CG Chief Secretary: नए चीफ सिकरेट्री के लिए अमित अग्रवाल और विकास शील का नाम सबसे उपर, ऋचा शर्मा भी दौड़ में शामिल...
CG Chief Secretary: छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार हैं। मगर इनमें सबसे अधिक चार आईएएस अधिकारियों के नाम चर्चा में है। इनमें अब महिला आईएएस ऋचा शर्मा का नाम भी जुड़ गया है।

CG Chief Secretary: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन का एक्सटेंशन 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगा। हालांकि, एक वर्ग अभी भी यह मानने के लिए तैयार नहीं है। उसे लगता है कि वर्तमान परिस्थितियों में अमिताभ जैन को तीन महीने का एक एक्सटेंशन और मिल सकता है। इसके लिए कई दीगर राज्यों का हवाला दिया जा रहा, जहां के मुख्य सचिव को छह महीने से लेकर एक साल का एक्सटेंशन मिला है। मगर अमिताभ जैन का टाईम काफी ज्यादा हो गया है। पूरे पौने पांच साल। देश में इतना लंबा कोई मुख्य सचिव रहा नहीं। अमिताभ जैन के नाम ही यह रिकार्ड दर्ज हुआ है। सो, भारत सरकार अब दूसरा एक्सटेंशन देने से बचेगा। जाहिर है, ऐसा अगर होता तो 30 जून को ही सीधे छह महीने का एक्सटेंशन मिल गया होता।
बहरहाल, नए मुख्य सचिव के लिए सीनियरिटी के हिसाब से देखें तो अमिताभ जैन के बाद रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू का नाम आता है। रेणु 91 बैच की आईएएस हैं तो सुब्रत 92 बैच के। इसके बाद 93 बैच के अमित अग्रवाल इस समय सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली में पोस्टेड हैं। 94 बैच के विकास शील एशियाई डेवलपमेंट बैंक मनीला में पोस्टेड हैं तो उनकी आईएएस पत्नी प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में।
मनिंदर और गौरव भी एलिजिबल
30 बरस की सेवा हो जाने की वजह से सेंट्रल डेपुटेशन में पदस्थ 95 बैच के आईएएस गौरव द्विवेदी और उनकी पत्नी डॉ0 मनिंदर कौर द्विवेदी भी मुख्य सचिव बनने के लिए पात्र हो गई हैं। यद्यपि, इनमें से किसी एक को मुख्य सचिव बनाने पर 91, 92 और 94 बैच के चार आईएएस अधिकारियों को सीनियर होने की वजह से मंत्रालय से बाहर करना होगा।
सबसे मजबूत दावेदार
अमिताभ जैन के बाद मुख्य सचिव बनने वालों में सबसे अधिक जिन आईएएस अधिकारियों की चर्चा है, उनमें 93 बैच के अमित अग्रवाल और विकास शील हैं। अगर केंद्र अपने तरफ से चीफ सिकरेट्री नियुक्त करेगा, तो इन दोनों में से किसी को छत्तीसगढ़ भेज सकता है। विकास शील को मनीला से बुलाना पड़ेगा। और अमित अग्रवाल दिल्ली में ही हैं। पता चला है, विकास शील के लिए छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों ने अपना फीडबैक दिया है।
ऋचा शर्मा का नाम चर्चा में
अभी तक मुख्य सचिव की दौड़ से ऋचा शर्मा बाहर थीं। 94 बैच की आईएएस अधिकारी ऋचा के बारे में यह परसेप्शन था कि वे फिर दिल्ली जाना चाहती हैं। मगर कुछ दिनों से अचानक उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है। दावा यह भी किया जा रहा कि राज्य सरकार से अगर अभिमत लिया जाएगा तो ऋचा शर्मा का पलड़ा भारी हो सकता है। ऋचा लंबे समय तक केंद्र में पोस्टेड रहीं हैं। रमन सरकार की तीसरी पारी के आखिरी दिनों में रायपुर आई थीं, मगर दिसंबर 2018 में सरकार बदलने के बाद वे फिर दिल्ली चली गई थीं। करीब चार साल बाद पिछले साल वे फिर छत्तीसगढ़ लौटीं।
मनोज पिंगुआ भी
हालांकि, राज्य सरकार की लिस्ट से मनोज पिंगुआ को भी एकदम से बाहर नहीं किया जा सकता। मनोज का नाम मुख्यमंत्री सचिवालय के लिए भी चला था मगर अंतिम समय में उनका नाम कट गया। 30 जून को अमिताभ जैन के रिटायरमेंट के दिन मनोज पिंगुआ को मुख्य सचिव बनाने का आदेश निकलने की चर्चाएं थी, मगर ऐसा हुआ नहीं। आखिरी समय में नाटकीय अंदाज में अमिताभ जैन को तीन महीने का एक्सटेंशन मिल गया।
सब कुछ केंद्र पर निर्भर
यह अब स्पष्ट हो चला है कि बीजेपी शासित राज्यों में मुख्य सचिव और डीजीपी की नियुक्ति भारत सरकार से बिना सहमति लिए नहीं हो रहा है। जिन राज्यों में सीएस या डीजीपी की नियुक्ति करनी होती है, उन्हें दिल्ली को सूचित कर मार्गदर्शन मांगा जाता है। भारत सरकार के पास कोई नाम होता है तो वहीं से फायनल करके भेज दिया जाता है या फिर पूछा जाता है कि कौन-कौन दावेदार हैं। इसके बाद फिर केंद्र फैसला करता है। छत्तीसगढ़ में 30 जून को ऐसा ही हुआ था। केंद्र सरकार ने अमिताभ जैन को आखिरी समय में तीन महीने का एक्सटेंशन दे दिया था। इसी तरह डीजीपी में हुआ था। राज्य सरकार के निर्देश पर गृह विभाग ने अरुणदेव गौतम को डीजीपी बनाने नोटशीट तैयार करने का निर्देश दे दिया था कि एक दिन पहले दिल्ली से फोन आ गया कि अशोक जुनेजा के छह महीने एक्सटेंशन का प्रस्ताव भेजिए। और जुनेजा को अगले दिन एक्सटेंशन मिल गया था। फिर दूसरी बार केंद्र ने अरुणदेव गौतम के नाम पर मुहर लगा प्रभारी डीजीपी बनाने हरी झंडी दे दी थी।
