Bhaskar Khulbe: पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे का हिंदी में जीवन परिचय बायोग्राफी ..
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एनपीजी न्यूज डेस्क
Bhaskar Khulbe: उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 13 दिन से बड़ा अभियान चल रहा है। मजदूरों को बचाने की इस मुहिम में एक नाम की चर्चा बार-बार हो रही है। वह नाम है भास्कर खुल्बे का। खुल्बे मूल रुप से उत्तरखंड के ही रहने वाले हैं और उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग के ओएसडी हैं। खुल्बे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा संबंध है।
1983 बैच के आईएएस अफसर खुल्बे 2014 से 2022 तक पीएमओ में काम कर चुके हैं। इस दौरान पीएम के सचिव के साथ पीएम के सलाहकार का पद भी संभाल चुके हैं। लंबा प्रशासनिक अनुभव रखने वाले खुल्बे पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं।
खुल्बे उत्तराखंड के नैनीताल में पले बढ़े हैं। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से 1979 में जूलॉजी से एमएससी की थी। वह अपने बैच के टॉपर रहे। खुल्बे की पत्नी मीता आईएएस अफसर रह चुकी हैं। खुल्बे मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं जो नैनीताल में तल्लीताल में लक्ष्मी कुटीर के नजदीक रहता था। उनके पिता ख्यालीराम खुल्बे कांट्रेक्टर थे और उनके दो भाई नवीन व जीवन बैंक अधिकारी रहे।
खुल्बे का चयन पहले भारतीय सेना में अधिकारी के पद हो गया था। 6 माह तक ट्रेनिंग भी की लेकिन मेडिकल कारण से उन्हें वापस आना पड़ा। इसके बाद जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रो. जेएस बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी शुरू कर दी थी। 1982 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज के लिए हुआ। इसमें वह अखिल भारतीय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे थे। आईएफएस की ट्रेनिंग के दौरान भी वे पढ़ाई में लगे रहे और अंतत: उनका चयन आईएएस में हो गया।
1994 में उन्होंने यूनाइटेड से सोशल पॉलिसी का कोर्स भी किया है। पश्चिम बंगाल में रहते उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में आने के बाद खुल्बे पहले कैबिनेट सचिवालय में निदेशक, संयुक्त सचिव के रूप में काम किए। फिर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग एवं प्रधान स्थानिक आयुक्त रहे। 2001 में वे ब्रुसेल्स में भारतीय दूतावास में सलाहकार भी रहे। इसके बाद वे प्रधान मंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव बने।