Begin typing your search above and press return to search.

CG-बिग ब्रेकिंग: CS समेत 17 कलेक्टरों को नोटिस, चीफ जस्टिस डीबी ने मांगा जवाब

CG-बिग ब्रेकिंग: CS समेत 17 कलेक्टरों को नोटिस, चीफ जस्टिस डीबी ने मांगा जवाब
X
By NPG News

बिलासपुर, 18 जनवरी 2022। वनवासियों व राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रो को अभयारण्यों व राष्ट्रीय उद्यानों से बेदखल करने को लेकर लगी जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस की डीबी में हुई सुनवाई में छतीसगढ़ के चीफ सेकेट्री, केंद्रीय वन सचिव छतीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण सचिव समेत छतीसगढ़ के 17 जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी किया गया हैं। सभी से 6 सप्ताह में जवाब मांगा गया हैं।

मामले में मिली जानकारी के अनुसार वन्य प्राणियों के संरक्षण के नाम पर राज्य के विभिन्न विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों व अभयारण्यों जैसे अचानकमार टाइगर रिजर्व,भोरमदेव वाइल्ड लाइफ सेंचुरी,बारनवापारा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी,उदन्ति व बादल खोल सेंचुरी से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रो के रूप में संरक्षित समुदाय के आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा था। जिसके खिलाफ अखिल भारतीय जंगल मंच के संयोजक देव जीत नंदी के द्वारा अधिवक्ता रजनी सोरेन के माध्यम से जनहित याचिका लगाई हैं।

याचिका में बताया गया हैं कि इन वंचित समुदाय के लोगो का वनों के सरक्षंण ,संवर्धन व पर्यावरणीय जलवायु परिवर्तन को बचाये रखने में विशेष योगदान हैं। याचिका में बताया गया हैं कि ये समुदाय आदिम काल से ही वनों में रहते हैं और वनों पर ही निर्भर हैं लिहाजा उनके वनों के इको सिस्टम की अच्छी जानकारी हैं। और ये उसे अच्छे से सहेजते हैं। अपनी आजीविका के लिये भी वनों पर ही निर्भर हैं। इसके बाद भी इन्हें बेदखल करना ऐतिहासिक अन्याय के समान हैं। आज चीफ जस्टिस की डबल बेंच में हुई सुनवाई के बाद मुख्यसचिव,आदिम जाति कल्याण सचिव,केंद्रीय वन सचिव समेत छतीसगढ़ के 17 जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर हाइकोर्ट ने 6 सप्ताह में जवाब मांगा हैं।

Next Story