बदलाव नहीं किया गया है। इसके बावजूद बदलाव की संभावना बनी हुई है।
साय से पहले मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल ने अपने सचिवालय में एक एसीएस समेत चार आईएएस अफसरों को सेक्रेट्री बनाया था। अफसरों के अनुसार साय के पास सचिवालय के लिए विकल्प बेहद सीमित है। वजह यह है कि यहां एसीएस और प्रमुख सचिव (पीएस) स्तर के ज्यादातर अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। फिलहाल राज्य में उपलब्ध अफसरों में एसीएस रैंक पर एसीएस रेणु पिल्ले (1991) सुब्रत साहू (1992) और पीएस स्तर पर मनोज कुमार पिंगुआ (1994) और निहारिका बारिक (1997) हैं। एसीएस में रेणु पिल्ले नियम कायदों से टस से मस नहीं होती, इसलिए उनका मुमकिन नहीं। सुब्रत साहू निवर्तमान सीएम भूपेश बघेल के एसीएस रह चुके हैं। रही बात प्रमुख सचिव में तो सिर्फ मनोज पिंगुआ और निहारिका इस समय छत्तीसगढ़ में हैं। दिल्ली डेपुटेशन से अगर वापिस बुलाना हो तो उनमें पहला नाम 93 बैच के आईएएस अमित अग्रवाल का है। हालांकि, वे अब भारत सरकार में सेक्रेट्री बनने वाले हैं। बिना फोर्स किए वे आना नहीं चाहेंगे। प्रमुख सचिव में 94 बैच की ऋचा शर्मा, विकास शील, निधि छिब्बर, 95 बैच के गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी, 97 बैच में सुबोध सिंह हैं। सुबोध रमन सिंह के सचिव रह चुके हैं। इनके अलावा 99 बैच के सोनमणि बोरा का अगले महीने जनवरी में प्रमुख सचिव प्रमोशन ड्यू हो जाएगा।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ में इस वक्त सचिव स्तर के ये आईएएस हैं...।
शहला निगरा (2001) डॉ. कमल प्रीत सिंह (2002) रीता शांडिल्य (2002), सिद्धार्थ कोमल (2003) रीना बाबा कंगाले (2003) अविनाश चंपावत (2003) गोविंदराम चुरेंद्र (2003) प्रसन्न आर (2004) अंबलगन पी (2004) अलरमेलमंगई डी (2004) डॉ. संजय कुमार अलंग (2004), आर संगीता (2005), राजेश सुकुमार टोप्पो (2005) एस. प्रकाश (2005) टोपेश्वर वर्मा (2005) नीलम नामदेव एक्का (2005) अंकित आनंद (2006) श्रुति सिंह (2006) पी दयानंद (2006) डॉ. सीआर प्रसन्ना (2006, भूवनेश यादव (2006) सोलई भारती दासन (2006) शम्मी आबिदी (2007) केसी देवासेनापित (2007) बसवराजू एस (2007) हिमशिखर गुप्ता (2007) मोहम्मद कैसर अब्दुल हक (2007) यशवंत कुमार (2007) जनक प्रसाद पाठक (2007) छत्तीसगढ़ में हैं।
वहीं, वरिष्ठ रैंक के अफसर जो प्रदेश से बाहर हैं उनमें डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी (1995) गौरव द्विवेदी (1995) सुबोध सिंह (1997) सोनमणी बोरा (1999), अमित अग्रवाल (1993) ऋचा शर्मा (1994) निधि छिब्बर (1994), विकास शील (1994) रोहित यादव (2002) ऋतु सेन (2003) संगीता पी (2004) अमित कटारिया (2004) रजत कुमार (2005) मुकेश बंसल (2005) शामिल है।
मुख्यमंत्री साय अब राज्य में मौजूद अफसरों को ही अपने सचिवालय में रखते हैं या दिल्ली से किसी अफसर को वापस बुलाते हैं यह सीएम के विवेक पर निर्भर करता है। अब सरकार पर निर्भर करता है कि वो टी-20 स्टाइल में खेलने वाले अफसरों को सीएम सचिवालय में बिठाकर ताबड़तोड़ काम कराना चाहती है फिर मोह माया के चक्कर में पड़ लय लेंग्थ खराब कर चुके अफसरों को पोस्ट करना चाह रही।