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BVR Subramaniam CEO of NITI Aayog: नीति आयोग के नए CEO सुब्रमणियम...जिन्हें PMO में रखने के लिए पीएम मनमोहन सिंह ने दुखी होकर सीएम को पत्र लिखा था, जानिये कौन हैं Ex IAS सुब्रमणियम

सुब्रमणियम मध्यप्रदेश का जब बंटवारा नहीं हुआ था, तभी मध्यप्रदेश से सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए थे। छत्तीसगढ़ बनने के 15 साल बाद वे मूल कैडर में रायपुर लौटे। वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं।

BVR Subramaniam CEO of NITI Aayog: नीति आयोग के नए CEO सुब्रमणियम...जिन्हें PMO में रखने के लिए पीएम मनमोहन सिंह ने दुखी होकर सीएम को पत्र लिखा था, जानिये कौन हैं Ex IAS सुब्रमणियम
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By NPG News

BVR Subramaniam CEO of NITI Aayog: रायपुर। पूर्व आईएएस अधिकारी बीवीआर सुब्रमणियम को नीति आयोग का सीईओ बनाया गया है। वे 1987 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस रहे। पिछले साल केंद्रीय वाणिज्य सचिव से रिटायर होने के बाद भारत सरकार ने उन्हें भारत व्यापार संवर्धन याने आईटीओपी का सीएमडी अपाइंट किया था। दो साल के लिए उनकी यह पोस्टिंग थी। मगर नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर के वर्ल्ड बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनकर जाने की वजह से नीति आयोग में सीईओ का पद खाली हो रहा है। केंद्र सरकार ने सुब्रमणियम को परमेश्वर की जगह पोस्ट किया है। परमेश्वरन 1981 बैच के आईएएस थे।

सुब्रमणियम मध्यप्रदेश का जब बंटवारा नहीं हुआ था, तभी मध्यप्रदेश से सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए थे। छत्तीसगढ़ बनने के 15 साल बाद वे मूल कैडर में रायपुर लौटे। वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की डिग्री भी है। सुब्रमणियम लंबे समय तक प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ पीएमओ में ज्वाइंट सिकरेट्री रहे। डेपुटेशन का पीरियड खतम होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने कई बार सुब्रमणियम को रिलीव करने भारत सरकार को पत्र भेजा। केंद्र ने जब उन्हें छत्तीसगढ़ भेजने में रुचि नहीं दिखाई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए सुब्रमणियम को कार्यमुक्त करने पत्र लिखा। इस पर मनमोहन सिंह ने दुखी होकर रमन सिंह को पत्र लिखा था....क्या प्रधानमंत्री को इतना भी अधिकार नहीं कि वह अपने पसंद का आईएएस रख सकें। चूकि प्रधानमंत्री ऐसा पत्र लिख डाले, लिहाजा राज्य सरकार ने इस इश्यू को वहीं पर ड्रॉप कर दिया। 2014 मई में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। मोदी के पीएमओ में आने के बाद भी सुब्रमणियम करीब साल भर पीएमओ में रहे। 2015 में केंद्र सरकार ने उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी तो वे पहली बार छत्तीसगढ़ लौटे। छत्तीसगढ़ में उन्हें प्रमुख सचिव गृह, जेल और परिवहन की दायित्व सौंपा गया। 2018 में केंद्र ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्य सचिव बनाकर श्रीनगर भेजा दिया। जम्मू-कश्मीर के वे आखिरी प्रमुख सचिव रहे। इसके बाद कश्मीर को तीन हिस्सों में बंट गया। श्रीनगर से वे दिल्ली लौटे तो उन्हें उन्हें केंद्रीय वाणिज्य सचिव बनाया गया। पिछले साल वे आईएएस से रिटायर हुए। सुब्रमणियम काफी शार्प और सूझबूझ वाले नौकरशाह माने जाते हैं। राजनीतिज्ञों से उनकी अच्छी छनती भी है। पीएमओ में पहले वे मनमोहन सिंह के करीब रहे। बाद में मोदी सरकार ने उन पर भरोसा करते हुए जम्मू-कश्मीर का चीफ सिकरेट्री अपाइंट किया। उसके बाद केंद्रीय वाणिज्य सचिव। फिर आईपीटीओ का सीएमडी। और अब नीति आयोग जैसे प्रतिष्ठित संस्था का सीईओ। उनकी पत्नी उमा देवी भारतीय वन सेवा की अधिकारी थी। आईएएस में उन्हें नार्थ ईस्ट कैडर मिला था। और उनकी पत्नी को मध्य प्रदेश। पत्नी के आधार पर सुब्रमणियम का कैडर चेंज होकर मध्य प्रदेश किया गया था।

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