CEO Number One: सीईओ नंबर वन: CEO रीना कंगाले को बेस्ट अवार्ड, छत्तीसगढ़ के इस कलेक्टर को भी पुरस्कृत करेगा निर्वाचन आयोग
CEO Number One:
CEO Number One: रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित 5 राज्यों में नवंबर- दिसंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बेहतरीन काम करने वाले अफसरों के लिए पुरस्कार की घोषणा की है। इसमें छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) रीना बाबा साहेब कंगाले को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का आवर्ड देने की घोषणा की गई है। पुरस्कार पाने वालों की सूची नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के कलेक्टर रहे विनीत नंदनवार का नाम भी शामिल है। आयोग की तरफ से कुल 4 श्रेणियों में पुरस्कार की घोषणा की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ के 2 अफसर शामिल हैं। बता दें, पांच छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। इनमें सबसे साफ-सुथरा चुनाव छत्तीसगढ़ में हुआ। बिना किसी विवाद के। कहीं पर रिकाउंटिंग की भी जरूरत नहीं पड़ी। बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के इतने तगड़े बंदोबस्त और निगरानी की गई कि नक्सली अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। इस वजह से पांचों राज्यों में छत्तीसगढ़ की सीईओ को बेस्ट परफार्मिंग स्टेट अवार्ड के लिए चुना गया है। वहीं, दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर विनीत नंदनवार को बेस्ट इलेक्शन मैनेजमेंट अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- CG पहली महिला CEO: पुलिस कमिश्नर की IAS बेटी कराएंगी बस्तर में चुनाव, पहली बार 10 MI-17 हेलिकॉप्टर मिलेंगे
रायपुर. छत्तीसगढ़ में पहली बार एक महिला मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विधानसभा चुनाव का नेतृत्व कर रही हैं। बस्तर जैसे संवेदनशील इलाके में चुनाव कराना हमेशा से एक चुनौती रही है। बस्तर देश का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाका है। पिछले दो दशक में वहां हजार के करीब सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो चुके हैं तो लगभग इतने ही सिविलियन भी जान गवाएं हैं। बस्तर में हर चुनाव में नक्सली खून खराबा करते हैं। कभी पोलिंग पार्टी पर हमला तो कभी वायु सेना के हेलीकॉप्टर पर गोलीबारी। यही वजह है कि चुनाव आयोग इस बार 2018 के विधानसभा चुनाव से 200 कंपनी ज्यादा तैनात कर रही है। अबकी वायुसेना से 10 एमआई-17 हेलिकॉप्टर मिलेंगे। आईएएस रीना बाबा साहेब कंगाले के नेतृत्व में यह चुनाव होने जा रहा है। उनके पिता नागपुर के पुलिस कमिश्नर रहे हैं। रीना मुस्तैदी से बस्तर में निर्विघ्न चुनाव कराने के लिए जुटी हुई हैं। सुबह ऑफिस पहुंच देर रात तक मीटिंग, मानिटरिंग, चुनाव आयोग से वीडियो कांफ्रेंसिंग चलती रहती है।
निजी स्कूलों पर जुर्माना लगाकर चर्चा में रहीं
रीना बाबा साहेब कंगाले जब दुर्ग की कलेक्टर थीं, तब उन्होंने दो निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूली के मामले में 114 करोड़ रुपए जुर्माना किया था। इस फैसले के बाद कलेक्टर के साहसिक कदम की काफी चर्चा रही, क्योंकि उस दौरान दुर्ग व राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में पालक संघ के सदस्य आंदोलित थे।
आगे पढ़ें... कौन हैं रीना बाबा साहेब कंगाले...
11 गोल्ड मैडल के साथ एलएलबीआईएएस रीना बाबा साहेब कंगाले का जन्म नागपुर में हुआ। उनके पिता आईपीएस अधिकारी थे। रीना का जन्म आठ मार्च 1978 को हुआ था। वे 2003 में यूपीएससी से आईएएस सलेक्ट हुईं। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से फर्स्ट डिवीजन में एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। वे यूनिवर्सिटी की टॉपर थीं और 11 गोल्ड मैडल अपने नाम किया था। छत्तीसगढ़ कैडर मिलने के बाद उन्हें दुर्ग के असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। इसके बाद दुर्ग, दंतेवाड़ा और कोरबा की कलेक्टर रहीं।
2011-12 में डायरेक्टर एजुकेशन बनीं। इसके बाद 2015-2017 तक खनिज विभाग की डायरेक्टर रहीं। 2017-2019 तक आदिम जाति कल्याण विभाग की सचिव रहीं। इसके बाद 2019 से 2020 तक वाणिज्यिक कर विभाग की सचिव रहीं। जनवरी 2020 में उन्हें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई। रीना को मशहूर लेखकों की किताबें पढ़ना और बैडमिंटन खेलना पसंद है।