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Break in service: क्‍या है ब्रेक इन सर्विस: जानिए...ब्रेक इन सर्विस क्‍यों मानते हैं सबसे बड़ी सजा..

Break in service: ब्रेक इन सर्विस एक तरह की सजा है। सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्‍टरों में इसे सबसे बड़ी सजा मानी जाती है। इस सजा का असर पूरे सर्विस रिकार्ड पर पड़ता है।

Break in service: क्‍या है ब्रेक इन सर्विस: जानिए...ब्रेक इन सर्विस क्‍यों मानते हैं सबसे बड़ी सजा..
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By Sanjeet Kumar

Break in service: एनपीजी न्‍यूज डेस्‍क

ब्रेक इन सर्विस एक तरह की अनुशासनात्‍मक कार्यवाही है। प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की नौकरियों में इस सजा को सबसे ज्‍यादा खतरनाक माना जाता है। यह सजा लंबे समय तक बिना स्‍वीकृति के अवकाश पर रहने वाले को दी जाती है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी बिना पूर्व सूचना या स्‍वीकृति के 13 दिन से ज्‍यादा की छुट्टी पर रहता है और लौटने के बाद भी वह अपने अवकाश का उचित कारण नहीं साबित नहीं कर पाता है तो ऐसी मनमानी करने वालों को ब्रेक इन सर्विस की सजा दी जाती है। इसमें ब्रेक इन सर्विस अवधि को वेतन, वेतन वृद्धि ,वरिष्ठता आदि किसी भी उद्देश्य के लिए सेवा में व्यवधान माना जाता है। प्राइवेट और सरकारी दोनों ही सेक्‍टरों को अवकाश स्‍वीकृत करने का अधिकार तत्‍कालीन बॉस के पास रहता है। वही ब्रेक इन सर्विस की सजा की सिफारिश करता है। सरकारी नौकरी में सर्विस ब्रेक सबसे बड़ा दंड है, क्योंकि सर्विस ब्रेक का मतलब उस ब्रेक से पहले की सर्विस पेंशन, ग्रचुटी के लिए काउंट नहीं होगी।

सरकारी सेक्‍टर में छुट्टियां

प्राइवेट सेक्‍टर की तुलना में सरकारी सेक्‍टर में अवकाश के प्रकार अधिक हैं। सरकारी सेक्‍टर में आकस्मिक अवकाश, अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश, असाधारण अवकाश आदि स्वीकृत किया जाता है। जब किसी कर्मचारी को कोई भी अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाता है तो एक तरह की सजा होती है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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