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Bilaspur Highcourt News: कानफोड़ू डीजे के संबंध में प्रकाशित खबरों को चीफ जस्टिस ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव से मांगा हलफनामा

Bilaspur Highcourt News: कानफोड़ू डीजे के संबंध में प्रकाशित खबरों को चीफ जस्टिस ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव से मांगा हलफनामा
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By Sandeep Kumar

बिलासपुर। त्योहारों के मौसम में बजने वाले कानफोड़ू डीजे से जनता को हो रही परेशानी को चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया है। इस संबंध में छप रही खबरों को संज्ञान में लेकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है।

त्यौहारी सीजन में कानफोड़ू डीजे के चलते बुजुर्गों के साथ ही बच्चों व आम लोगों को लगातार परेशानी झेलनी पड़ती है। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में कई गाइडलाइन तय करते हुए कई बार पूर्व में निर्देश जारी किए है। बावजूद इसके डीजे के शोर पर लगाम नहीं लग पा रही है। डीजे की तेज आवाज से हो रही परेशानी को देखते हुए मीडिया ने भी इसकी खबरें प्रमुखता से प्रसारित की है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 दिसंबर 2016 को भी हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी कलेक्टर एसपी को डीजे पर लगाम लगाने के निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके डीजे का शोर नहीं थमा।

खबरों को संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस ने स्वतः संज्ञान ले लिया है। चीफ जस्टिस व जस्टिस नरेंद्र चंद्रवंशी की बेंच ने सुनवाई करते हुए wppil 88/2023 दर्ज कर सुनवाई की। तथा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी आदेशों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है।

चीफ जस्टिस ने माना कि बिलासपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति बदहाल है,जो की समाचारों की कतरनों से भी स्पष्ट है। यह जिम्मेदार राज्य अधिकारियों के अपमानजनक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है। वे ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने कोई भी प्रयास करने में असफल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के साथ साथ उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न आदेश व निर्देश पारित करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

इस संबंध में एक जनहित याचिका पर दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देश जारी कर डीजे ना बजने के लिए आदेश जारी किए थे। साउंड बॉक्स बजाने पर जिस गाड़ी में यह रख कर बजाया जा रहा है उसका रिकार्ड रखने और दूसरी बार उसी गाड़ी पर साउंड बॉक्स बजाए जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किए जाने और बिना हाईकोर्ट के आदेश के कोई नया फॉर्मेट जारी नहीं करने के निर्देश उच्च न्यायालय ने दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश का आज तक पालन नहीं हुआ है और शहर में कई अवसरों पर तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है

इससे लोगों को भारी दिक्कत होने के साथ ध्वनि संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ रहा हैं।

पिछले साल 19 फरवरी को हाई कोर्ट में डीजे से प्रदूषण पर दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय को शासन से दिशा निर्देश लेने को कहा था कि कोर्ट के आदेश पर क्या कार्रवाई की जा रही है छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति रायपुर ने यह याचिका दायर की थी।

सुनवाई के दौरान युगल पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यसचिव को हलफनामा देकर यह बताने को कहा है कि उत्सवों के अवसर के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि विस्तारक यंत्रों,डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए क्या प्रयास किए गए। कोर्ट ने इस संबंध में एक विस्तृत शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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